गोरखपुर : गोरखपुर नियोजन विभाग और दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में पूर्वांचल का सतत विकास 'पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए एक पहल : मुद्दे, रणनीति व भावी दिशा' विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार व संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इसका समापन समारोह मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व विशिष्ट अतिथि केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाइक एवं यूजीसी के धीरेंद्र पाल सिंह की मौजूदगी में किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह ने की. इस दौरान मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकास की प्रक्रिया के साथ जुड़कर संभावनाओं को तलाशना होगा. सर्विस सेक्टर में अपार संभावनाएं हैं.
पूर्वांचल के लिए बनानी होगी सतत और समग्र विकास की कार्ययोजना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समापन अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि राज्य में पिछले 3 साल में इंसेफेलाइटिस नियंत्रण के लिए किए गए प्रयासों का अनुभव वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के समय काम आया. इसकी सराहना के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन को भी विवश होना पड़ा. इन्हीं अनुभवों के आधार पर हमें पूर्वांचल में सतत और समग्र विकास की कार्ययोजना बनानी होगी, जिसमें सभी संस्थाओं को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए संबंधित योगदान देने की जरूरत है.
'चुनौतियों से ही निकलता है मार्ग'
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वांचल के विकास को लेकर किए जा रहे लक्ष्य स्पष्ट हो तो बजट और मैन पावर की समस्या बाधक नहीं बनती. चुनौतियों से ही मार्ग निकलता है. पूर्वांचल में प्रकृति और ईश्वर की विशेष कृपा है. दुनिया की सबसे उर्वर भूमि और सबसे अधिक मीठा जल हमारे पूर्वांचल में है, लेकिन जब हम अतिरिक्त प्रयास छोड़ देते हैं तो प्रतिस्पर्धा से पीछे छूट जाते हैं. इसे 3 दिन से मंथन में निकले निष्कर्ष पर रणनीति बनाने के लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति बनाई जाएगी. आने वाले समय में पूर्वांचल में आर्थिक विकास के साथ सामाजिक उन्नयन भी दिखेगा. वहीं पूर्वांचल के समग्र एवं सतत विकास के लिए नियोजन विभाग और पूर्वांचल विकास बोर्ड को इस दिशा में हर संस्था को जोड़ने को प्रेरित किया जाएगा.
कुलपति ने सरकार का किया धन्यवाद
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह ने कहा कि इस वेबिनार को संपन्न करने में सबसे बड़ा योगदान सरकार का है. कई मंत्री और सेक्रेट्री लेवल के अधिकारी इसमें सम्मिलित हुए हैं. सरकार का पूर्वांचल के लिए कुछ करने का संकल्प है. इसका माध्यम हम बन रहे हैं. उन्होंने बताया कि लगभग 15 मंत्री, 15 वीसी और कई प्रोफेसर इस कार्यक्रम से जुड़े रहे. इससे यह संदेश दिया जा सकता है कि पूर्वांचल से जुड़े हुए देश और विदेश के लोगों को साथ लाकर एक मॉडल बनाया जाए. वह मॉडल तैयार है. इसमें विभिन्न मुद्दे हैं. इस पर चर्चा होगी. लगभग 36 मुद्दों को अंकित कर शासन के सामने प्रेषित किया जाएगा.
कई लोग रहे मौजूद
तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी और वेबिनार के माध्यम से 45 तकनीकी और 8 विशेष सत्र में कृषि, श्रम शक्ति, शिक्षा, जल प्रबंधन, उद्योग आदि के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण अनुशंसाएं मिली हैं. इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय में रक्षा अध्ययन विभाग के प्रोफेसर हर्ष कुमार सिन्हा द्वारा किया गया. वहीं कार्यक्रम में पूर्वांचल विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष दयाशंकर मिश्र दयालु, नरेंद्र सिंह, मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार डॉ. केवी राजू, राज्यसभा सांसद जयप्रकाश निषाद, प्रमुख सचिव नियोजन अमोद कुमार सिंह सहित बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे.