ETV Bharat / state

सावधान! ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चे हो रहे है एंजाइटी का शिकार, रखें ख्याल नहीं तो होंगे परेशान

गोरखपुर के मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक ऑनलाइन पढ़ाई के चलते बच्चों में कई तरह के बदलाव हो रहे हैं इसके चलते वह एंजाइटी का शिकार हो रहे हैं.

ETV BHARAT
ऑनलाइन पढ़ाई
author img

By

Published : Apr 5, 2022, 5:31 PM IST

गोरखपुर: कोरोना काल में शैक्षणिक संस्थान बंद थे. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल उठा कि आखिर अब बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी? लेकिन इस पर जब मंथन हुआ तो ऑनलाइन पढ़ाई का विकल्प सामने आया. इससे जहां एक तरफ शिक्षा की प्रणाली में बदलाव आया तो वहीं, शिक्षक से लेकर छात्र भी हाईटेक हुए. इसके नकारत्मक पक्ष ने बच्चों की आदतें तो बिगड़ीं ही, ही उन्हें एंजाइटी का शिकार भी बना डाला.

मनोवैज्ञानिकों की मानें तो कोरोना काल में शुरू हुई बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई (Online Study) कहीं न कहीं उनके लिए घातक साबित हो रही है. इस पढ़ाई की वजह से अगर आपका बच्चा बात-बात पर गुस्सा कर रहा है या उसमें निर्णय लेने की क्षमता कम दिखाई दे रही है, लगातार पढ़ने के बाद भी उसकी याददाश्त कमजोर हो रही है तो एक अभिभावक के रूप में इस समस्या को लेकर आप सावधान हो जाएं. बच्चे में इस प्रकार के लक्षण इस बात का संकेत देता है कि बच्चा एंजाइटी (Anxiety) का शिकार हो गया है.

यह भी पढ़ें- डीएम सुनील वर्मा के निलंबन के बाद उनके करीबियों पर विजलेंस टीम का छापा

ऐसा इसलिए कहना पड़ रहा है क्योंकि गोरखपुर के मंडलीय साइकोलॉजी सेंटर ने बच्चों में आ रही इस समस्या के आधार पर 9वीं से 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले 400 से ज्यादा बच्चों की काउंसलिंग व शोध का कार्य किया है. इसमें यह नतीजा देखने को मिला कि तमाम बच्चे पढ़ाई को लेकर गुस्सा और तनाव के साथ कमजोरी के शिकार भी हो रहे हैं.

वहीं, ETV BHARAT से खास बातचीत मनोवैज्ञानिक डॉ. हिमांशु पांडेय ने बताया कि कोरोना की वजह से बच्चों की मेंटल हेल्थ पहले ही डाउन हो चुकी है. बच्चों के साथ जबरदस्ती करना खतरनाक होगा. इसलिए जरूरी है कि बच्चों को सही गलत की पहचान कराएं और खेलकूद का माहौल पैदा करें ताकि वह इस रोग से बाहर आ सके. उन्होंने कहा कि सरकार और शिक्षा व्यवस्था को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए नहीं तो आने वाले समय में विद्यार्थी कई तरह की समस्याओं से जूझते नजर आएंगे.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

गोरखपुर: कोरोना काल में शैक्षणिक संस्थान बंद थे. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल उठा कि आखिर अब बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी? लेकिन इस पर जब मंथन हुआ तो ऑनलाइन पढ़ाई का विकल्प सामने आया. इससे जहां एक तरफ शिक्षा की प्रणाली में बदलाव आया तो वहीं, शिक्षक से लेकर छात्र भी हाईटेक हुए. इसके नकारत्मक पक्ष ने बच्चों की आदतें तो बिगड़ीं ही, ही उन्हें एंजाइटी का शिकार भी बना डाला.

मनोवैज्ञानिकों की मानें तो कोरोना काल में शुरू हुई बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई (Online Study) कहीं न कहीं उनके लिए घातक साबित हो रही है. इस पढ़ाई की वजह से अगर आपका बच्चा बात-बात पर गुस्सा कर रहा है या उसमें निर्णय लेने की क्षमता कम दिखाई दे रही है, लगातार पढ़ने के बाद भी उसकी याददाश्त कमजोर हो रही है तो एक अभिभावक के रूप में इस समस्या को लेकर आप सावधान हो जाएं. बच्चे में इस प्रकार के लक्षण इस बात का संकेत देता है कि बच्चा एंजाइटी (Anxiety) का शिकार हो गया है.

यह भी पढ़ें- डीएम सुनील वर्मा के निलंबन के बाद उनके करीबियों पर विजलेंस टीम का छापा

ऐसा इसलिए कहना पड़ रहा है क्योंकि गोरखपुर के मंडलीय साइकोलॉजी सेंटर ने बच्चों में आ रही इस समस्या के आधार पर 9वीं से 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले 400 से ज्यादा बच्चों की काउंसलिंग व शोध का कार्य किया है. इसमें यह नतीजा देखने को मिला कि तमाम बच्चे पढ़ाई को लेकर गुस्सा और तनाव के साथ कमजोरी के शिकार भी हो रहे हैं.

वहीं, ETV BHARAT से खास बातचीत मनोवैज्ञानिक डॉ. हिमांशु पांडेय ने बताया कि कोरोना की वजह से बच्चों की मेंटल हेल्थ पहले ही डाउन हो चुकी है. बच्चों के साथ जबरदस्ती करना खतरनाक होगा. इसलिए जरूरी है कि बच्चों को सही गलत की पहचान कराएं और खेलकूद का माहौल पैदा करें ताकि वह इस रोग से बाहर आ सके. उन्होंने कहा कि सरकार और शिक्षा व्यवस्था को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए नहीं तो आने वाले समय में विद्यार्थी कई तरह की समस्याओं से जूझते नजर आएंगे.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.