गोरखपुर: डॉ. कफील खान ने सीएम योगी को पत्र लिखकर कहा कि कोरोना महामारी से देश जूझ रहा है. ऐसे में देश के नागरिकों की सेवा करने के उद्देश्य से उनका निलंबन वापस लिया जाए, ताकि वे लोगों की जान बचा सकें.
ये है मामला
बीआरडी मेडिकल कॉलेज से निलंबित डॉ. कफील खान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर खुद को बहाल किए जाने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी के समय मरीजों की सेवा करने के लिए उनका निलंबन वापस लिया जाए. फिर अगर सरकार चाहे तो कोरोना काल समाप्त होने के बाद उन्हें दोबारा से निलंबित कर दे. डॉ. कफील खान ने कहा कि बतौर बाल रोग विशेषज्ञ के साथ इमरजेंसी सेवा देने के लिए खुद को चिकित्सा पेशे से जोड़ना चाहते हैं.
डॉ. कफील खान, वर्ष 2017 में गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन से हुई बच्चों की मौत के मामले में दोषी ठहराए गए थे. इसके लिए वह जेल भी भेजे गए थे. वर्तमान में भी इनके खिलाफ मामले की जांच चल रही है. कोर्ट ने राहत देते हुए इन्हें जमानत दी है, लेकिन अभी मामला अटका ही है.
डॉक्टरों का हवाला दिया है डॉ. कफील ने
डॉ. कफील ने पत्र में लिखा कि कोरोना की दूसरी लहर से देश में कोहराम मचा हुआ है. ऐसे में वह लोगों की और संकट की घड़ी में देश की सेवा करना चाहते हैं. लिखा कि तमाम ऐसे डॉक्टर हैं, जो विभागीय कार्रवाई के शिकार हुए हैं. उन्हें सरकार बहाल करके इस दौर में उनसे सेवा ले रही है. ऐसे में उनका भी निलंबन रद्द करते हुए इस महामारी से लड़ने के लिए सेवा का मौका दिया जाए.
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डॉ. कफील ने अपने पत्र में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. राजेश मिश्रा और मेंटेनेंस प्रभारी डॉ. सतीश का जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि इनके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई हुई थी, लेकिन अब यह बहाल किए जा चुके हैं. वहीं 36 बार पत्र लिखने के बाद भी डॉ. कफील का निलंबन विभागीय अधिकारी वापस नहीं ले रहे हैं.
कोर्ट के आदेश की भी सुधि नहीं ले रहा स्वास्थ्य महकमा
डॉ. कपिल खान ने पत्र में लिखा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश का भी विभागीय अधिकारी सुधि नहीं ले रहे हैं, जिसमें उन्हें भ्रष्टाचार के मामले से आरोप मुक्त किया गया है. साथ ही 90 दिन के अंदर निलंबन वापसी का भी आदेश था, लेकिन आज 1300 दिन बीत गए हैं. फिर भी डॉ. कफील के निलंबन वापसी की कोई प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी है. उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी या सरकार चाहे जिस मंशा से काम करे, लेकिन उनकी इच्छा है कि इस महामारी में वह देश की सेवा कर सकें.