गोरखपुर: जनपद में तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस ने भयावह रूप अख्तियार कर लिया है. ऐसे में सैकड़ों की संख्या में प्रतिदिन संक्रमित पाए जा रहे हैं. वहीं मौतों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. ऐसे में शहर से एक रूह कंपा देने वाली खबर सामने आई है. जहां कोरोना संक्रमित पहले पिता की मौत हुई और लगभग 24 घंटे से भी कम समय मे बेटे की भी कोरोना से मौत हो गई.
लोगों के मन में कोरोना का खौफ इस कदर समाया है कि शव को कोई कंधा देनेवाला नहीं मिल रहा है. ताजा मामले में शव 6 घंटों से अधिक समय घर के दरवाजे पर पड़ा रहा, लेकिन कोई शव को कंधा देने नहीं आया. जब इसकी सूचना सामाजिक कार्यकर्ता विजय कुमार श्रीवास्तव को हुई तो उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से इस घटना को प्रशासनिक अमले को रूबरू कराया और तब जाकर प्रशासनिक अमला जागा और शव को कब्जे में लेकर राप्ती नदी के तट पर उसका दाह संस्कार कराया गया.
दरअसल, घटना गोरखपुर के रामजानकी नगर की है. जहां 12 अप्रैल को कॉलोनी के रहने वाले रिटायर्ड बिजली कर्मचारी की कोरोना से मौत हो गई. ऐसे में बिजली कर्मचारी के बेटे ने अपने दोनों भाइयों व बच्चों के साथ 11 अप्रैल को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जांच कराई. जिसकी रिपोर्ट पिता की मौत के एक दिन बाद पॉजिटिव आई. पिता के अंतिम संस्कार के बाद परिवार होम आइसोलेशन में था. अभी परिवार इस सदमे से उबर भी नहीं पाया था कि गुरुवार की देर रात बिजली कर्मचारी के बेटे की तबीयत भी खराब हो गई. जिसे एच एन सिंह चौराहे के पास स्थित एक निजी चिकित्सालय में ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. परिजन शव को वापस घर लेकर घर आए. शव को देखते ही मोहल्ले वालों ने अपनी खिड़कियां और दरवाजे बंद कर दिए. इस दौरान शव को कंधा देने के लिए कोई आगे नहीं आया. जिससे 6 घंटे तक शव दरवाजे के पास पड़ रहा.
जब घटना की जानकारी कोतवाली थाना क्षेत्र के रहने वाले विजय कुमार श्रीवास्तव को हुई तो उन्होंने इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को दी. वहीं, अधिकारियों ने शव वाहन के साथ टीम को मौके पर भेजा और शव को राप्ती नदी के तट पर ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया.
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