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सर्वाइकल कैंसर हर आठ मिनट में ले रहा एक महिला की जान, जानिए बचाव के तरीके और उचित इलाज - Protection from HPV virus

सर्वाइकल कैंसर (Cervical cancer) से हर आठ मिनट में एक महिला की मौत हो रही है. इस संक्रमण की रोकथाम के लिए गोरखपुर एम्स में जागरुकता अभियान शुरू किया गया है. इसमें 25 वर्ष से अधिक वर्ष की महिलाएं अपना pap टेस्ट निःशुल्क करा सकती है.

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सर्वाइकल कैंसर
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 5, 2024, 6:20 PM IST



गोरखपुर: सर्वाइकल कैंसर यानि गर्भाशय के मुंह का कैंसर (cervical cancer) जो HPV (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) के संक्रमण से होता है. यह एक मात्र ऐसा कैंसर है जिसे सावधानी, जननांग स्वच्छता, टीकाकरण, समय समय जांच और प्रारंभिक लक्षणों की पहचान द्वारा पूरी तरह से रोका जा सकता है. यह स्तन कैंसर के बाद, महिलाओं में होने वाला दूसरा प्रमुख कैंसर है. वर्तमान में इस बीमारी से हर आठ मिनट में एक महिला की जान चली जाती है. भारत में हर साल इस बीमारी से 74 हजार महिलाओं की मौतें होती हैं. समय रहते इस कैंसर का पता लक्षणों और PAP टेस्ट से लगा लेने पर, इससे बचाव संभव है. इस बीमारी के लिए जिम्मेदार HPV वायरस से बचाव का टीका बाजार में उपलब्ध है, लेकिन सरकारी अस्पतालों में यह अभी उपलब्ध नहीं है. टीका 9 से 14 वर्ष की लड़कियों को लगाने से इस रोग की संभावना को 97% तक कम किया जा सकता है.

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गोरखपुर एम्स में सर्वाइकल कैंसर को लेकर जागरूकता अभियान

गोरखपुर एम्स में जागरूकता अभियान: गोरखपुर एम्स इस गंभीर रोग से बचने के लिए और महिलाओं में जागरूकता अभियान शुरू करने के लिए आगे आया है. एम्स ने अपने यहां निशुल्क जांच भी शुरू कर दी है. लेकिन, टीकाकरण उसके पास भी संभव नहीं है. ऐसे में टीकाकरण के लिए बाजार पर ही निर्भर होना पड़ेगा. स्त्री और प्रसूति रोग विभाग pap टेस्ट निःशुल्क शुरू करने जा रहा.एम्स की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शिखा सेठ के नेतृत्व में जागरूकता शिविर पूरे जनवरी महीने तक चलेगा. इसमें 25 वर्ष से अधिक वर्ष की महिलाएं अपना pap टेस्ट निःशुल्क करा सकती है. इस जांच को हर तीन वर्ष में कराने से इस कैंसर को बनने से पहले ही पकड़ा जा सकता है. इस जांच में बीमारी के लक्षण पकड़ में आने पर आगे का इलाज भी संस्थान में उपलब्ध है. एमबीबीएस नर्सिंग और पीजी विद्यार्थियों के लिए इस कैंसर के निदान और इलाज पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे. विद्यार्थियों के लिए पोस्टर और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी अयोजन किया जाएगा.

इसे भी पढ़े-Thermo ablation Machine: सर्वाइकल कैंसर का इस मशीन से शुरुआती स्टेज में लगेगा पता, इलाज भी निशुल्क

शिवपुर और डुमरी खास के ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों पर निर्धारित तारिखों पर महिलाओं के लिए जागरूकता कैम्प लगाया जाएगा. इन गतिविधियों का उद्देश्य है कि सरवाइकल कैंसर को 2030 तक पूरी तरह सफाया करने में अपनी भागीदारी दे सकें. महिलाओं में होने वाली इस गंभीर बीमारी के निदान के लिए यूपी सरकार स्कूलों में पढ़ने वाली 9 से 14 साल की बच्चियों में टीकाकरण का प्लान तो तैयार किया है. लेकिन, अभी यह शुरू नहीं कराया जा सका है.

विदेश से आता है वैक्सीन: गोरखपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आशुतोष कुमार दुबे ने बताया है कि इसका वैक्सीन विदेश से आता है, जो बहुत मंहगा है. भारत सरकार ने वैक्सीन तैयार कर लिया है. प्रदेश सरकार इस पर बहुत जल्द बजट आवंटित कर देगी, जिससे यह सभी बहन बेटियों को लगाया जा सकेगा. पूर्वांचल में इस बीमारी की रोकथाम के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज स्त्री रोग विभाग की पूर्व अध्यक्ष, डॉ. रीना श्रीवास्तव को प्रभारी बनाया गया है. जिन्होंने बताया कि यह टीका सुरक्षित है, इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है. वैक्सीन की दो से तीन खुराक बच्चियों को दी जाती है. हर साल इसकी चपेट में 5 लाख दस हजार महिलाएं विश्व में आ रही हैं. जिसमें 2 लाख 88 हजार की मौत हो जाती है. भारत में यह आंकड़ा और दुखदाई है, क्योंकि एक लाख 32 हजार मामलों में 74 हजार की मौत हो जाती है. फिलहाल, जो टीका बाजार में उपलब्ध है उसकी कीमत 3 से ₹4000 हजार के बीच आती है. लेकिन, अब जो टीका तैयार हुआ है वह 350 से ₹400 में लगेगा. सरकार इसे मुफ्त लगाने की तैयारी में है. इसके लिए ही ट्रेनिंग और प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

यह भी पढ़े-Womens को सर्वाइकल कैंसर से बचाने में बेहद लाभकारी हो सकती है सर्ववैक वैक्सीन, एक से अधिक पार्टनर भी हो सकते हैं कैंसर के कारण



गोरखपुर: सर्वाइकल कैंसर यानि गर्भाशय के मुंह का कैंसर (cervical cancer) जो HPV (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) के संक्रमण से होता है. यह एक मात्र ऐसा कैंसर है जिसे सावधानी, जननांग स्वच्छता, टीकाकरण, समय समय जांच और प्रारंभिक लक्षणों की पहचान द्वारा पूरी तरह से रोका जा सकता है. यह स्तन कैंसर के बाद, महिलाओं में होने वाला दूसरा प्रमुख कैंसर है. वर्तमान में इस बीमारी से हर आठ मिनट में एक महिला की जान चली जाती है. भारत में हर साल इस बीमारी से 74 हजार महिलाओं की मौतें होती हैं. समय रहते इस कैंसर का पता लक्षणों और PAP टेस्ट से लगा लेने पर, इससे बचाव संभव है. इस बीमारी के लिए जिम्मेदार HPV वायरस से बचाव का टीका बाजार में उपलब्ध है, लेकिन सरकारी अस्पतालों में यह अभी उपलब्ध नहीं है. टीका 9 से 14 वर्ष की लड़कियों को लगाने से इस रोग की संभावना को 97% तक कम किया जा सकता है.

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गोरखपुर एम्स में सर्वाइकल कैंसर को लेकर जागरूकता अभियान

गोरखपुर एम्स में जागरूकता अभियान: गोरखपुर एम्स इस गंभीर रोग से बचने के लिए और महिलाओं में जागरूकता अभियान शुरू करने के लिए आगे आया है. एम्स ने अपने यहां निशुल्क जांच भी शुरू कर दी है. लेकिन, टीकाकरण उसके पास भी संभव नहीं है. ऐसे में टीकाकरण के लिए बाजार पर ही निर्भर होना पड़ेगा. स्त्री और प्रसूति रोग विभाग pap टेस्ट निःशुल्क शुरू करने जा रहा.एम्स की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शिखा सेठ के नेतृत्व में जागरूकता शिविर पूरे जनवरी महीने तक चलेगा. इसमें 25 वर्ष से अधिक वर्ष की महिलाएं अपना pap टेस्ट निःशुल्क करा सकती है. इस जांच को हर तीन वर्ष में कराने से इस कैंसर को बनने से पहले ही पकड़ा जा सकता है. इस जांच में बीमारी के लक्षण पकड़ में आने पर आगे का इलाज भी संस्थान में उपलब्ध है. एमबीबीएस नर्सिंग और पीजी विद्यार्थियों के लिए इस कैंसर के निदान और इलाज पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे. विद्यार्थियों के लिए पोस्टर और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी अयोजन किया जाएगा.

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शिवपुर और डुमरी खास के ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों पर निर्धारित तारिखों पर महिलाओं के लिए जागरूकता कैम्प लगाया जाएगा. इन गतिविधियों का उद्देश्य है कि सरवाइकल कैंसर को 2030 तक पूरी तरह सफाया करने में अपनी भागीदारी दे सकें. महिलाओं में होने वाली इस गंभीर बीमारी के निदान के लिए यूपी सरकार स्कूलों में पढ़ने वाली 9 से 14 साल की बच्चियों में टीकाकरण का प्लान तो तैयार किया है. लेकिन, अभी यह शुरू नहीं कराया जा सका है.

विदेश से आता है वैक्सीन: गोरखपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आशुतोष कुमार दुबे ने बताया है कि इसका वैक्सीन विदेश से आता है, जो बहुत मंहगा है. भारत सरकार ने वैक्सीन तैयार कर लिया है. प्रदेश सरकार इस पर बहुत जल्द बजट आवंटित कर देगी, जिससे यह सभी बहन बेटियों को लगाया जा सकेगा. पूर्वांचल में इस बीमारी की रोकथाम के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज स्त्री रोग विभाग की पूर्व अध्यक्ष, डॉ. रीना श्रीवास्तव को प्रभारी बनाया गया है. जिन्होंने बताया कि यह टीका सुरक्षित है, इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है. वैक्सीन की दो से तीन खुराक बच्चियों को दी जाती है. हर साल इसकी चपेट में 5 लाख दस हजार महिलाएं विश्व में आ रही हैं. जिसमें 2 लाख 88 हजार की मौत हो जाती है. भारत में यह आंकड़ा और दुखदाई है, क्योंकि एक लाख 32 हजार मामलों में 74 हजार की मौत हो जाती है. फिलहाल, जो टीका बाजार में उपलब्ध है उसकी कीमत 3 से ₹4000 हजार के बीच आती है. लेकिन, अब जो टीका तैयार हुआ है वह 350 से ₹400 में लगेगा. सरकार इसे मुफ्त लगाने की तैयारी में है. इसके लिए ही ट्रेनिंग और प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

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