गोरखपुर: जिले के दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को थोड़े सख्त नजर आए. उनकी सबसे ज्यादा नाराजगी जिले में बनाई जा रही प्रमुख सड़कों को लेकर थी. जिन सड़कों का निर्माण कार्य अब तक पूरा हो जाना चाहिए था, उसके अधूरे निर्माण को देखकर सीएम ने नाराजगी जताई. एनएचएआई, लोक निर्माण और राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि यदि सड़कें अति शीघ्र नहीं बनाई गई तो अधिकारी कार्रवाई के लिए तैयार रहें. मजदूरों की संख्या बढ़ाकर निर्माण कार्यों को हर हालत में गति दिया जाए, भले ही मौसम प्रतिकूल हो.
मंडलायुक्त जयंत नार्लीकर ने दी जानकारी
बैठक के बाद गोरखपुर के मंडलायुक्त जयंत नार्लीकर ने मीडिया को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने समीक्षा बिंदु के तौर पर कोविड-19 की तैयारियों का जायजा लिया. उन्होंने साफ निर्देश दिया कि जिले में 1000 बेड L-1 और L-2 लेवल के तैयार किए जाएं. यह बात सुनने को न मिले कि मरीजों को बेड नहीं उपलब्ध हो रहा है. इसके साथ ही उन्होंने बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बनाए जा रहे 500 बेड के बाल रोग विभाग में 300 बेड कोविड-19 को देखते हुए तैयार किए जाने का निर्देश दिया.
सीएम ने संचारी रोगों के नियंत्रण पर की बात
कमिश्नर ने कहा कि समीक्षा का दूसरा बिंदु संचारी रोगों पर नियंत्रण का था. इसके लिए मुख्यमंत्री ने जलभराव वाले क्षेत्रों में क्लोरिनेशन करने का निर्देश दिया है. साथ ही लोगों में गर्म पानी पीने की जागरूकता बढ़ाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया. बैठक से पहले सीएम योगी ने हवाई सर्वेक्षण के द्वारा गोरखपुर के आसपास और शहरी क्षेत्र में जलभराव का जायजा लिया. इसके बाद सीएम ने अधिकारियों को कई तरह के निर्देश दिए.
विकास कार्यों में देरी पर भड़के सीएम
तीसरे बिंदु के तौर पर सीएम ने शहर को जोड़ने वाली विभिन्न फोरलेन सड़क के निर्माण की बात की. यही विषय को लेकर सीएम योगी सख्त लहजे में आए और निर्माण कार्यों में हो रही देरी पर फटकार लगाई. साथ ही सीएम योगी ने अधिकारियों को अंजाम भुगतने और कार्रवाई के लिए तैयार रहने की बात कही. गोरखपुर से महराजगंज, गोरखपुर से देवरिया, मोहद्दीपुर से कौड़िया और गोरखपुर से बनारस के लिए बनाई जाने वाली फोरलेन की सड़कों की हालत बहुत खराब है. जो समय से पूरी की जा सकती थी लेकिन वह अभी तक पूरी नहीं की जा सकी है.