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शिक्षा का फैल रहा उजियारा, आत्मनिर्भर हो रहीं मुसहर और वनटांगिया समाज की बेटियां

कुशीनगर में मुसहर समुदाय की बेटियां राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी से ट्रेनिंग लेने के बाद तेलंगाना में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर अपने-अपने घरों के लिए सही मायने में लक्ष्मी की भूमिका निभा रही है.

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मुसहर और वनटांगिया समाज की बेटियां
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Published : Oct 26, 2022, 10:53 AM IST

गोरखपुर: मुसहर बस्तियों में कभी नियति का नाम रही भुखमरी अब इतिहास की बात है. पेट भरने के लिए मूस (चूहा) पकड़ने और घर के नाम पर टूटी छप्पर में रहने को मजबूर मुसहर भी अब सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं से आगे बढ़ रहे हैं. जी हां यह बदलाव महज पांच साल में हुआ है, जिसके लिए योगी सरकार की योजनाएं लाभकारी बनी हैं. मुसहर और वनटांगिया बस्तियों में शिक्षा का उजियारा फैल रहा है तो इससे भी आगे बढ़कर मुसहर बेटियां आत्मनिर्भरता की राह पर कामयाबी की नई इबारत लिख रही हैं, जिसका नतीजा है कि मुसहर समुदाय की कुशीनगर की दो बेटियां राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी (National Defense University) से ट्रेनिंग लेने के बाद तेलंगाना में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर अपने-अपने घरों के लिए सही मायने में लक्ष्मी की भूमिका में आ चुकी हैं.

गोरखपुर मंडल के सभी जिलों में कमोवेश मुसहर समुदाय के लोग रहते हैं. सर्वाधिक तादाद कुशीनगर जिले में है, जहां 138 ग्राम सभाओं में 159 बस्तियों में मुसहर समाज के दस हजार से अधिक परिवार हैं. पांच साल पहले तक राशन के अभाव में भूख, कुपोषण, बीमारी और मौत ही इन्हें सुर्खियों में लाते थे. लेकिन समय बदला और अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सत्ता में आते ही इनके लिए न सिर्फ नई योजनाओं की शुरूआत हुई, बल्कि धरातल पर योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए अधिकारियों के भी पेंच कसे गए. वहीं, सीएम योगी जब भी वनवासियों-आदिवासियों के बीच होते हैं, तो आत्मीयता से उन्हें शिक्षा के प्रति प्रेरित करते हैं, जिसकी नजीर मुसहर बेटियां पेश कर रही हैं.

दरअसल, खड्डा ब्लॉक के सुकरौली मदनपुर गांव की मुसहर किरन और इसी गांव की संध्या इन दिनों प्रोडेक्ट आर्मर कम्पनी नरसापुर, तेलंगाना में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रही हैं. इसके लिए उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी, गुजरात से 23 दिन का प्रशिक्षण प्राप्त किया. ट्रेनिंग दिलाने में माध्यम बनी संस्था मानव सेवा संस्थान के निदेशक राजेश मणि कहते हैं कि मुसहरों के जीवन में बदलाव का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है. जब वह गोरखपुर के सांसद थे तब अपने संसदीय क्षेत्र से बाहर कुशीनगर जाकर मुसहरों के हक की आवाज बुलंद करते थे. मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें उनका अधिकार भी दिला दिया. मुसहरों को सभी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के साथ उनकी शिक्षा और रोजगार पर भी सरकार खास ध्यान दे रही है.

कहा कि पूर्वांचल के सर्वाधिक मुसहर आबादी वाले जिले कुशीनगर में जुलाई 2017 में मुसहर परिवार वेलफेयर सोसाइटी का गठन किया गया. इस सोसाइटी की प्रबन्ध कार्यकारिणी में डीएम अध्यक्ष, सीडीओ उपाध्यक्ष और एडीएम वित्त और राजस्व सचिव हैं. सीएमओ, डीआईओएस, बीएसए, डीएसओ, जिला गन्ना अधिकारी और जिला पंचायत राज अधिकारी सदस्य हैं. इसके अलावा समाज के 21 लोगों को सोसाइटी का सदस्य बनाया गया है. ताकि सोसाइटी मुसहर समाज के लिए योजनाओं के क्रियान्वयन पर मंथन करती है.

बता दें कि, मार्च 2017 में सूबे की सत्ता संभालने के बाद से ही योगी सरकार ने ऐसे वंचित तबकों को अभियान चलाकर योजनाओं का लाभ पहुंचाया है. योगी सरकार की मंशा मूस (चूहा) पकड़ने वाले मुसहरों की वर्तमान और अगली पीढ़ी को कंप्यूटर का माउस पकड़ाने की है, ताकि वह बदलते दौर में किसी से भी पीछे न रहें. बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ सरकार मुसहरों की शिक्षा पर खासा ध्यान दे रही है. जबकि अब इन परिवारों के पास अंत्योदय कार्ड से मुफ्त राशन पाने की सुविधा है. मुसहर बाहुल्य कुशीनगर के 10 ब्लॉकों में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत करीब आठ हजार और इससे छूटे मुसहरों के मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत घर बन चुके हैं. स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के साथ दस हजार से अधिक परिवारों को शौचालय की भी सुविधा मिली है. मुसहरों के जीविकोपार्जन में कोई बाधा न आए उनके लिए कुशीनगर जिले में मनरेगा के तहत लगभग सभी पात्र मुसहरों के जॉब कार्ड बनाए गए हैं और उन्हें समय से रोजगार मुहैया कराने को सीएम योगी ने स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं. पेंशन योजनाओं में पात्रों का चयन कर लाभान्वित करने का कार्य भी तेजी से किया गया.

यह भी पढ़े- Bhai Dooj 2022: आज नहीं कल ही मनाएं भैया दूज, यह है बड़ी वजह

गोरखपुर: मुसहर बस्तियों में कभी नियति का नाम रही भुखमरी अब इतिहास की बात है. पेट भरने के लिए मूस (चूहा) पकड़ने और घर के नाम पर टूटी छप्पर में रहने को मजबूर मुसहर भी अब सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं से आगे बढ़ रहे हैं. जी हां यह बदलाव महज पांच साल में हुआ है, जिसके लिए योगी सरकार की योजनाएं लाभकारी बनी हैं. मुसहर और वनटांगिया बस्तियों में शिक्षा का उजियारा फैल रहा है तो इससे भी आगे बढ़कर मुसहर बेटियां आत्मनिर्भरता की राह पर कामयाबी की नई इबारत लिख रही हैं, जिसका नतीजा है कि मुसहर समुदाय की कुशीनगर की दो बेटियां राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी (National Defense University) से ट्रेनिंग लेने के बाद तेलंगाना में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर अपने-अपने घरों के लिए सही मायने में लक्ष्मी की भूमिका में आ चुकी हैं.

गोरखपुर मंडल के सभी जिलों में कमोवेश मुसहर समुदाय के लोग रहते हैं. सर्वाधिक तादाद कुशीनगर जिले में है, जहां 138 ग्राम सभाओं में 159 बस्तियों में मुसहर समाज के दस हजार से अधिक परिवार हैं. पांच साल पहले तक राशन के अभाव में भूख, कुपोषण, बीमारी और मौत ही इन्हें सुर्खियों में लाते थे. लेकिन समय बदला और अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सत्ता में आते ही इनके लिए न सिर्फ नई योजनाओं की शुरूआत हुई, बल्कि धरातल पर योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए अधिकारियों के भी पेंच कसे गए. वहीं, सीएम योगी जब भी वनवासियों-आदिवासियों के बीच होते हैं, तो आत्मीयता से उन्हें शिक्षा के प्रति प्रेरित करते हैं, जिसकी नजीर मुसहर बेटियां पेश कर रही हैं.

दरअसल, खड्डा ब्लॉक के सुकरौली मदनपुर गांव की मुसहर किरन और इसी गांव की संध्या इन दिनों प्रोडेक्ट आर्मर कम्पनी नरसापुर, तेलंगाना में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रही हैं. इसके लिए उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी, गुजरात से 23 दिन का प्रशिक्षण प्राप्त किया. ट्रेनिंग दिलाने में माध्यम बनी संस्था मानव सेवा संस्थान के निदेशक राजेश मणि कहते हैं कि मुसहरों के जीवन में बदलाव का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है. जब वह गोरखपुर के सांसद थे तब अपने संसदीय क्षेत्र से बाहर कुशीनगर जाकर मुसहरों के हक की आवाज बुलंद करते थे. मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें उनका अधिकार भी दिला दिया. मुसहरों को सभी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के साथ उनकी शिक्षा और रोजगार पर भी सरकार खास ध्यान दे रही है.

कहा कि पूर्वांचल के सर्वाधिक मुसहर आबादी वाले जिले कुशीनगर में जुलाई 2017 में मुसहर परिवार वेलफेयर सोसाइटी का गठन किया गया. इस सोसाइटी की प्रबन्ध कार्यकारिणी में डीएम अध्यक्ष, सीडीओ उपाध्यक्ष और एडीएम वित्त और राजस्व सचिव हैं. सीएमओ, डीआईओएस, बीएसए, डीएसओ, जिला गन्ना अधिकारी और जिला पंचायत राज अधिकारी सदस्य हैं. इसके अलावा समाज के 21 लोगों को सोसाइटी का सदस्य बनाया गया है. ताकि सोसाइटी मुसहर समाज के लिए योजनाओं के क्रियान्वयन पर मंथन करती है.

बता दें कि, मार्च 2017 में सूबे की सत्ता संभालने के बाद से ही योगी सरकार ने ऐसे वंचित तबकों को अभियान चलाकर योजनाओं का लाभ पहुंचाया है. योगी सरकार की मंशा मूस (चूहा) पकड़ने वाले मुसहरों की वर्तमान और अगली पीढ़ी को कंप्यूटर का माउस पकड़ाने की है, ताकि वह बदलते दौर में किसी से भी पीछे न रहें. बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ सरकार मुसहरों की शिक्षा पर खासा ध्यान दे रही है. जबकि अब इन परिवारों के पास अंत्योदय कार्ड से मुफ्त राशन पाने की सुविधा है. मुसहर बाहुल्य कुशीनगर के 10 ब्लॉकों में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत करीब आठ हजार और इससे छूटे मुसहरों के मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत घर बन चुके हैं. स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के साथ दस हजार से अधिक परिवारों को शौचालय की भी सुविधा मिली है. मुसहरों के जीविकोपार्जन में कोई बाधा न आए उनके लिए कुशीनगर जिले में मनरेगा के तहत लगभग सभी पात्र मुसहरों के जॉब कार्ड बनाए गए हैं और उन्हें समय से रोजगार मुहैया कराने को सीएम योगी ने स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं. पेंशन योजनाओं में पात्रों का चयन कर लाभान्वित करने का कार्य भी तेजी से किया गया.

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