गोरखपुर: मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार डॉ. केवी राजू गोरखपुर क्षेत्र के किसानों की आय बढ़ाने के लिए मंथन में जुटे हुए हैं. मंगलवार को गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह की अध्यक्षता में महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र चौक (एमजीकेवीके) के वैज्ञानिकों और अधिकारियों के साथ उन्होंने बैठककर एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन) के जरिये किसानों की आय बढ़ाने पर महत्वपूर्ण बैठक प्रशासनिक भवन के कमेटी हॉल में किया.
बैठक में अनुबंध के आधार पर फॉर्मर प्रोड्यूसर आर्गनाइजेशन (एफपीओ) कंपनियों को पूर्णरूप से विकसित करने की रूपरेखा तैयार की गई. बैठक में सभी वैज्ञानिकों ने पिछले तीन महीनों में कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़े दस ब्लॉक में किए जा रहे कार्यों का एक-एक कर पीपीटी प्रजेंटेशन किया गया. इस दौरान हर वैज्ञानिक के प्रेजेंटेशन की समीक्षा की गई और उसमें अपेक्षित सुधार के लिये दिशा-निर्देश दिया गया.
कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने एफपीओ के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लाभ किसानों को दिलाने की दिशा में ठोस रणनीति तैयार करने पर बल दिया. समीक्षा के दौरान प्रो. सिंह ने कहा कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. हमें महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र को एक मॉडल कृषि विज्ञान केंद्र के रूप में प्रस्तुत करना है, जिससे दूसरे कृषि विज्ञान केंद्र के लोग भी यहां आएं. हर वैज्ञानिक की यह जिम्मेदारी है कि वो अपने साथ 100-100 किसानों को जोड़कर उनका एक पूरा डाटा तैयार करें. डाटा तैयार करने के दौरान कितने लोगों को इसका लाभ होगा. इस पर भी ध्यान केंद्रित करें. हर बैठक के दौरान फसल पैदावार बढ़ाने के लिए हमारे ओर से किए गए प्रयासों को भी प्रजेंटेशन में शामिल किया जाए.
मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार डॉ. के वी राजू ने वैज्ञानिकों को आत्ममूल्यांकन की रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि इस पद्धति से बेहतर कार्य करने की दिशा में बढ़ने में आसानी होगी. प्रेजेंटेशन को तैयार करते समय पैदावार बढ़ाने को लेकर एमजीकेवीके की ओर से किए जा रहे प्रयासों और उससे होने वाले लाभ को भी जगह दी जाए. साथ ही डॉ. राजू ने चार साल में केवीके की ओर से पैदावार बढ़ाने को लेकर किए गए प्रयासों की प्रगति रिपोर्ट को तैयार करने पर जोर दिया. इस अवसर पर प्रो. अजेय गुप्ता, प्रो. मानवेंद्र सिंह, डॉ. प्रदीप राव, डॉ शैलेंद्र प्रताप सिंह और दोनों संस्थानों के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.
16 फरवरी को होगी वर्कशॉप
बैठक में यह तय हुआ कि 16 फरवरी को कृषि विज्ञान केंद्र और उनके शेयर होल्डर्स को लेकर एक वर्कशॉप का आयोजन डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय के दीक्षा भवन में किया जाएगा. जहां नाबार्ड, इफ्को के साथ कृषि के क्षेत्र में काम करने वाली सभी संस्थाओं के साथ एफपीओ में काम करने वाले विशेषज्ञों को ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड में जोड़ा जाएगा.
एमजीकेवीके और डीडीयू में हुआ है करार
डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय और एमजीकेवीके चौक माफी पीपीगंज के बीच अक्टूबर में करार हुआ है. करार के तहत फॉर्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (एफपीओ) कंपनियों को पूर्ण विकसित कंपनियों के रूप में तैयार किया जाएगा. इसमें विश्वविद्यालय का बिजनेस इनक्यूबेटर सेल मदद करेगा. ये एफपीओ कंपनियां बीज उत्पादन, मत्स्य, पशुपालन, जैव-उर्वरक, गुड़ उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण और बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन में काम करेंगी.
अनुबंध के मुताबिक डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय इन स्टार्टअप को कार्यालय, स्थान और बुनियादी सहायता प्रदान करेगा. कंपनियों के विकसित होने पर इन्हें दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया जाएगा. बिजनेस इनक्यूबेटर सेल इन स्टार्टअप के इनक्यूबेशन पीरियड (उष्मायन अवधि) के लिए कुछ न्यूनतम शुल्क लेगा.
इसे भी पढे़ं- शातिरों ने किसान के खाते से निकाले 2.20 लाख रुपए