गोरखपुर: प्रदेश के सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह शुक्रवार को गोरखपुर मंडल के दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने नदियों के बढ़ते जलस्तर और पानी से घिरे हुए इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. उन्होंने दौरे के दौरान महराजगंज और कुशीनगर के अधिकारियों के साथ बैठक कर ताजा हालात की समीक्षा भी की.
गोरखपुर लौटकर सर्किट हाउस में उन्होंने मंडलीय अधिकारियों के साथ बैठककर बाढ़ की तैयारियों में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरतने का सख्त निर्देश दिया. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सीएम योगी के मार्गदर्शन में बाढ़ बचाव के जो ऐतिहासिक कार्य हुए हैं, उससे पूरे उत्तर प्रदेश पर तनिक भी बाढ़ का खतरा नहीं है. हालांकि नेपाल ने नवलपरासी में बाढ़ नियंत्रण की परियोजनाओं को शुरू नहीं होने दिया. फिर भी यूपी सरकार अपनी तैयारियों के भरोसे हर हालत से निपटने में सक्षम है.
सिंचाई मंत्री ने कहा कि पिछले साल 17 जुलाई तक 210 मिलीमीटर बारिश हुई थी, जबकि इस वर्ष 17 जुलाई तक 800 मिलीमीटर बारिश हुई है. फिर भी बाढ़ का कोई खतरा अभी तक सामने नहीं आया है. उन्होंने कहा कि 17 जुलाई 2019 तक नदियों में 2 लाख 40 हजार क्यूसेक मीटर पानी था. वहीं इस वर्ष आज की तारीख तक नदियों में 3 लाख 35 हजार क्यूसेक मीटर पानी हो चुका है. यह योगी सरकार के बाढ़ बचाव की तैयारियों का नतीजा ही है कि न तो बंधों पर कोई खतरा मंडराया है और न ही जनता पर. उन्होंने इसके बावजूद भी बाढ़ बचाव को लेकर अधिकारियों को किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने का आदेश दिया है.
सिंचाई मंत्री ने कहा कि नेपाल सरकार ने सहयोग किया होता तो नवलपरासी में बाढ़ बचाव के लिए तैयार की गई उत्तर प्रदेश सरकार की कई परियोजनाएं मूर्त रूप लेती दिखाई देतीं, जिससे वर्तमान के साथ भविष्य में भी बाढ़ के किसी भी संकट से निपटा जा सकता था. उन्होंने साल 2019 और साल 2020 में नेपाल द्वारा छोड़े गए पानी का जिक्र करते हुए कहा कि नेपाल ने पिछले वर्ष 1 लाख 90 हजार क्यूसेक मीटर पानी छोड़ा था, तो इस वर्ष अब तक 3 लाख 39 हजार पानी छोड़ चुका है. बावजूद इसके सब सुरक्षित है और आगे भी रहेगा.