गोरखपुर: देश की तीनों सेनाओं में समन्वय बनाकर सफलता का झंडा फहराने वाले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत की शुक्रवार को गोरखपुर में पाठशाला लगी. अवसर था महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 88वें संस्थापक समारोह का. इसमें वह प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बुलावे पर बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने पहुंचे थे. इस दौरान जनरल रावत ने कार्यक्रम के मंच से विद्यार्थियों को बड़ा संदेश दिया. उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि बड़ी सफलता और बड़े लक्ष्य हासिल करने के लिए कठिन परिश्रम ही मात्र सहारा है. साथ ही सकरात्मक होना सफलता की बड़ी कुंजी है. उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वह बच्चों में पढ़ने की ललक जगाएं न कि सिर्फ गूगल बाबा के सहारे उन्हें छोड़ दें.
योगी ने मंच पर रावत का किया स्वागत
कार्यक्रम में शामिल होने से पहले जनरल बिपिन रावत ने ध्वजारोहण किया. ध्वज को सलामी दी और इस दौरान महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की 4 दर्जन से ज्यादा संस्थाओं द्वारा निकाली गई देश की विभिन्न समस्याओं और जरूरतों को दर्शाने वाली झांकियों का अवलोकन भी किया. रावत ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर और सैल्यूट भी दिया. जनरल रावत के हाथों महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज परिसर में बनाए गए शिक्षा परिषद के भव्य मंच का लोकार्पण हुआ. महंत दिग्विजय नाथ, महंत अवैद्यनाथ और महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अनावरण भी हुआ. इस कार्यक्रम के आयोजक और शिक्षा परिषद के अभिभावक की भूमिका में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रहे. जिन्होंने जनरल रावत का मंच पर भव्य स्वागत किया. उनके सम्मान में प्रतीक चिन्ह भी भेंट किया.
मैं नहीं हम को अपनाएं विद्यार्थी
जब जनरल रावत को बोलने का अवसर मिला तो उन्होंने कहा कि वह इस समारोह में आकर गदगद हो गए. उन्होंने कहा कि वह भाग्यशाली हैं जो उन्हें भारतीय संस्कृति और सभ्यता के साथ शिक्षा ग्रहण कर रहे विशाल समूह का आज दर्शन करने को मिला. उन्होंने कई तरह के उदाहरणों के माध्यम से विद्यार्थी और शिक्षकों के बीच के संबंधों को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि जो शिक्षा क्लास में शिक्षक बच्चों को देता है वह कभी गूगल नहीं दे सकता. समय की जरूरत है कि लोग नॉलेज और एजुकेशन के बीच का अंतर समझें. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत जिस तकनीक को अपना रहा है उससे वह दुनिया में मजबूत राष्ट्र के रूप में उभरकर सामने आएगा. उन्होंने बच्चों से कहा कि असफलता से हताश नहीं होना चाहिए. इसे एक चुनौती के रूप में लेना चाहिए. उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का जिक्र करते हुए कहा कि अगर आप सूरज जैसी चमक हासिल करना चाहते हैं तो आपको उसके लिए जलना भी पड़ेगा. साथ ही देश और समाज को आगे ले जाने के लिए मैं शब्द को त्याग कर हम की भावना को सकारात्मक रूप से अपनाना पड़ेगा.
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप जिस व्यक्ति को अपना आदर्श मानते हैं उसमें यह जरूर देखें कि वह सही मार्ग पर चलता हो. उन्होंने शिक्षकों से कहा कि विद्यार्थियों की सफलता में आपका बड़ा रोल होता है. ऐसे में आप विद्यार्थियों का सही मार्गदर्शन करें. उन्होंने देश के पूर्व राष्ट्रपति राधाकृष्णन के कथन का हवाला देते हुए समारोह में सच्चे अध्यापक की परिभाषा भी बताई. इस दौरान उन्होंने भगवत गीता का भी जिक्र किया और कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन्हें आज जो यह अवसर दिया है. उसके लिए वह बेहद गौरान्वित हैं. उन्होंने स्वामी विवेकानंद जी के बातों का जिक्र करते हुए कहा कि आपकी रोज की दिनचर्या में कोई न कोई मुसीबत का आना आपके ताकत को बढ़ाता है. जनरल रावत आज पूरी तरह से एक शिक्षक की भूमिका में नजर आए. इस दौरान उन्होंने न तो किसी प्रकार के सैन्य गतिविधियों की बात की और न ही जीत और हार का कोई संस्मरण पेश किया. वह विद्यार्थियों के बीच में आए थे तो विद्यार्थियों और शिक्षकों को एक शिक्षक की तरह अपने ज्ञान के भंडार से कुछ ज्ञान जरूर बांट गए.