गोरखपुर: कई दशक से गोरखपुर के दक्षिणांचल को रेल लाइन से जोड़ने की मांग चल रही थी, जिसको मोदी पार्ट-2 सरकार ने पूरा कर दिया है. यह रेल लाइन सहजनवा से दोहरीघाट तक बनाई जाएगी. इसकी कुल लंबाई 81 किलोमीटर होगी. इस रेल खंड के बनने से लोगों को बनारस और आजमगढ़ का एक अन्य मार्ग भी उपलब्ध हो जाएगा.
दोहरीघाट-सहनजवां नई रेल लाइन को हरी झंडी-
- इस नई रेल लाइन को पूरा करने का लक्ष्य 2024 रखा गया है.
- 2016 में इसको बजट में स्वीकृति मिल गई थी पर वित्तीय स्वीकृति न मिलने से काम आगे नहीं बढ़ा था.
- इसके निर्माण पर करीब 1320 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
- जिसको केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को स्वीकृति प्रदान कर दी है.
- इस रेल लाइन को बनाने के लिए कांग्रेस सरकार में पहली बार आवाज उठी थी.
- जब दोआबा क्षेत्र और बांसगांव के तत्कालीन सांसद महावीर प्रसाद केंद्रीय रेल राज्य मंत्री थे.
- भाजपा नेता और बांसगांव सांसद कमलेश पासवान हर चुनाव में इस इस मुद्दे को उठाते थे जो अब पूरा हुआ.
- गोरखपुर प्रेस क्लब अध्यक्ष मार्कण्डेय मणि त्रिपाठी ने इसे क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि बताया है.
इस नई रेल लाइन के बनने से सहजनवा-बड़हलगंज-दोहरीघाट से वाराणसी जाने के लिए 40 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी. वर्तमान में देवरिया भटनी से घूम कर जाने में वाराणसी की दूरी 230 किलोमीटर पड़ती है. इस नए रेलखंड पर कुल 12 स्टेशन बनाए जाएंगे, जिसमें एक जंक्शन भी शामिल होगा. पूर्वोत्तर रेलवे ने इसका जो प्रोजेक्ट पेश किया है, उसमें सात क्रॉसिंग स्टेशन और चार हाल्ट स्टेशन भी होंगे.