गोरखपुरः जिले में स्थित हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल (Hanuman Prasad Poddar Cancer Hospital) पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और पड़ोसी देश नेपाल के सीमाई इलाकों के कैंसर मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है. धर्मार्थ कार्य के रूप में पिछले 46 वर्षों से सेवा देने में जुटा यह अस्पताल मरीजों को न सिर्फ बेहतर इलाज देता है बल्कि उनके रहने, खाने के इंतजाम में भी मदद करता है.
इस अस्पताल में मात्र 5 रुपये में ही मरीज और उनके परिजनों को भरपेट भोजन भी उपलब्ध होता है. हाल ही में इस संस्थान में कैंसर के इलाज में सबसे उच्च तकनीक की रेडिएशन मशीन लगाई गई है. 'टू बीम लीनियर एक्सलेटर मशीन' पूरे देश की सबसे आधुनिक मशीन है और इसकी कीमत 18 करोड़ रुपये है. इस मशीन द्वारा ऑपरेशन वाले कैंसर के मरीजों को रेडिएशन से ही राहत दी जा सकेगी. यह अस्पताल देश के किसी भी कैंसर इंस्टीट्यूट की तुलना में काफी सस्ता और बेहतर इलाज मरीजों को उपलब्ध कराता है. कोरोना काल में भी यहां मरीजों को देखे जाने का सिलसिला जारी था. मुंबई, दिल्ली, लखनऊ, बनारस से इलाज कराने वाले मरीज रेफर होकर यहां आते हैं.
धार्मिक पुस्तकों की छपाई के सबसे बड़े केंद्र गीता प्रेस (Geeta Press) के संस्थापक और कल्याण पत्रिका के संपादक भाई हनुमान प्रसाद पोद्दार की स्मृति में स्थापित यह कैंसर अस्पताल नित नई आधुनिक इलाज सुविधाओं से लैस होता जा रहा है. जिससे मरीजों का भरोसा भी इस अस्पताल पर बढ़ा है. लखनऊ, दिल्ली, मुंबई के अस्पतालों पर इलाज के लिए निर्भर रहने वाले लोगों की निर्भरता अब हनुमान प्रसाद पोद्दार अस्पताल बन चुका है. नर सेवा-नारायण सेवा हनुमान प्रसाद पोद्दार का धेय वाक्य था, जिस पर आज भी अस्पताल आगे बढ़ रहा है.
हर साल 35 हजार कैंसर मरीज फॉलोअप इलाज के लिए आते हैं
हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल में लगभग 35 हजार कैंसर मरीज प्रतिवर्ष फॉलोअप इलाज के लिए आते हैं. वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी में जब आना-जाना बाधित था तब भी यहां नए रोगियों की संख्या 3874 देखी गई. जबकि फॉलोअप रोगियों की संख्या 26894 थी. इस अस्पताल में कैंसर चिकित्सा की तीनों विधाएं रेडियो थेरेपी, कीमो थेरेपी और सर्जरी चिकित्सा उपलब्ध है.
सबसे कम खर्च में होता है मरीजों का इलाज
अस्पताल के सचिव उमेश सिंघानिया का कहना है कि देश के किसी भी कैंसर अस्पताल में इलाज में आने वाले खर्च से कम खर्च में यहां मरीजों का इलाज किया जाता है. उन्होंने बताया कि कैंसर पीड़ित अपनी बीमारी से जितना परेशान होता उससे कहीं ज्यादा उसका परिवार आर्थिक रूप से टूट जाता है. इसलिए यहां इलाज सेवा भाव के साथ होता है. यहां सरकार भी अपने निधि से मदद करती है तो समाज के लोग भी दान करने के लिए स्वतंत्र हैं.
अस्पताल में ये हैं सुविधाएं
बता दें कि हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल में अत्याधुनिक और उच्चीकृत सुविधाओं के क्रम में रेडियो थेरेपी विभाग में 6 एमवी लीनियर एक्सलेटर द्वारा वर्ष 2013 से चिकित्सा की जा रही है. 5 चैनल एचडीआर बी ब्रेकिथेरेपी एवं cobalt-60, सिटी बेस सिमुलेटर संयंत्र, ट्रीटमेंट प्लानिंग सिस्टम जैसी सुविधाएं यहां उपलब्ध हैं. यहां कैंसर की समस्त प्रकार की सर्जरी ऑंको सर्जन और उनकी टीम द्वारा किया जाता है. जिसमें लीवर, बच्चेदानी, आंतों का कैंसर, हेड एवं नेक कैंसर का ऑपरेशन किए जाते हैं. इस अस्पताल में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक सहायता कोष और पूर्वोत्तर रेलवे के कर्मचारियों को कैशलेस सुविधा इलाज में उपलब्ध है. करीब 100 बेड का इनडोर अस्पताल है जो बहुत जल्द 200 का होने वाला है. अस्पताल में प्रतिवर्ष करीब 50 कैंसर पीड़ित बच्चे भी आते हैं, जिसको देखते हुए भविष्य में चाइल्ड कैंसर केयर फाउंडेशन के सहयोग से एक नए विभाग का शुभारंभ अस्पताल करने जा रहा है.
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कोरोना काल में 450 मरीजों की हुई सर्जरी
वहीं, पिछले वर्ष कोरोना की विभीषिका में भी अस्पताल में 450 से भी ज्यादा सर्जरी हुई, जो पूर्णता सफल रही. यहां इलाज करा रहे करीब 30% रोगियों की कोरोना काल में इस वजह से मृत्यु हो गई, क्योंकि वह दूरी की वजह से अस्पताल नहीं पहुंच सके. यही वजह है कि आने- जाने की समस्याओं को खत्म करने के लिए करीब 100 बेड के सुसज्जित भवन के निर्माण की योजना अस्पताल में चल रही है, जिस पर करीब 5 करोड़ 75 लाख रुपये खर्च होंगे.