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मोदी सरकार का पूर्वांचल को बड़ा तोहफा, सहजनवा-दोहरीघाट तक बिछेगी नई रेल लाइन

लंबे इंतजार के बाद सरकार ने सहजनवां-दोहरीघाट लगभग 80 किमी नई रेल लाइन को मंजूरी दे दी है. बुधवार को कैबिनेट की मीटिंग में इस नई रेल लाइन के प्रस्ताव पर मुहर लग गई. 1320 करोड़ की लागत से यह रेल लाइन तैयार होगी.

दोहरीघाट-सहनजवां नई रेल लाइन को हरी झंडी.
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Published : Jul 18, 2019, 9:10 PM IST

गोरखपुर: कई दशक से गोरखपुर के दक्षिणांचल को रेल लाइन से जोड़ने की मांग चल रही थी, जिसको मोदी पार्ट-2 सरकार ने पूरा कर दिया है. यह रेल लाइन सहजनवा से दोहरीघाट तक बनाई जाएगी. इसकी कुल लंबाई 81 किलोमीटर होगी. इस रेल खंड के बनने से लोगों को बनारस और आजमगढ़ का एक अन्य मार्ग भी उपलब्ध हो जाएगा.

दोहरीघाट-सहनजवां नई रेल लाइन को हरी झंडी.


दोहरीघाट-सहनजवां नई रेल लाइन को हरी झंडी-

  • इस नई रेल लाइन को पूरा करने का लक्ष्य 2024 रखा गया है.
  • 2016 में इसको बजट में स्वीकृति मिल गई थी पर वित्तीय स्वीकृति न मिलने से काम आगे नहीं बढ़ा था.
  • इसके निर्माण पर करीब 1320 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
  • जिसको केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को स्वीकृति प्रदान कर दी है.
  • इस रेल लाइन को बनाने के लिए कांग्रेस सरकार में पहली बार आवाज उठी थी.
  • जब दोआबा क्षेत्र और बांसगांव के तत्कालीन सांसद महावीर प्रसाद केंद्रीय रेल राज्य मंत्री थे.
  • भाजपा नेता और बांसगांव सांसद कमलेश पासवान हर चुनाव में इस इस मुद्दे को उठाते थे जो अब पूरा हुआ.
  • गोरखपुर प्रेस क्लब अध्यक्ष मार्कण्डेय मणि त्रिपाठी ने इसे क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि बताया है.

इस नई रेल लाइन के बनने से सहजनवा-बड़हलगंज-दोहरीघाट से वाराणसी जाने के लिए 40 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी. वर्तमान में देवरिया भटनी से घूम कर जाने में वाराणसी की दूरी 230 किलोमीटर पड़ती है. इस नए रेलखंड पर कुल 12 स्टेशन बनाए जाएंगे, जिसमें एक जंक्शन भी शामिल होगा. पूर्वोत्तर रेलवे ने इसका जो प्रोजेक्ट पेश किया है, उसमें सात क्रॉसिंग स्टेशन और चार हाल्ट स्टेशन भी होंगे.

गोरखपुर: कई दशक से गोरखपुर के दक्षिणांचल को रेल लाइन से जोड़ने की मांग चल रही थी, जिसको मोदी पार्ट-2 सरकार ने पूरा कर दिया है. यह रेल लाइन सहजनवा से दोहरीघाट तक बनाई जाएगी. इसकी कुल लंबाई 81 किलोमीटर होगी. इस रेल खंड के बनने से लोगों को बनारस और आजमगढ़ का एक अन्य मार्ग भी उपलब्ध हो जाएगा.

दोहरीघाट-सहनजवां नई रेल लाइन को हरी झंडी.


दोहरीघाट-सहनजवां नई रेल लाइन को हरी झंडी-

  • इस नई रेल लाइन को पूरा करने का लक्ष्य 2024 रखा गया है.
  • 2016 में इसको बजट में स्वीकृति मिल गई थी पर वित्तीय स्वीकृति न मिलने से काम आगे नहीं बढ़ा था.
  • इसके निर्माण पर करीब 1320 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
  • जिसको केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को स्वीकृति प्रदान कर दी है.
  • इस रेल लाइन को बनाने के लिए कांग्रेस सरकार में पहली बार आवाज उठी थी.
  • जब दोआबा क्षेत्र और बांसगांव के तत्कालीन सांसद महावीर प्रसाद केंद्रीय रेल राज्य मंत्री थे.
  • भाजपा नेता और बांसगांव सांसद कमलेश पासवान हर चुनाव में इस इस मुद्दे को उठाते थे जो अब पूरा हुआ.
  • गोरखपुर प्रेस क्लब अध्यक्ष मार्कण्डेय मणि त्रिपाठी ने इसे क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि बताया है.

इस नई रेल लाइन के बनने से सहजनवा-बड़हलगंज-दोहरीघाट से वाराणसी जाने के लिए 40 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी. वर्तमान में देवरिया भटनी से घूम कर जाने में वाराणसी की दूरी 230 किलोमीटर पड़ती है. इस नए रेलखंड पर कुल 12 स्टेशन बनाए जाएंगे, जिसमें एक जंक्शन भी शामिल होगा. पूर्वोत्तर रेलवे ने इसका जो प्रोजेक्ट पेश किया है, उसमें सात क्रॉसिंग स्टेशन और चार हाल्ट स्टेशन भी होंगे.

Intro:डेस्क के ध्यानार्थ...खबर के विजुअल पर फाइल जरूर लिखें।

ओपनिंग पीटीसी....

गोरखपुर। कई दशक से गोरखपुर के दक्षिणांचल को रेल लाइन से जोड़ने की चल रही मांग को मोदी पार्ट-2 सरकार ने पूरा कर दिया है। यह रेल लाइन सहजनवा से दोहरीघाट तक बनाई जाएगी, जिसकी कुल लंबाई 81 किलोमीटर होगी। इसके बाद द्वाबा और कछार क्षेत्र से होते हुए ट्रेन के दौड़ाने का लोगों का सपना पूरा हो जाएगा तो बस-जीप के संघर्ष भरे यात्रा में भी कमी आएगी। इस रेल खंड के बन जाने से लोगों को बनारस और आज़मगढ़ का एक अन्य मार्ग भी उपलब्ध हो जाएगा। इसके निर्माण पर करीब 1320 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसको केंद्रीय कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान कर दी है।

नोट--कम्प्लीट पैकेज....वॉइस ओवर अटैच है।


Body:इस नई रेल लाइन को पूरा करने का लक्ष्य 2024 रखा गया है। 2016 में भी इस रेल लाइन को बजट में स्वीकृति मिल गई थी पर वित्तीय स्वीकृति न मिलने से काम आगे नहीं बढ़ सका था। 2019 में नई लाइन के शिलान्यास का कार्यक्रम भी तय हो गया था लेकिन वह निरस्त हो गया जिसके पीछे वित्तीय स्वीकृति का ना होना ही वजह बनकर उभरा था। इस रेल लाइन को बनाने के लिए कांग्रेस की सरकार में पहली बार आवाज उठी थी। जब दोआबा क्षेत्र के और बांसगांव के तत्कालीन सांसद महावीर प्रसाद केंद्रीय रेल राज्य मंत्री हुआ करते थे। पर यह लाइन बन नहीं पाई। भाजपा के नेता और बांसगांव के सांसद कमलेश पासवान हर चुनाव में इस इस मुद्दे को उठाते थे जो अब जाकर पूरा हो पाया है। गोरखपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष ने इसे क्षेत्र के लिए बड़ी उप्लब्धि बताया है और कहा कि इससे विकास को गति मिलेगी।

बाइट--मार्कण्डेय मणि त्रिपाठी, अध्यक्ष, गोरखपुर प्रेस क्लब

मिड पीटीसी के साथ खबर आगे बढ़ेगी....


Conclusion:इस नई रेल लाइन के बन जाने से सहजनवा- बड़हलगंज- दोहरीघाट से वाराणसी जाने के लिए 40 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी। वर्तमान में देवरिया भटनी से घूम कर जाने में वाराणसी की दूरी 230 किलोमीटर पड़ती है। जबकि नए रुट से जाने में यह दूरी 190 किलोमीटर की हो जाएगी। इस नए रेलखंड पर कुल 12 स्टेशन बनाए जाएंगे। जिसमें एक जंक्शन भी शामिल होगा। पूर्वोत्तर रेलवे ने इसका जो प्रोजेक्ट पेश किया है उसमें 7 क्रासिंग स्टेशन और चार हाल्ट स्टेशन भी होंगे। फिलहाल बजट के आने का इंतजार है। जब टेंडर के पास होने के साथ इस नई रेल लाइन का शिलान्यास होगा तो वह दिन पूर्वांचल वासियों खासकर उन लोगों के लिए जो दोआबा क्षेत्र में रहते हैं और रेल लाइन की सुविधा से महरूम हैं बेहद खुशी का होगा।

क्लोजिंग पीटीसी...
मुकेश पाण्डेय
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