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डेंगू की रैपिड जांच रिपोर्ट पॉजिटिव तो घबराएं नहीं, क्योंकि एलाइजा जांच में 93 प्रतिशत सैंपल हो रहे फेल

गोरखपुर स्वास्थ्य विभाग डेंगू को लेकर पूरी तरह अलर्ट है. बहुत मरीजों की जांच रिपोर्ट रैपिड जांच में पॉजिटिव आ रही है. डॉक्टरों की परामर्श है कि रैपिड जांच से घबराए नहीं. डॉक्टर की देखरेख में इलाज काराएं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 4, 2023, 7:07 PM IST

सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने दी जानकारी

गोरखपुर: मौजूदा समय में देश-प्रदेश के तमाम हिस्सों में लोग डेंगू को लेकर परेशान हैं. स्वास्थ्य विभाग डेंगू को लेकर पूरी तरह अलर्ट है. लेकिन, बुखार और दर्द की हालत में मन में शंका लिए लोग, इसकी जांच भी करा रहे हैं. कई मरीजों की जांच रिपोर्ट रैपिड जांच में पॉजिटिव आ रही है. इसके बाद उनकी घबराहट और बढ़ जा रही है. लेकिन, डॉक्टरों की परामर्श है कि रैपिड जांच से घबराए नहीं. डॉक्टर की देखरेख में इलाज काराएं. ऐसा देखा जा रहा है कि कई मरीजों की एलाइजा रिपोर्ट नॉर्मल आ रही है. गोरखपुर में कुछ ऐसे ही आंकड़े निकलकर सामने आए हैं, जिसमें रैपिड जांच में पॉजीटिव पाए गए मरीजों की एलाइजा रिपोर्ट 93% नॉर्मल आई है.

गोरखपुर में 21 डेंगू के मरीजः मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आशुतोष कुमार दुबे ने कहा कि इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है. अपने आसपास और घर में बचाव के सभी उपायों पर जोर दें, तो डेंगू प्रहार नहीं करेगा. फिलहाल, गोरखपुर में अब तक कुल 21 डेंगू के मरीज सामने आ चुके हैं. जिनका इलाज जिला और निजी अस्पताल में चल रहा है. कुछ स्वस्थ होकर घर भी जा चुके हैं. अब तक डेंगू के शिकार हुए लोगों में 1 से 15 वर्ष के कुल पांच, 15 से 50 वर्ष के 12 और 50 वर्ष ऊपर के चार मरीज सामने आए हैं. सीएमओ ने कहा कि डेंगू के मामले पर नियंत्रण के लिए, हेल्थ सेंटर से लेकर हेल्थ वेलनेस सेंटर तक रैपिड जांच किट भेज दी गई है. जिससे लोगों की जांच आसानी से हो सके और लोगों को शहर में आना न पड़े. उन्होंने कहा कि रैपिड जांच में पॉजीटिव आई रिपोर्ट एलाइजा जांच में फेल साबित हुई है. सिर्फ 7 से 8% लोग ही डेंगू की चपेट में हैं. इसलिए, रैपिड जांच की पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर घबराएं नहीं. नगर निगम क्षेत्र से अब तक आठ और ग्रामीण क्षेत्र से कुल 13 मरीज डेंगू के सामने आए हैं. जांच की कुल संख्या 3590 है, जो जनवरी से लेकर अब तक का आंकड़ा है. यह आकड़े जिला अस्पताल के हैं.

इसे भी पढ़े-कोटा में डेंगू और स्क्रब टायफस पॉजिटिव छात्रा की मौत, पिता ने जिला प्रशासन पर लगाए ये आरोप

70 हजार प्लेटलेट्स होने पर सतर्क हो जाएंः मेडिकल कॉलेज की बात करें तो वहां कुल 396 लोगों की एलाइजा जांच में 32 लोगों में डेंगू मिला है. यह भी मात्र 8% है. सीएमओ ने कहा कि ट्रीटमेंट कराएं और जिला अस्पताल में एलाइजा की जांच करायें, बिल्कुल भी न घबराए. जहां भी डेंगू के लार्वा मिलने की सूचना मिल रही है, वहां दावओं का छिड़काव कराया जा रहा है. जिस क्षेत्र का मरीज है, वहां छिड़काव पर जोर दिया जा रहा है. डेंगू में प्लेटलेट्स को लेकर भी लोग चिंता ना करें. खानपान का ध्यान दें. 60 से 70 हजार प्लेटलेट्स जब आ जाए तो सतर्क हो जाएं. सीएमओ ने कहा कि प्लेटलेट्स का कम होना हमेशा डेंगू नहीं होता. समय से अस्पताल पहुंचने पर डेंगू जानलेवा रूप नहीं धारण करता. चिकनगुनिया और डेंगू के लक्षण एक तरह के होते हैं. जो जांच के बाद पता चल सकता है. फिर भी बुखार अगर आए तो जांच में लापरवाही नहीं बरतनी है.

सरकारी अस्पतालों में यह जांच फ्रीः बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्मेंट के हेड डॉक्टर अमरेश कुमार सिंह कहते हैं कि निजी पैथोलॉजी में भी यदि रैपिड जांच पॉजिटिव आ रही है तो एलाइजा जांच जरूर करा लें. सरकारी अस्पतालों में यह जांच फ्री है. लोग इसका लाभ उठाएं. डेंगू की रिपोर्ट से एक बात और सामने आई है कि जो लोग साउथ इंडिया के अलग-अलग शहरों से गोरखपुर आए थे, वह इसकी चपेट में जल्दी आए हैं. फिलहाल, डेंगू का आंकड़ा वर्ष 2022 के मुकाबले बहुत कम है. 2022 में इसकी संख्या 318 थी. जबकि 2021 में 67, 2020 में 09 और 2019 में 114 थी. वर्ष 2018 में 25.


यह भी पढ़े-बनारस के नए नगरीय क्षेत्र डेंगू की चपेट में, सर्वे रिपोर्ट ने बढ़ाई चिंता

सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने दी जानकारी

गोरखपुर: मौजूदा समय में देश-प्रदेश के तमाम हिस्सों में लोग डेंगू को लेकर परेशान हैं. स्वास्थ्य विभाग डेंगू को लेकर पूरी तरह अलर्ट है. लेकिन, बुखार और दर्द की हालत में मन में शंका लिए लोग, इसकी जांच भी करा रहे हैं. कई मरीजों की जांच रिपोर्ट रैपिड जांच में पॉजिटिव आ रही है. इसके बाद उनकी घबराहट और बढ़ जा रही है. लेकिन, डॉक्टरों की परामर्श है कि रैपिड जांच से घबराए नहीं. डॉक्टर की देखरेख में इलाज काराएं. ऐसा देखा जा रहा है कि कई मरीजों की एलाइजा रिपोर्ट नॉर्मल आ रही है. गोरखपुर में कुछ ऐसे ही आंकड़े निकलकर सामने आए हैं, जिसमें रैपिड जांच में पॉजीटिव पाए गए मरीजों की एलाइजा रिपोर्ट 93% नॉर्मल आई है.

गोरखपुर में 21 डेंगू के मरीजः मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आशुतोष कुमार दुबे ने कहा कि इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है. अपने आसपास और घर में बचाव के सभी उपायों पर जोर दें, तो डेंगू प्रहार नहीं करेगा. फिलहाल, गोरखपुर में अब तक कुल 21 डेंगू के मरीज सामने आ चुके हैं. जिनका इलाज जिला और निजी अस्पताल में चल रहा है. कुछ स्वस्थ होकर घर भी जा चुके हैं. अब तक डेंगू के शिकार हुए लोगों में 1 से 15 वर्ष के कुल पांच, 15 से 50 वर्ष के 12 और 50 वर्ष ऊपर के चार मरीज सामने आए हैं. सीएमओ ने कहा कि डेंगू के मामले पर नियंत्रण के लिए, हेल्थ सेंटर से लेकर हेल्थ वेलनेस सेंटर तक रैपिड जांच किट भेज दी गई है. जिससे लोगों की जांच आसानी से हो सके और लोगों को शहर में आना न पड़े. उन्होंने कहा कि रैपिड जांच में पॉजीटिव आई रिपोर्ट एलाइजा जांच में फेल साबित हुई है. सिर्फ 7 से 8% लोग ही डेंगू की चपेट में हैं. इसलिए, रैपिड जांच की पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर घबराएं नहीं. नगर निगम क्षेत्र से अब तक आठ और ग्रामीण क्षेत्र से कुल 13 मरीज डेंगू के सामने आए हैं. जांच की कुल संख्या 3590 है, जो जनवरी से लेकर अब तक का आंकड़ा है. यह आकड़े जिला अस्पताल के हैं.

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70 हजार प्लेटलेट्स होने पर सतर्क हो जाएंः मेडिकल कॉलेज की बात करें तो वहां कुल 396 लोगों की एलाइजा जांच में 32 लोगों में डेंगू मिला है. यह भी मात्र 8% है. सीएमओ ने कहा कि ट्रीटमेंट कराएं और जिला अस्पताल में एलाइजा की जांच करायें, बिल्कुल भी न घबराए. जहां भी डेंगू के लार्वा मिलने की सूचना मिल रही है, वहां दावओं का छिड़काव कराया जा रहा है. जिस क्षेत्र का मरीज है, वहां छिड़काव पर जोर दिया जा रहा है. डेंगू में प्लेटलेट्स को लेकर भी लोग चिंता ना करें. खानपान का ध्यान दें. 60 से 70 हजार प्लेटलेट्स जब आ जाए तो सतर्क हो जाएं. सीएमओ ने कहा कि प्लेटलेट्स का कम होना हमेशा डेंगू नहीं होता. समय से अस्पताल पहुंचने पर डेंगू जानलेवा रूप नहीं धारण करता. चिकनगुनिया और डेंगू के लक्षण एक तरह के होते हैं. जो जांच के बाद पता चल सकता है. फिर भी बुखार अगर आए तो जांच में लापरवाही नहीं बरतनी है.

सरकारी अस्पतालों में यह जांच फ्रीः बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्मेंट के हेड डॉक्टर अमरेश कुमार सिंह कहते हैं कि निजी पैथोलॉजी में भी यदि रैपिड जांच पॉजिटिव आ रही है तो एलाइजा जांच जरूर करा लें. सरकारी अस्पतालों में यह जांच फ्री है. लोग इसका लाभ उठाएं. डेंगू की रिपोर्ट से एक बात और सामने आई है कि जो लोग साउथ इंडिया के अलग-अलग शहरों से गोरखपुर आए थे, वह इसकी चपेट में जल्दी आए हैं. फिलहाल, डेंगू का आंकड़ा वर्ष 2022 के मुकाबले बहुत कम है. 2022 में इसकी संख्या 318 थी. जबकि 2021 में 67, 2020 में 09 और 2019 में 114 थी. वर्ष 2018 में 25.


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