गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हुए जनपद गोरखपुर निवासी कमांडो नवीन कुमार सिंह के शौर्य और वीरता को नमन करते हुए उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी है.
50 लाख की आर्थिक मदद
सीएम ने शहीद के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की है. साथ ही प्रदेश के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और जनपद की एक सड़क का नामकरण शहीद के नाम पर करने की भी घोषणा की है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीद के सर्वोच्च बलिदान को सदैव याद रखा जाएगा. उन्होंने शहीद नवीन कुमार सिंह के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि शोक की इस घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ है. शहीद के परिवार को हर संभव मदद प्रदान की जाएगी.
आतंकवादी हमले में कमांडो शहीद
पहाड़ी पर राशन पहुंचाने जा रही सेना की गाड़ी पर सोमवार को आतंकवादियों ने श्रीनगर कुलगांव के पास हमला कर दिया. गाड़ी में सवार गोरखपुर का लाल कमांडो नवीन सिंह (23) शहीद हो गए. सोमवार की देर रात नवीन के शहीद होने की सूचना सीओ ने उनके परिवारीजनों को फोन पर दी. जिसके बाद परिजनों में कोहराम मच गया.नवीन कुमार सिंह 9 आरआर स्पेशल फोर्स में कमांडो के पद पर थे और डेढ़ साल से जम्मू श्रीनगर में तैनात थे. 10 दिन पहले नवीन की कमांडो टीम ने एक ऑपरेशन में कई आतंकवादियों को मार गिराया था.
सोमवार को नवीन अपनी टीम के साथ कुमुक को राशन पहुंचाने पहाड़ी पर जा रहे थे कि रास्ते में घात लगाकर बैठे आतंकवादियों ने सेना के काफीले पर फायर झोंक दिया. जहां नवीन को सिर और पैर में गोली लगी. तत्काल उन्हें अस्पताल ले जाया गया. जहॉ डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
कमांड से पहली सूचना बड़े भाई विकास को नवीन के सीओ कर्नल पटेल ने पैर में गोली लगने की दी. दो घंटे बाद उनके शहीद होने की भी सूचना दी गई. सूचना मिलते ही पिता एएससी सेना से सेवानिवृत्त जयप्रकाश सिंह, माता ऊषा सिंह, बड़े भाई विकास सिंह और परिवार का रोते रोते बुरा हाल हो गया. नवीन की दो बड़ी बहन सत्यभामा एवं बबीता हैं जो विवाहित हैं. घटना की सूचना पाकर सहजनवा के विधायक शीतल पांडेय भी नंदानगर पहुंचे.
बड़े भाई विकास ने बताया कि नवीन से सोमवार सुबह 9.30 अंतिम बातचीत हुई थी. इसके पहले रविवार को पिता से बातचीत हुई थी. नवीन ने 10 जून को छुट्टी पर आने की बात बताई थी. जिसके बाद पिता जयप्रकाश सिंह ने बताया कि सोमवार शाम को कई बार फोन लगाया गया. लेकिन नवीन का मोबाइल बंद था.
शहीद कमांडो नवीन के पिता जयप्रकाश सिंह ने बताया कि इतनी छोटी उम्र में उसने पूरे घर की जिम्मेदारी उठा ली थी. उसने अपने बेरोजगार भाई विकास की बहुत चिंता थी. उसने अपनी तनख्वाह से दस लाख रुपया खर्च करके दो मंजिला मकान बनवा दिया था ताकि किराए से भाई का खर्चा चलता रहे. नवीन की बदौलत ही दोनों बड़ी बहनों की शादी अच्छे घर में हो पाई.
नवीन का जन्म 24 अक्टूबर 1997 को हुआ था. उसने इंटर तक की शिक्षा केन्द्रीय विद्यालय एयरफोर्स से प्राप्त की थी. उसके बाद महज साढ़े सञह साल की उम्र में वह अपनी पिता की यूनिट एएससी में भर्ती हो गया. बैंगलुरू से प्रशिक्षण प्राप्त किया. पहली तैनाती राजस्थान में मिली. उसके बाद नवीन का चयन कमांडो के पद पर हो गया.
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