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गेहूं खरीद के लिए घर-घर चलाया जा रहा अभियान, जानिए फिर भी लक्ष्य क्यों पहुंच से दूर?

यूपी के गोरखपुर जिले में एजेंसियों के कर्मचारियों ने गांव-गांव, घर-घर पहुंचने का अभियान चलाया है. यह अभियान किसानों से गेहूं खरीद के लिए चलाया गया है.

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Published : Apr 25, 2023, 12:48 PM IST

गोरखपुर : गेहूं खरीद में तय लक्ष्य को समय से हासिल करने के लिए, प्रदेश की योगी सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य, इस वर्ष प्रति कुंतल 2125 रुपये निर्धारित किया है. बावजूद इसके किसान सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं की बिक्री करने में तेजी नहीं दिखा रहे. यही वजह है की गोरखपुर में सरकारी खरीद एजेंसियों से जुड़े, अधिकारियों और कर्मचारियों के हाथ पांव फूले हुए हैं कि कहीं वह लक्ष्य से पिछड़ न जाएं, क्योंकि पिछले वर्ष 2022 में भी इस मंडल में गेहूं की खरीद की प्रगति बेहद खराब थी. लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 14.21% ही गेहूं की खरीद हुई थी. किसानों को प्रोत्साहित करने और उनके गेहूं खरीदने के लिए, सरकारी एजेंसियों के कर्मचारियों ने गांव-गांव, घर-घर पहुंचने का अभियान तय किया था. बावजूद इसके उन्हें खरीद में मनचाही सफलता नहीं मिल रही. सूत्रों की मानें तो किसान बिचौलिये के हाथ गेहूं महंगे दाम पर बेच रहे हैं और कुछ महीने बाद इसमें और महंगाई की उम्मीद करके गेहूं की बिक्री को रोके हुए हैं.


जिले में निर्धारित 152 क्रय केंद्रों के अलावा पूरे मंडल में 541 क्रय केंद्रों से खरीद होनी है. गांव-गांव मोबाइल वैन के जरिए, किसानों की सुविधा के अनुसार घर-घर पहुंच कर 2125 रुपए में सरकार द्वारा निर्धारित ठेकेदारों के जरिए गेहूं खरीद का प्रयास हो रहा है. गेहूं खरीद के लिए करीब 33 लाख बोरी का इंतजाम तो किया गया है, लेकिन किसानों की रुचि उसके सापेक्ष बिक्री में कम है. इस वर्ष का लक्ष्य 3 लाख 85 हजार मीट्रिक टन है जो 15 जून तक खरीदनी है, लेकिन अभी 25 दिनों में मात्र चार हजार 200 एमटी ही खरीद हो पाई है.

इस व्यवस्था के संबंध में क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी संजीव कुमार का कहना है कि 'समय की बर्बादी न हो, इसलिए किसानों की सुविधा के अनुसार उनका गेहूं मोबाइल वैन के जरिए, सरकार खरीदने में जुटी है. इससे किसानों को अब इधर-उधर भाग दौड़ करने की जरूरत नहीं करनी पड़ेगी. आरएफसी व अपर आयुक्त अनुज मलिक ने इसके लिए गोरखपुर सहित मंडल के हर ब्लॉक में आवश्यकता अनुसार एक से दो ठेकेदारों को निर्धारित किया है. जिनके पास फोन आते ही तत्काल वह अपने वैन को लेकर किसान के घर पहुंचकर गेहूं खरीद करने का कार्य करेंगे. 48 घंटे के अंदर लिए गए गेहूं के मूल्य को उनके खाते में भेजने का कार्य भी किया जायेगा. केंद्रों के अलावा प्रत्येक ब्लॉक में एक से दो ठेकेदार के जरिए जरूरत के हिसाब से गेहूं क्रय, मोबाइल वैन निर्धारित किया गया है जो, सेक्टर इंचार्ज की देखरेख में किसानों की सुविधा के अनुसार, उनके घर पहुंचकर गेहूं क्रय करने का कार्य कर रहे हैं.'

उन्होंने बताया कि 'इस अभियान के तहत फोन आते ही गांव में गेहूं खरीदने के लिए टीम पहुंचेगी. फसल समर्थन मूल्य योजना के तहत शत-प्रतिशत किसानों को लाभान्वित करने की सरकार की मंशा है, लेकिन किसान जहां अपना लाभ देख रहा है वैसा निर्णय ले रहा है. शासन ने मोबाइल क्रय केंद्र के माध्यम से गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया है. शासन के निर्देश के बाद गांव में खरीद करने के लिए संबंधित केंद्र प्रभारी के साथ, राजस्व लेखपाल व पंचायत सचिव को शामिल किया गया है. गांव में खरीद हो इसके लिए किसानों को अपने नजदीकी क्रय केंद्र के प्रभारी को सूचित करना होगा. खरीद के दौरान एक ट्रक पूरा होने तक गेहूं को पंचायत भवन में सुरक्षित रखा जा रहा है. एक ट्रक गेहूं होने के बाद पंजीकृत परिवहन ठेकेदार के माध्यम से गेहूं की लोडिंग कर उसे एफसीआई भेजा जायेगा. गांव में गेहूं खरीद प्रक्रिया की नियमित निगरानी करते हुए किसानों को परेशान करने वाले केंद्र प्रभारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.'

यह भी पढ़ें : लखनऊ में गर्भवती महिलाओं की मुफ्त अल्ट्रासाउंड जांच, अब प्राइवेट सेंटर में भी लेनी होगी तारीख

गोरखपुर : गेहूं खरीद में तय लक्ष्य को समय से हासिल करने के लिए, प्रदेश की योगी सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य, इस वर्ष प्रति कुंतल 2125 रुपये निर्धारित किया है. बावजूद इसके किसान सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं की बिक्री करने में तेजी नहीं दिखा रहे. यही वजह है की गोरखपुर में सरकारी खरीद एजेंसियों से जुड़े, अधिकारियों और कर्मचारियों के हाथ पांव फूले हुए हैं कि कहीं वह लक्ष्य से पिछड़ न जाएं, क्योंकि पिछले वर्ष 2022 में भी इस मंडल में गेहूं की खरीद की प्रगति बेहद खराब थी. लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 14.21% ही गेहूं की खरीद हुई थी. किसानों को प्रोत्साहित करने और उनके गेहूं खरीदने के लिए, सरकारी एजेंसियों के कर्मचारियों ने गांव-गांव, घर-घर पहुंचने का अभियान तय किया था. बावजूद इसके उन्हें खरीद में मनचाही सफलता नहीं मिल रही. सूत्रों की मानें तो किसान बिचौलिये के हाथ गेहूं महंगे दाम पर बेच रहे हैं और कुछ महीने बाद इसमें और महंगाई की उम्मीद करके गेहूं की बिक्री को रोके हुए हैं.


जिले में निर्धारित 152 क्रय केंद्रों के अलावा पूरे मंडल में 541 क्रय केंद्रों से खरीद होनी है. गांव-गांव मोबाइल वैन के जरिए, किसानों की सुविधा के अनुसार घर-घर पहुंच कर 2125 रुपए में सरकार द्वारा निर्धारित ठेकेदारों के जरिए गेहूं खरीद का प्रयास हो रहा है. गेहूं खरीद के लिए करीब 33 लाख बोरी का इंतजाम तो किया गया है, लेकिन किसानों की रुचि उसके सापेक्ष बिक्री में कम है. इस वर्ष का लक्ष्य 3 लाख 85 हजार मीट्रिक टन है जो 15 जून तक खरीदनी है, लेकिन अभी 25 दिनों में मात्र चार हजार 200 एमटी ही खरीद हो पाई है.

इस व्यवस्था के संबंध में क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी संजीव कुमार का कहना है कि 'समय की बर्बादी न हो, इसलिए किसानों की सुविधा के अनुसार उनका गेहूं मोबाइल वैन के जरिए, सरकार खरीदने में जुटी है. इससे किसानों को अब इधर-उधर भाग दौड़ करने की जरूरत नहीं करनी पड़ेगी. आरएफसी व अपर आयुक्त अनुज मलिक ने इसके लिए गोरखपुर सहित मंडल के हर ब्लॉक में आवश्यकता अनुसार एक से दो ठेकेदारों को निर्धारित किया है. जिनके पास फोन आते ही तत्काल वह अपने वैन को लेकर किसान के घर पहुंचकर गेहूं खरीद करने का कार्य करेंगे. 48 घंटे के अंदर लिए गए गेहूं के मूल्य को उनके खाते में भेजने का कार्य भी किया जायेगा. केंद्रों के अलावा प्रत्येक ब्लॉक में एक से दो ठेकेदार के जरिए जरूरत के हिसाब से गेहूं क्रय, मोबाइल वैन निर्धारित किया गया है जो, सेक्टर इंचार्ज की देखरेख में किसानों की सुविधा के अनुसार, उनके घर पहुंचकर गेहूं क्रय करने का कार्य कर रहे हैं.'

उन्होंने बताया कि 'इस अभियान के तहत फोन आते ही गांव में गेहूं खरीदने के लिए टीम पहुंचेगी. फसल समर्थन मूल्य योजना के तहत शत-प्रतिशत किसानों को लाभान्वित करने की सरकार की मंशा है, लेकिन किसान जहां अपना लाभ देख रहा है वैसा निर्णय ले रहा है. शासन ने मोबाइल क्रय केंद्र के माध्यम से गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया है. शासन के निर्देश के बाद गांव में खरीद करने के लिए संबंधित केंद्र प्रभारी के साथ, राजस्व लेखपाल व पंचायत सचिव को शामिल किया गया है. गांव में खरीद हो इसके लिए किसानों को अपने नजदीकी क्रय केंद्र के प्रभारी को सूचित करना होगा. खरीद के दौरान एक ट्रक पूरा होने तक गेहूं को पंचायत भवन में सुरक्षित रखा जा रहा है. एक ट्रक गेहूं होने के बाद पंजीकृत परिवहन ठेकेदार के माध्यम से गेहूं की लोडिंग कर उसे एफसीआई भेजा जायेगा. गांव में गेहूं खरीद प्रक्रिया की नियमित निगरानी करते हुए किसानों को परेशान करने वाले केंद्र प्रभारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.'

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