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गोरखपुरः गो आधारित स्वालंबन प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

यूपी के गोरखपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आनुषांगिक संगठन सेवा भारती गोरक्ष प्रांत ने एक दिवसीय गो आधारित स्वालंबन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में गो-सेवा के साथ साथ स्वालंबन पर मुख्य रूप से जोर दिया. इस कार्यक्रम में गाय के गोबर से लक्ष्मी गणेश की मूर्तियां, दीपक आदि बनाकर बेचने के बारे में कार्यकर्ताओं को बताया गया.

गो आधारित स्वालंबन प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन
गो आधारित स्वालंबन प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन
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Published : Sep 28, 2020, 9:39 AM IST

गोरखपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आनुषांगिक संगठन सेवा भारती गोरक्ष प्रांत द्वारा स्वावलंबन आयाम के तहत राजकीय जुबली इंटर कॉलेज में एक दिवसीय गो आधारित स्वालंबन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवा भारती के प्रांत मंत्री प्रेम चंद्र गौड़ ने की. कार्यक्रम का शुभारंभ गण गीत से किया गया. इस मौके पर कार्यक्रम के संचालक और सेवा भारती गोरक्ष प्रांत के मंत्री डॉ. राजेश चंद्रगुप्त ने इस कार्यक्रम की भूमिका एवं विषय पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण के काल में स्वालंबन अति आवश्यक हो जाता है.

इस अवसर पर क्षेत्र सेवा प्रशिक्षण प्रमुख नवल किशोर ने कहा कि भारतीय अध्यात्म में गाय को विशेष महत्व दिया गया है. यदि गाय की देखभाल ठीक तौर पर की जाए तो संपूर्ण विश्व का संरक्षण भी हो सकता है.

गोबर से बनाई जा रही वस्तुएं दे रही पर्यावरण स्वच्छता का संदेश

प्रांत गो सेवा प्रशिक्षण प्रमुख संतोष गुप्ता ने कहा कि देसी गाय के गोबर से बनाई जा रही वस्तुएं पर्यावरण स्वच्छता का संदेश दे रही है. सेवा भारती इस दिवाली पर न्यूनतम मूल्य में गोबर से बने लक्ष्मी गणेश की मूर्तियां, दीपक उपलब्ध कराएगी, जिससे पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके. गो आधारित स्वालंबन प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षक ने कहा कि पीओपी और हानिकारक मैटेलिक कलर से पेंट की गई मूर्तियों से हम बचाव कर सकते हैं.

यह मूर्तियां जहां जल को प्रदूषित करते हुए जलीय जीवों के लिए हानिकारक साबित होती हैं, वहीं पर्यावरण को भी काफी हद तक नुकसान पहुंचाती हैं. गोबर से बनी हुई मूर्तियां जहां पर्यावरण के शुद्धिकरण में अहम योगदान करेंगी वहीं इसके प्रशिक्षण के बाद लोग भी स्वालम्बी हो सकते हैं. इतना ही नहीं आसपास के क्षेत्रों में भी जाकर लोग अन्य लोगों को प्रशिक्षित कर उन्हें भी स्वालंबी कर सकते हैं. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने दीपावली पर्व पर गोबर से बनी हुई गणेश लक्ष्मी की मूर्तियों का पूजन कर गोबर से ही बने हुए दीप को जलाने का संकल्प लिया. इस प्रशिक्षण शिविर में विभिन्न जनपदों से आए लगभग 80 से ज्यादा लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा स्वालंबन के क्षेत्र में आमजन को स्वावलंबी बनाने के लिए गोबर से विभिन्न प्रकार की सामग्रियों के निर्माण के विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है, जिसमें गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, महाराजगंज सहित अन्य जिलों के लगभग 80 से ज्यादा लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है.
-संतोष गुप्ता, मुख्य प्रशिक्षक, गोरक्ष गौ सेवा प्रशिक्षण

गोरखपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आनुषांगिक संगठन सेवा भारती गोरक्ष प्रांत द्वारा स्वावलंबन आयाम के तहत राजकीय जुबली इंटर कॉलेज में एक दिवसीय गो आधारित स्वालंबन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवा भारती के प्रांत मंत्री प्रेम चंद्र गौड़ ने की. कार्यक्रम का शुभारंभ गण गीत से किया गया. इस मौके पर कार्यक्रम के संचालक और सेवा भारती गोरक्ष प्रांत के मंत्री डॉ. राजेश चंद्रगुप्त ने इस कार्यक्रम की भूमिका एवं विषय पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण के काल में स्वालंबन अति आवश्यक हो जाता है.

इस अवसर पर क्षेत्र सेवा प्रशिक्षण प्रमुख नवल किशोर ने कहा कि भारतीय अध्यात्म में गाय को विशेष महत्व दिया गया है. यदि गाय की देखभाल ठीक तौर पर की जाए तो संपूर्ण विश्व का संरक्षण भी हो सकता है.

गोबर से बनाई जा रही वस्तुएं दे रही पर्यावरण स्वच्छता का संदेश

प्रांत गो सेवा प्रशिक्षण प्रमुख संतोष गुप्ता ने कहा कि देसी गाय के गोबर से बनाई जा रही वस्तुएं पर्यावरण स्वच्छता का संदेश दे रही है. सेवा भारती इस दिवाली पर न्यूनतम मूल्य में गोबर से बने लक्ष्मी गणेश की मूर्तियां, दीपक उपलब्ध कराएगी, जिससे पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके. गो आधारित स्वालंबन प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षक ने कहा कि पीओपी और हानिकारक मैटेलिक कलर से पेंट की गई मूर्तियों से हम बचाव कर सकते हैं.

यह मूर्तियां जहां जल को प्रदूषित करते हुए जलीय जीवों के लिए हानिकारक साबित होती हैं, वहीं पर्यावरण को भी काफी हद तक नुकसान पहुंचाती हैं. गोबर से बनी हुई मूर्तियां जहां पर्यावरण के शुद्धिकरण में अहम योगदान करेंगी वहीं इसके प्रशिक्षण के बाद लोग भी स्वालम्बी हो सकते हैं. इतना ही नहीं आसपास के क्षेत्रों में भी जाकर लोग अन्य लोगों को प्रशिक्षित कर उन्हें भी स्वालंबी कर सकते हैं. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने दीपावली पर्व पर गोबर से बनी हुई गणेश लक्ष्मी की मूर्तियों का पूजन कर गोबर से ही बने हुए दीप को जलाने का संकल्प लिया. इस प्रशिक्षण शिविर में विभिन्न जनपदों से आए लगभग 80 से ज्यादा लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा स्वालंबन के क्षेत्र में आमजन को स्वावलंबी बनाने के लिए गोबर से विभिन्न प्रकार की सामग्रियों के निर्माण के विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है, जिसमें गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, महाराजगंज सहित अन्य जिलों के लगभग 80 से ज्यादा लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है.
-संतोष गुप्ता, मुख्य प्रशिक्षक, गोरक्ष गौ सेवा प्रशिक्षण

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