गोरखपुर: सीएम योगी ने शुक्रवार को एनेक्सी भवन के सभागार में अभ्युदय योजना के लाभार्थियों से सीधा संवाद किया. अभ्युदय योजना के लाभार्थी विद्यार्थियों के सवालों का जवाब देते हुए सीएम योगी ने शुक्रवार को गोरखपुर में स्पष्ट किया कि वह एक योगी और मुख्यमंत्री के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा के साथ निभा रहे हैं. योगी का कार्य भी लोक कल्याण का होता है और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे हुए व्यक्ति को भी लोक कल्याण की भावना से कार्य करना चाहिए. उसे अपनी मर्जी किसी के ऊपर थोपना नहीं चाहिए. सनातन धर्म और भारतवर्ष में कम से कम यही व्यवस्था लागू है. लोक के कल्याण के लिए जियो और अपनी विचारधारा किसी के ऊपर जबरदस्ती मत थोपो. योगी ने यह सारी बातें अभ्युदया योजना की छात्रा अपर्णा मिश्रा के उस सवाल के जवाब में कही.
अभ्यर्थियों के सवाल और सीएम योगी के जवाब
अपर्णा ने सीएम योगी से सवाल किया कि आप एक योगी है,संत हैं और आपके कंधों पर देश के सबसे बड़े राज्य की जिम्मेदारी है. आप इन दोनों में समन्वय कैसे बैठाते हैं. योगी ने कहा कि लोक कल्याण ही उनका लक्ष्य है. उनका धर्म राष्ट्र धर्म है. धर्म का अर्थ व नहीं जो सामान्य भाषा में समझते हैं. पूजा पद्धति और उपासना विधि उनकी व्यक्तिगत आध्यात्मिक साधना का विषय है. वह इसे किसी और पर नहीं थोप सकते और न ही कोई अन्य उनके ऊपर अपने विचार थोप सकता है. लेकिन राष्ट्रधर्म हर व्यक्ति के लिए है. उन्होंने कहा कि लक्ष्य और धर्म को लेकर उनके मन में कोई दुविधा नहीं है और अभ्युदय के विद्यार्थी भी सफलता प्राप्त करने के लिए सभी प्रकार की दुविधा से मुक्त होकर लक्ष्य निर्धारित करें.
निरंतर प्रयास करना ही अभ्युदय योजना
गाजीपुर की शोभा सिंह के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि असफलता से घबराना नहीं चाहिए. लक्ष्य निर्धारित कर सफलता का प्रयास करना चाहिए. उन्होंने भगवान कृष्ण के गीता में दिए उपदेश का उल्लेख करते हुए कहा कि 'न दैन्यं न पलायनम' अर्थात हमें न तो चिंता दिखानी चाहिए और न ही पलायन करना चाहिए. निरंतर प्रयास करना चाहिए और इसी प्रयास का नाम अभ्युदय योजना है.
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इस दौरान दीक्षा पांडे ने भी मुख्यमंत्री से पूछा कि भारत को सशक्त राष्ट्र बनाने के लिए हमें क्या करना चाहिए. उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्र निर्माण सिर्फ राष्ट्राध्यक्ष का ही कार्य नहीं है. राष्ट्र के हर नागरिक को अपने कर्तव्य के माध्यम से इसमें योगदान देना होता है. आप किसी भी क्षेत्र में काम कर रहे हो अपने कर्तव्यों के पालन से आप जिम्मेदारी उठा सकते हैं.
तीन छात्राओं को ही सीएम से सीधा सवाल करने का मौका मिला
पूरे कार्यक्रम के दौरान सैकड़ों विद्यार्थियों के बीच से सिर्फ तीन प्रश्न के लिए मुख्यमंत्री के सामने तीन छात्राएं ही प्रस्तुत हुई. जिनके सवालों का जवाब देकर मुख्यमंत्री ने उनके हौसले को बढ़ाया और सिविल सर्विसेज के साथ अन्य परीक्षाओं की तैयारी के लिए अभ्युदय योजना में जुड़े रहने की बात कही. उन्होंने कहा कि इस योजना से जुड़े हुए विद्यार्थियों को वह टेबलेट उपलब्ध कराएंगे, जिससे उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई में और भी मदद मिल सके.