गोरखपुर: प्रदेश में व्यापारियों की शिकायत रहती थी कि जिला स्तर, प्रशासन स्तर और आपराधिक स्तर पर उन्हें प्रताड़ित किया जाता है. इसे देखते हुए सीएम योगी ने प्रदेश में व्यापारी कल्याण बोर्ड का गठन किया है. यह बोर्ड पिछले कई महीनों से व्यापारियों के उत्थान, समृद्धि और सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री की देखरेख में निरंतर कार्य कर रहा है. प्रदेश व्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष पुष्पदंत जैन ने प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने प्रदेश व्यापारी कल्याण बोर्ड के गठन से जुड़ी कई बातें बताई.
- व्यापारियों की समस्याओं को देखते हुए सरकार ने व्यापारी कल्याण बोर्ड का गठन किया है.
- इस बोर्ड में कुल 15 सदस्य, एक अध्यक्ष, तीन उपाध्यक्ष और 11 सदस्य हैं.
- बोर्ड के सदस्य निरंतर प्रदेश भर के व्यापारियों की समस्याओं को सीधे सीएम तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं.
- यह बोर्ड व्यापारियों और उद्यमियों की समस्याओं का त्वरित निस्तारण भी करेगा.
व्यापारी वाहनों की चेकिंग नहीं करेगी पुलिस
व्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष पुष्पदंत जैन ने बताया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पिछले दिनों लोक भवन में बोर्ड की बैठक हुई थी. इसमें विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई. व्यापारियों और उद्यमियों की सामाजिक सुरक्षा पर जगह-जगह चौराहों पर पुलिस द्वारा गाड़ियों की चेकिंग की जाती है. इस कारण गाड़ियों में रखी गई बहुमूल्य वस्तुएं सोना, चांदी के बारे में अपराधियों को पता चल जाता है, क्योंकि इन गाड़ियों को अपराधी चिन्हित कर लेते हैं. इसी क्रम में सरकार ने इस दिशा में शासनादेश में स्पष्ट निर्देश दिया है कि पुलिस व्यापारी वाहनों की चेकिंग नहीं करेगी.
बीमा धनराशि बढ़ाकर किया 10 लाख रुपये
पुष्पदंत जैन ने बताया कि पूर्व की सरकारों की तरफ से व्यापारियों और उद्यमियों को किसी भी दुर्घटना की स्थिति में पांच लाख की धनराशि बीमा के रूप में दिए जाने का प्रावधान था. अभी तक इस संबंध में कोई नीति या इंश्योरेंस पॉलिसी व्यापारियों के लिए लागू नहीं की गई थी. इस पर वर्तमान योगी सरकार ने अब धनराशि को पांच लाख से बढ़ाकर 10 लाख कर दिया है. इसके अंतर्गत बोर्ड का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित व्यापारी के यहां पहुंचकर स्थिति की जांच करेगा और फिर शासन से इन्हें 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिलाने का भी काम करेगा.