गोरखपुरः कोरोना महामारी में पीड़ित मरीजों के इलाज का बड़ा केंद्र रहा गोरखपुर मेडिकल कॉलेज का कोविड-19 अस्पताल अब बंद कर दिया गया है. इसके पीछे मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कोरोना के मामलों में गोरखपुर क्षेत्र में आ रही बेहद कमी को मुख्य वजह बताया है. यह अस्पताल गोरखपुर-बस्ती मंडल के 7 जिलों के कोरोना महामारी से पीड़ित मरीजों की सेवा के लिए एहतियात के तौर पर तैयार किया गया था. जिसमें पहला मरीज बस्ती मंडल का ही एक मासूम 24 मार्च को भर्ती किया गया और वह स्वस्थ होकर घर चला गया. इस अस्पताल को बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में फरवरी 2020 में खोला गया था.
करीब अठ्ठारह सौ मरीज हुए थे भर्ती, 90 प्रतिशत हुए ठीक
कोरोना के दौरान इस अस्पताल में कुल अठ्ठारह सौ मरीज भर्ती किए गए. जिसमें 90% से ज्यादा ठीक हो कर घर चले गए. इस अस्पताल में एक शिफ्ट में 80 नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ के साथ 22 डॉक्टरों की ड्यूटी लगती थी, जो 14-14 दिनों की शिफ्ट में लगाई जाती थी. फिलहाल मरीजों की संख्या में आई कमी के चलते इस अस्पताल को बंद करने का निर्णय लिया गया है. इस अस्पताल को बंद करने के बाद सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक को पूरी तरह से सैनिटाइज कराया जा रहा है. इस दौरान जो भी चीजें टूट-फूट गई होंगी उन्हें ठीक कराया जा रहा है. जिससे यहां गंभीर बीमारियों का इलाज किया जा सके. जिसमें कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, गैस्ट्रोलॉजी, सर्जिकल, न्यूरो सर्जरी, यूरोलॉजी, वैस्कुलर सर्जरी की ओपीडी चलेंगी और मरीज भर्ती किए जाएंगे.
बाल रोग सेवा संस्थान के 300 बेड अस्पताल में होगा कोरोना मरीजों का इलाज
बीआरडी मेडिकल कॉलेज परिसर में कोविड-19 को देखते हुए अभी तीन सौ बेड का एक अस्पताल संचालित किया जा रहा है. यह बाल रोग सेवा संस्थान में बनाया गया है. जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था. हालांकि इस तीन 300 बेड की क्षमता के इस अस्पताल में केवल 100 बेड का ही अस्पताल संचालित किया जा रहा है. जिसमें हर बेड पर वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है.
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार का कहना है कि कोविड मरीज अब बहुत कम आ रहे हैं. इसलिए दोनों अस्पतालों को चलाना ठीक नहीं था. 200 बेड के जिस अस्पताल को बंद किया गया है उससे बहुत से डॉक्टर, स्टाफ नर्स, पैरामेडिकल स्टॉफ खाली हो जाएंगे. जिससे अन्य मरीजों की सेवा की जा सकेगी. इसके साथ ही कोविड-19 के मरीजों का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है. यही वजह है कि अभी 300 बेड का अस्पताल संचालित किया जा रहा है. जिसमें 100 बेड पूरी तरह से सुविधाओं से सुसज्जित है.