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गोरखपुर: ऑनलाइन होगा ब्रम्हलीन महंत का पुण्यतिथि समारोह, सीएम योगी भी होंगे शामिल

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में ब्रम्हलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज की 51वीं और राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ महाराज की 6ठवीं पुण्यतिथि समारोह का आयोजन ऑनलाइन किया जाएगा. कार्यक्रम 30 अगस्त से 6 सितंहर तक चलेगा, जिसमें सीएम योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे.

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Published : Aug 29, 2020, 6:48 PM IST

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सीएम योगी (फाइल).

गोरखपुर: कोरोना की महामारी के बीच गोरखनाथ मंदिर में ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज की 51वीं और राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ महाराज की 6ठवीं पुण्यतिथि पर साप्ताहिक कार्यक्रम का आयोजन होगा. कार्यक्रम 30 अगस्त से 6 सितंबर तक चलेगा. इसमें धर्म, संस्कृति से जुड़े देश के नामी विद्वान ऑनलाइन संबोधित करेंगे. कार्यक्रम का प्रसारण मंदिर के यूट्यूब चैनल और फेसबुक पेज पर किया जाएगा. गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर एवं प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भी कार्यक्रम में शामिल होंगे. मंदिर प्रबंधन कार्यक्रम की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है.


साप्ताहिक श्रद्धांजलि समारोह 30 अगस्त से श्रीराम कथा ज्ञान-यज्ञ से शुरू होगा. गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने बताया कि युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज और राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ महाराज ने धर्म, संस्कृति, शिक्षा, समाज एवं राष्ट्र के सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बहुआयामी एवं लोक संग्रही व्यक्तित्व से अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज की थी. अनेक महत्वपूर्ण धार्मिक-आध्यात्मिक एवं राष्ट्रीय मुद्दों पर सड़क से संसद तक दोनों महंत की ओजपूर्ण वाणी गूंजती रहती थी.

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गोरखनाथ मंदिर में होगा कार्यक्रम का आयोजन.

1920 से लेकर 21वीं शताब्दी के प्रथम दशक तक देश की कोई भी राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक समस्या ऐसी नहीं थी, जिस पर दोनों संतों की प्रभावपूर्ण उपस्थिति दर्ज न हुई हो. देश में वे आध्यात्मिक-सामाजिक पुनर्जागरण के अग्रदूत के रूप में प्रतिष्ठित हुए, तो पूर्वी उत्तर प्रदेश में शैक्षिक पुनर्जागरण के अग्रदूत बनकर उभरे. दोनों महंत राष्ट्रवादी चरित्र और आध्यात्मिक चेतना से प्रदीप्त थे, जो अतीत, अनागत और वर्तमान सबको प्रत्यक्षवत देखते थे.

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30 अगस्त से 6 सितंबर तक होगा कार्यक्रम का आयोजन

उन्होंने बताया कि दोनों संत हिंदू समाज के रक्षक थे और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रबल समर्थक भी. उनकी स्मृतियां हमें अनवरत नई प्रदान करती हैं. प्रधान पुजारी ने बताया कि साप्ताहिक श्रद्धांजलि समारोह के अन्तर्गत समसामायिक विषयों पर चलने वाला सम्मेलन 30 अगस्त से प्रारम्भ होगा.

उद्घाटन समारोह में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का शुभारम्भ, भारत में एक नए युग का आरम्भ, 1 सितंबर को स्वच्छ भारत अभियान एवं हमारा स्वास्थ्य, 2 सितंबर को सामाजिक समरसता एवं सन्त समाज, 3 सितंबर को संस्कृत एवं भारतीय संस्कृति, 4 सितंबर को भारतीय संस्कृति एवं गो-सेवा विषयक सम्मेलन सम्पन्न होंगे.

5 सितंबर को युगपुरुष महंत दिग्विजयनाथ महाराज की और 6 सितंबर को राष्ट्रसंत महंत अवेद्यनाथ महाराज की श्रद्धांजलि सभा आयोजित होगी. 30 अगस्त से 5 सितंबर तक दोपहर बाद 3 बजे से सायं 6 बजे तक संगीतमय श्रीराम कथा ज्ञान-यज्ञ का अयोजन किया जाएगा. अयोध्या धाम से पधारे अनंत जगद्गुरु श्रीस्वामी राघवाचार्य महाराज के द्वारा राम कथा सुनाई जाएगी. योगी कमलनाथ ने बताया कि कोविड-19 के कारण इस वर्ष सम्पूर्ण आयोजन निर्धारित निर्देशों का अनुपालन करते हुए सम्पन्न कराया जाएगा. सभी श्रद्धालुओं और भक्तजनों से आग्रह है कि वह कार्यक्रम में ऑनलाइन सम्मिलित हों.

गोरखपुर: कोरोना की महामारी के बीच गोरखनाथ मंदिर में ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज की 51वीं और राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ महाराज की 6ठवीं पुण्यतिथि पर साप्ताहिक कार्यक्रम का आयोजन होगा. कार्यक्रम 30 अगस्त से 6 सितंबर तक चलेगा. इसमें धर्म, संस्कृति से जुड़े देश के नामी विद्वान ऑनलाइन संबोधित करेंगे. कार्यक्रम का प्रसारण मंदिर के यूट्यूब चैनल और फेसबुक पेज पर किया जाएगा. गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर एवं प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भी कार्यक्रम में शामिल होंगे. मंदिर प्रबंधन कार्यक्रम की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है.


साप्ताहिक श्रद्धांजलि समारोह 30 अगस्त से श्रीराम कथा ज्ञान-यज्ञ से शुरू होगा. गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने बताया कि युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज और राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ महाराज ने धर्म, संस्कृति, शिक्षा, समाज एवं राष्ट्र के सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बहुआयामी एवं लोक संग्रही व्यक्तित्व से अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज की थी. अनेक महत्वपूर्ण धार्मिक-आध्यात्मिक एवं राष्ट्रीय मुद्दों पर सड़क से संसद तक दोनों महंत की ओजपूर्ण वाणी गूंजती रहती थी.

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गोरखनाथ मंदिर में होगा कार्यक्रम का आयोजन.

1920 से लेकर 21वीं शताब्दी के प्रथम दशक तक देश की कोई भी राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक समस्या ऐसी नहीं थी, जिस पर दोनों संतों की प्रभावपूर्ण उपस्थिति दर्ज न हुई हो. देश में वे आध्यात्मिक-सामाजिक पुनर्जागरण के अग्रदूत के रूप में प्रतिष्ठित हुए, तो पूर्वी उत्तर प्रदेश में शैक्षिक पुनर्जागरण के अग्रदूत बनकर उभरे. दोनों महंत राष्ट्रवादी चरित्र और आध्यात्मिक चेतना से प्रदीप्त थे, जो अतीत, अनागत और वर्तमान सबको प्रत्यक्षवत देखते थे.

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30 अगस्त से 6 सितंबर तक होगा कार्यक्रम का आयोजन

उन्होंने बताया कि दोनों संत हिंदू समाज के रक्षक थे और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रबल समर्थक भी. उनकी स्मृतियां हमें अनवरत नई प्रदान करती हैं. प्रधान पुजारी ने बताया कि साप्ताहिक श्रद्धांजलि समारोह के अन्तर्गत समसामायिक विषयों पर चलने वाला सम्मेलन 30 अगस्त से प्रारम्भ होगा.

उद्घाटन समारोह में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का शुभारम्भ, भारत में एक नए युग का आरम्भ, 1 सितंबर को स्वच्छ भारत अभियान एवं हमारा स्वास्थ्य, 2 सितंबर को सामाजिक समरसता एवं सन्त समाज, 3 सितंबर को संस्कृत एवं भारतीय संस्कृति, 4 सितंबर को भारतीय संस्कृति एवं गो-सेवा विषयक सम्मेलन सम्पन्न होंगे.

5 सितंबर को युगपुरुष महंत दिग्विजयनाथ महाराज की और 6 सितंबर को राष्ट्रसंत महंत अवेद्यनाथ महाराज की श्रद्धांजलि सभा आयोजित होगी. 30 अगस्त से 5 सितंबर तक दोपहर बाद 3 बजे से सायं 6 बजे तक संगीतमय श्रीराम कथा ज्ञान-यज्ञ का अयोजन किया जाएगा. अयोध्या धाम से पधारे अनंत जगद्गुरु श्रीस्वामी राघवाचार्य महाराज के द्वारा राम कथा सुनाई जाएगी. योगी कमलनाथ ने बताया कि कोविड-19 के कारण इस वर्ष सम्पूर्ण आयोजन निर्धारित निर्देशों का अनुपालन करते हुए सम्पन्न कराया जाएगा. सभी श्रद्धालुओं और भक्तजनों से आग्रह है कि वह कार्यक्रम में ऑनलाइन सम्मिलित हों.

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