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किसानों में खुशहाली और लोगों के जीवन में समृद्धि लाएगा मकर संक्रांति का पर्व: सीएम योगी

सीएम योगी ने मकर संक्रांति के अवसर पर प्रदेशवासियों को ढेर सारी शुभकामनाएं दी है. सीएम योगी ने बाबा गोरखनाथ को गुरुवार की सुबह 4:00 बजे खिचड़ी चढ़ाई. इस दौरान उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति के पर्व से सभी प्रकार के शुभ कार्यों की शुरुआत भी प्रारंभ हो जाती है. इस दौरान उन्होंने देश और दुनिया की सुख समृद्धि की कामना की.

सीएम योगी ने मकर संक्रांति के अवसर पर प्रदेशवासियों को ढेर सारी शुभकामनाएं दी
सीएम योगी ने मकर संक्रांति के अवसर पर प्रदेशवासियों को ढेर सारी शुभकामनाएं दी
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Published : Jan 14, 2021, 7:23 AM IST

गोरखपुर: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मकर संक्रांति के अवसर पर प्रदेशवासियों को ढेर सारी शुभकामनाएं दी है. बाबा गोरखनाथ को गुरुवार की सुबह 4:00 बजे खिचड़ी चढ़ाने के बाद योगी मीडिया से मुखातिब थे. इस दौरान उन्होंने देश और दुनिया की सुख समृद्धि की कामना की. उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति के पर्व से सभी प्रकार के शुभ कार्यों की शुरुआत भी प्रारंभ हो जाती है. यह सूर्य के उत्तरायण होने का पर्व है, जो हमें शक्ति प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति का पर्व देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है. कहीं लोहड़ी तो कहीं पोंगल के रूप में यह लोगों की आस्था का केंद्र बनता है.

सीएम योगी ने मकर संक्रांति के अवसर पर प्रदेशवासियों को ढेर सारी शुभकामनाएं दी.

किसानों की खुशहाली की कामना की
उन्होंने इस अवसर पर किसानों की खुशहाली की भी कामना की और कहां की कोविड-19 की महामारी से निपटने के लिए भी इस पर्व के आने से पहले दो वैक्सीन भारत के वैज्ञानिकों ने तैयार कर दिया है, जो मकर संक्रांति के बाद से लगनी शुरू हो जाएगी. जिससे इस महामारी पर भी नियंत्रण पाना आसान हो जाएगा. फिर भी उन्होंने लोगों को कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए अपनी दिनचर्या को आगे बढ़ाने की सलाह दी.

खिचड़ी चढ़ाने आते हैं लाखों श्रद्धालु
पूर्वी उत्तर प्रदेश के आस्था के सबसे बड़े केंद्रों में एक गोरखनाथ मंदिर का खिचड़ी पर्व अपने आप में अनूठा है. एक महीने से भी ज्यादा चलने वाले इस मेले में यूपी, बिहार ही नहीं नेपाल तक के श्रद्धालुओं का रेला खिचड़ी चढ़ाने आता है. खिचड़ी चढ़ाने आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या की बात करें तो यह संख्या लाखों में पहुंच जाती है. आस्था, परम्परा और उत्साह के संगम वाले इस खिचड़ी मेले को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए सुरक्षा व्यवस्था भी चाक चौबंद कर ली गई है. सूर्य जब धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है तो उस काल को मकर संक्रांति कहते हैं.

तीन बजे मंदिर के खुल जाते हैं पट
मकर संक्रांति के पुण्य काल यानी कि सूर्योदय काल में शिव के अवतारी माने जाने वाले गुरु गोरखनाथ को पिछले कई सदियों से आस्था की खिचड़ी चढ़ती चली आ रही है. इस वर्ष सूर्य का धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी को हो रहा है. इसकी वजह से सूर्योदय काल में 14 जनवरी को गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाई जा रही है. मकर संक्रांति के दिन तड़के तीन बजे मंदिर के पट खोल दिए जाते हैं. इसके बाद गोरक्षपीठाधीश्वर योगी मंदिर के अन्य पुजारियों के साथ पूजा-अर्चना करते हैं.

सीएम योगी ने मकर संक्रांति के अवसर पर प्रदेशवासियों को ढेर सारी शुभकामनाएं दी
. सीएम योगी ने चढ़ाई खिचड़ी.

यह है मान्यता
सीएम योगी के खिचड़ी चढाने के बाद नेपाल के राजपरिवार की खिचड़ी चढ़ाई जाती है. इस खिचड़ी के पर्व के पीछे मान्यता है कि गुरू गोरखनाथ एक बार हिमाचल के कांगड़ा क्षेत्र में घूमते हुए जा रहे थे, जब वे ज्वाला देवी धाम को देखते हुए वहां से गुजर रहे थे, तब उन्हें देखकर ज्वाला देवी प्रकट हुई और धाम में आतिथ्य स्वीकार करने का आग्रह किया. वहां पर मद्य-मांस का भोग लगता था और गोरखनाथ जी योगी थे, लेकिन मां ज्वाला देवी के आग्रह को नकार नहीं सकते थे. मां ज्वाला देवी से गुरू गोरखनाथ ने कहा कि वह भिक्षाटन करके अन्न ले आ रहे हैं और वे चूल्हा जलाकर पानी गर्म करे. देवी ने पात्र में जल भरकर चूल्हे पर चढ़ा दिया, जो आज भी जल रहा है, लेकिन गोरखनाथ जी उस स्थान पर लौटकर नहीं पहुंचे. वे भ्रमण करते हुए यहां गोरखपुर आ पहुंचे. त्रेता युग में यह क्षेत्र वन से घिरा हुआ था. गोरखनाथ जी को वनाच्छादित यह क्षेत्र तप करने के लिए अच्छा लगा और वो यहां तप करने लगे. भक्तों ने गुरू गोरखनाथजी के लिए एक कुटिया बना दी. उन्होंने गोरखनाथ जी के पात्र में खिचड़ी भरना शुरू किया. यह मकरसंक्रांति की तिथि थी. तभी से हर साल गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी का महापर्व मनाया जाता है. उसी समय से गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी मेला लगता है.

ऊनी वस्त्रों का भी किया जाता है दान
गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी में चावल तिल गुड़ चढ़ाया जाता है. इसके साथ ही इन चीजों के साथ ऊनी वस्त्रों का दान भी किया जाता है. हर साल मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है. मंदिर प्रशासन द्वारा आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में रुकने की व्यवस्था की जाती है. यहां पर 13 जनवरी से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरु हो जाता है. देश के अलग-अलग कोनों से श्रद्धालु यहां पर आकर गुरु गोरखनाथ को अपनी आस्था की खिचड़ी चढ़ाते हैं. यहां पर जो भी व्यक्ति अपनी मुराद मांगता है उसे सारी मुरादों को गुरु गोरखनाथ पूरा करते हैं. हर साल की तरह इस साल भी गोरक्षपीठाधीश्वर की भूमिका में योगी आदित्यनाथ हैं और उनके द्वारा ही खुद की और नेपाल के राजा की खिचड़ी चढ़ाने के साथ ही 1 महीने का पूर्वी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा मेला शुरू हो गया है.

गोरखपुर: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मकर संक्रांति के अवसर पर प्रदेशवासियों को ढेर सारी शुभकामनाएं दी है. बाबा गोरखनाथ को गुरुवार की सुबह 4:00 बजे खिचड़ी चढ़ाने के बाद योगी मीडिया से मुखातिब थे. इस दौरान उन्होंने देश और दुनिया की सुख समृद्धि की कामना की. उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति के पर्व से सभी प्रकार के शुभ कार्यों की शुरुआत भी प्रारंभ हो जाती है. यह सूर्य के उत्तरायण होने का पर्व है, जो हमें शक्ति प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति का पर्व देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है. कहीं लोहड़ी तो कहीं पोंगल के रूप में यह लोगों की आस्था का केंद्र बनता है.

सीएम योगी ने मकर संक्रांति के अवसर पर प्रदेशवासियों को ढेर सारी शुभकामनाएं दी.

किसानों की खुशहाली की कामना की
उन्होंने इस अवसर पर किसानों की खुशहाली की भी कामना की और कहां की कोविड-19 की महामारी से निपटने के लिए भी इस पर्व के आने से पहले दो वैक्सीन भारत के वैज्ञानिकों ने तैयार कर दिया है, जो मकर संक्रांति के बाद से लगनी शुरू हो जाएगी. जिससे इस महामारी पर भी नियंत्रण पाना आसान हो जाएगा. फिर भी उन्होंने लोगों को कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए अपनी दिनचर्या को आगे बढ़ाने की सलाह दी.

खिचड़ी चढ़ाने आते हैं लाखों श्रद्धालु
पूर्वी उत्तर प्रदेश के आस्था के सबसे बड़े केंद्रों में एक गोरखनाथ मंदिर का खिचड़ी पर्व अपने आप में अनूठा है. एक महीने से भी ज्यादा चलने वाले इस मेले में यूपी, बिहार ही नहीं नेपाल तक के श्रद्धालुओं का रेला खिचड़ी चढ़ाने आता है. खिचड़ी चढ़ाने आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या की बात करें तो यह संख्या लाखों में पहुंच जाती है. आस्था, परम्परा और उत्साह के संगम वाले इस खिचड़ी मेले को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए सुरक्षा व्यवस्था भी चाक चौबंद कर ली गई है. सूर्य जब धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है तो उस काल को मकर संक्रांति कहते हैं.

तीन बजे मंदिर के खुल जाते हैं पट
मकर संक्रांति के पुण्य काल यानी कि सूर्योदय काल में शिव के अवतारी माने जाने वाले गुरु गोरखनाथ को पिछले कई सदियों से आस्था की खिचड़ी चढ़ती चली आ रही है. इस वर्ष सूर्य का धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी को हो रहा है. इसकी वजह से सूर्योदय काल में 14 जनवरी को गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाई जा रही है. मकर संक्रांति के दिन तड़के तीन बजे मंदिर के पट खोल दिए जाते हैं. इसके बाद गोरक्षपीठाधीश्वर योगी मंदिर के अन्य पुजारियों के साथ पूजा-अर्चना करते हैं.

सीएम योगी ने मकर संक्रांति के अवसर पर प्रदेशवासियों को ढेर सारी शुभकामनाएं दी
. सीएम योगी ने चढ़ाई खिचड़ी.

यह है मान्यता
सीएम योगी के खिचड़ी चढाने के बाद नेपाल के राजपरिवार की खिचड़ी चढ़ाई जाती है. इस खिचड़ी के पर्व के पीछे मान्यता है कि गुरू गोरखनाथ एक बार हिमाचल के कांगड़ा क्षेत्र में घूमते हुए जा रहे थे, जब वे ज्वाला देवी धाम को देखते हुए वहां से गुजर रहे थे, तब उन्हें देखकर ज्वाला देवी प्रकट हुई और धाम में आतिथ्य स्वीकार करने का आग्रह किया. वहां पर मद्य-मांस का भोग लगता था और गोरखनाथ जी योगी थे, लेकिन मां ज्वाला देवी के आग्रह को नकार नहीं सकते थे. मां ज्वाला देवी से गुरू गोरखनाथ ने कहा कि वह भिक्षाटन करके अन्न ले आ रहे हैं और वे चूल्हा जलाकर पानी गर्म करे. देवी ने पात्र में जल भरकर चूल्हे पर चढ़ा दिया, जो आज भी जल रहा है, लेकिन गोरखनाथ जी उस स्थान पर लौटकर नहीं पहुंचे. वे भ्रमण करते हुए यहां गोरखपुर आ पहुंचे. त्रेता युग में यह क्षेत्र वन से घिरा हुआ था. गोरखनाथ जी को वनाच्छादित यह क्षेत्र तप करने के लिए अच्छा लगा और वो यहां तप करने लगे. भक्तों ने गुरू गोरखनाथजी के लिए एक कुटिया बना दी. उन्होंने गोरखनाथ जी के पात्र में खिचड़ी भरना शुरू किया. यह मकरसंक्रांति की तिथि थी. तभी से हर साल गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी का महापर्व मनाया जाता है. उसी समय से गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी मेला लगता है.

ऊनी वस्त्रों का भी किया जाता है दान
गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी में चावल तिल गुड़ चढ़ाया जाता है. इसके साथ ही इन चीजों के साथ ऊनी वस्त्रों का दान भी किया जाता है. हर साल मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है. मंदिर प्रशासन द्वारा आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में रुकने की व्यवस्था की जाती है. यहां पर 13 जनवरी से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरु हो जाता है. देश के अलग-अलग कोनों से श्रद्धालु यहां पर आकर गुरु गोरखनाथ को अपनी आस्था की खिचड़ी चढ़ाते हैं. यहां पर जो भी व्यक्ति अपनी मुराद मांगता है उसे सारी मुरादों को गुरु गोरखनाथ पूरा करते हैं. हर साल की तरह इस साल भी गोरक्षपीठाधीश्वर की भूमिका में योगी आदित्यनाथ हैं और उनके द्वारा ही खुद की और नेपाल के राजा की खिचड़ी चढ़ाने के साथ ही 1 महीने का पूर्वी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा मेला शुरू हो गया है.

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