गोरखपुर: जीआरपी में तैनात मुख्य आरक्षी अमरेश यादव के पास आय से अधिक संपत्ति पाए जाने के बाद कैंट थाने में उसके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में केस दर्ज किया गया है. आरोपी अमरेश, खोराबार के ब्लॉक प्रमुख व सपा नेता शैलेश यादव का भाई है. अमरेश पर ब्लॉक प्रमुख भाई, पिता व अन्य लोगों के साथ मिलकर प्रॉपर्टी डीलिंग करने का आरोप है. जांच में सत्यता पाए जाने के बाद शुक्रवार रात विजिलेंस इंस्पेक्टर ने अमरेश के खिलाफ तहरीर दी.
विजिलेंस टीम ने की जांच
खोराबार के मदरहवा का रहने वाला अमरेश यादव गोरखपुर जीआरपी में सिपाही है. अमरेश का भाई खोराबार का ब्लॉक प्रमुख है. पिता और एक अन्य भाई प्रॉपर्टी डिलिंग का काम करते हैं. विजिलेंस टीम को शिकायत मिली थी कि अमरेश भी पिता और भाई के साथ मिलकर प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है. एडीजी रेलवे और एसपी जीआरपी के आदेश पर भ्रष्टाचार निवारण संगठन गोरखपुर ने आरक्षी के खिलाफ जांच की. जांच में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला सही पाया गया.
शुक्रवार रात भ्रष्टाचार निवारण संगठन इंस्पेक्टर रामधारी मिश्रा ने अमरेश के खिलाफ कैंट पुलिस को तहरीर दी. आरोपों के मुताबिक, अमरेश यादव भूमि की प्लाटिंग का कार्य करता है. इसमें उसके भाई दुर्गेश यादव एवं शैलेश यादव की मदद करते हैं. जिसकी वजह से उसने कई संपत्तियां खरीदी हैं.
जांच में पाया गया कि आरोपी अमरेश यादव ने लोक सेवक के रूप में कार्यरत रहते हुए आय से दोगुनी संपत्ति अर्जित की है. एक जनवरी 2006 से 31 दिसंबर 2018 तक वैध स्रोताें से अमरेश की कुल आय 52 लाख 40 हजार 500 रुपये पाई गई थी. इसके बावजूद निर्धारित अवधि में अमरेश ने एक करोड़ तीन लाख 98 हजार 388 रुपये खर्च किये थे. यह धनराशि अर्जित आय से 51 लाख 57 हजार 888 रुपये अधिक है. इस सिलसिले में नोटिस देकर अमरेश से जवाब भी मांगा गया था, लेकिन कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिल सका. लिहाजा आय से अधिक संपत्ति का मामला सही पाया गया है.
भ्रष्टाचार निवारण संगठन इंस्पेक्टर रामधारी मिश्रा ने बताया कि अमरेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. पूरे मामले की जानकारी एडीजी रेलवे व एसपी जीआरपी को दी जा चुकी है. कैंट इंस्पेक्टर अनिल उपाध्याय ने बताया कि आरोपित अमरेश यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. मामले की जानकारी आला अफसरों की दी गई है. जल्द आरोपी को गिरफ्तार कर चार्जशीट लगाई जाएगी.