गोरखपुरः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब भी गोरखपुर दौरे पर होते हैं, तो वह गोरखनाथ मंदिर के दिग्विजय नाथ स्मृति सभागार में अपनी समस्याओं को लेकर आने वाले लोगों की फरियाद सुनते तो हैं ही. वहीं, इस दौरान उनका प्रेम, वात्सल्य और बच्चों के प्रति अनूठा लगाव भी लोगों को देखने को मिलता है. सीएम के जनता दरबार में जिन फरियादियों के साथ उनके मासूम बच्चे साथ होते है, उन्हें देखकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने बाल प्रेम को नहीं रोक पाते. सीएम योगी सोमवार को गोरखपुर दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे. मंगलवार को सीएम के लखनऊ लौटने की उम्मीद है.
सीएम फरियादियों की फरियाद सुनने के साथ बच्चों को चॉकलेट देकर दुलार भी करते है. वह एक तरफ वह समस्या सुनते हैं. उसके आवेदन पत्र पर विचार करने, समस्या के त्वरित निस्तारण का आदेश अधिकारियों को देते हैं. इसके साथ ही फरियादियों के बच्चों को पोटली से निकालकर एक-एक बच्चे को चॉकलेट देते और उनसे प्यार भी करते हैं. इस दौरान बच्चों की हंसी देख सीएम मुस्कुराते हुए अगले फरियादी के पास बढ़ जाते है. यहां मौजूद लोगों को यह दृश्य हर आनंदित कर देता है.
गोरखपुर पहुंचने के बाद सीएम योगी बतौर गोरक्ष पीठाधीश्वर गोरखनाथ मंदिर की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करते हैं. गौशाला में जाते हैं. गायों को गुड़ चना खिलाते हैं और वहां पशु और गायों को दुलारते हैं. अपने पालतू कुत्ते कालू के साथ भी सीएम समय बिताते हैं. फिर जनता की सेवा और शासकीय जिम्मेदारी के निर्वहन के लिए स्मृति भवन सभागार में पहुंचते हैं. यहां 500 से 600 की संख्या में दूरदराज से फरियादी फरियाद लेकर पहुंचे होते हैं.
स्थानीय स्तर पर न्याय मिलेः इस दौरान ज्यादातर समस्या लोगों की जमीन, भूमि विवाद से ही संबंधित होती है. जनता दरबार में आने वाली समस्याओं को लेकर अधिकारियों को सीएम डांट भी लगाते हैं और कहते हैं कि थाने और तहसील से जुड़े हुए मामले आखिर जनता दरबार तक क्यों पहुंचते हैं. अधिकारी, थानेदार सभी सुधर जाएं और जनता को स्थानीय स्तर पर ही न्याय दिलाएं. कानून का राज स्थापित करें. कोई भी भूमाफिया हो उसे ठीक करें. सीएम का निर्देश होता है कि शासन की मंशा का जनता के बीच में एहसास तभी होगा, जब उसे स्थानीय स्तर पर न्याय मिले और इसके लिए अधिकारी हर संभव कोशिश करें.
इलाज के लिए भी पहुंचते हैं फरियादीः योगी के दरबार में सिर्फ न्याय और समस्याओं के निराकरण के लिए ही लोग नहीं पहुंचते. तमाम ऐसे पीड़ित भी होते हैं, जो आर्थिक समस्याओं से भी जूझते हैं. कुछ पैसे के अभाव में इलाज नहीं करा पाने से परेशान रहते हैं. कई ऐसे भी मामले आते हैं, जहां पैसे की कमी से बच्चों की पढ़ाई भी बाधित होती है. योगी ऐसे लोगों को भी मदद का भरोसा दिलाते हैं. स्वास्थ्य लाभ के लिए स्टीमेट बनाने का निर्देश जिलाधिकारी स्तर पर जारी होता है. पढ़ाई लिखाई और अन्य मदद के लिए योगी मंदिर की ओर से भी तत्काल और बहुत बार लोगों को मदद पहुंचाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि योगी जो वेतन स्वरूप धनराशि पाते हैं, वह ऐसे ही निजी कार्यों के लिए वह खर्च कर देते हैं. इसे गरीब और जरूरतमंद की मदद हो जाती है.