गोरखपुर: दीपावली के अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के जंगल तिनकोनिया नंबर 3 वन टांगिया गांव पहुंचे. यहां जिला प्रशासन ने एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया. इस दौरान सीएम ने वन टांगिया ग्रामवासियों को दीपावली की बधाई दी. साथ ही मिठाई और कपड़े भेंट किए. वहीं प्राथमिक विद्यालय के बच्चों द्वारा हैंड वॉश के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया.
बता दें कि हर साल सीएम योगी दीपावली के पर्व पर इस गांव में आकर गांव वालों को कोई न कोई सौगात जरूर देते हैं. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ सांसद जगदंबिका पाल और कई विधायक मौजूद रहे.
दिवाली ग्रामीणों के लिए खुशियां लेकर आई है
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि दीपावली का शुभ अवसर किसी के लिए आजादी के बाद आया है तो वह वन टांगिया गांव के लोगों के लिए. वन टांगिया गांव के लोग आजादी के बाद से अपने हक की लड़ाई के लिए शासन से लेकर सरकार तक वर्षों से गुहार लगा रहे थे, लेकिन आज उनकी दिवाली सबसे अधिक खुशियां लेकर आई है.
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मूलभूत सुविधाओं से वंचित था गांव
सीएम ने आगे कहा 'तमसो मां ज्योतिर्गमय' के भाव से मनाया जाने वाला पर्व हम सबके जीवन में भी प्रकाश लेकर आया है. अयोध्या की तरह वन टांगिया गांव के लोग भी खुशियों की दिवाली मनाएंगे. हमारी सरकार बनने के पहले यहां मूलभूत सुविधाएं भी नहीं थी. आज ढाई साल बाद ग्रामीणों के पास अपना घर, राशन कार्ड, स्कूल, शौचालय, बिजली, पानी आदि की सुविधा के साथ राजस्व ग्राम का दर्जा भी मिल गया है.
हम अच्छा सोचेंगे तो सब अच्छा होगा
सीएम ने अपने संबोधन में आगे कहा 5 वन टांगिया गांव के लोगों के बच्चों के पास प्राथमिक विद्यालय के साथ ही स्कूल ड्रेस, जूते, कॉपी किताब आदि उपलब्ध है. दीपावली का पर्व अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला पर्व है. जब हम अच्छा सोचेंगे तो सब अच्छा होगा.
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प्रशासन करता था ग्रामीणों का शोषण
जब हम 12 से 15 वर्ष पहले यहां आए थे, तो यहां कोई सुविधा नहीं थी. वन विभाग और पुलिस इनका शोषण करते थे. इनके पास पक्का मकान नहीं था, लेकिन आज इनके पास पक्का मकान है. जो लोग एक दूसरों को जाति और मजहब के बीच बांटते थे, जिनके लिए पर्व और त्योहार एक बोझ बनकर आता था. आज यही पर्व और त्योहार देश के लिए उल्लास लेकर आया है.
पिछली सरकारों ने नहीं ली सुध
इसके लिए हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहिए, जिन्होंने सरकारी सुविधाएं लोगों को मुहैया कराई. देश पर 55 साल तक काम करने वाले लोग भी यह सब कर सकते थे, लेकिन यह उनके एजेंडे में नहीं था. गरीब, नौजवान, किसान और महिलाएं उनके एजेंडे में नहीं थी. अभी हमने 'कन्या सुमंगला योजना' शुरू की है. इससे बेटी के जन्म से लेकर शादी तक की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी.