गोरखपुर: लोक कल्याण और रचनात्मक कार्यों के लिए समर्पित शिवावतारी महायोगी गुरु गोरक्षनाथ ब्लड बैंक का गुरुवार को 15वां स्थापना दिवस समारोह मनाया गया. 17 जुलाई 2005 में तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. सीपी ठाकुर ने इस ब्लड बैंक की स्थापना की थी. स्थापना दिवस पर रक्तदान शिविर आयोजित हुआ. इस दौरान रक्तदाता सम्मान का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया.
ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ. अवधेश मल्ल ने बताया कि आरंभ से ही यह ब्लड बैंक निरंतर प्रगति की ओर बढ़ता रहा है. इसी क्रम में ब्लड बैंक कम्पोनेन्ट, कम्प्यूटरीकृत (बायोमेट्रिक) पूर्णतया स्वचलित इलाज उपकरण, ग्रुपिंग एवं क्रॉस मैचिंग जेल तकनीकी से प्लेटलेट ऐफेरेसिस, ऑटोमेटिक सेल ऑपरेटर इत्यादि की सुविधा दी गई. ब्लड बैंक पूरे पूर्वांचल के साथ निकटवर्ती राज्य बिहार में रक्त की आपूर्ति करते हुए अपनी सेवाओं को उच्च गुण्वत्तायुक्त और जनउपयोगी बनाए हुए है.
आधुनिकता के धरातल को प्रस्तुत करता है ब्लड बैंक
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि ब्लड बैंक की तरफ से लगभग चार लाख यूनिट रक्त और रक्त अवयवों की आपूर्ति कर प्रदेश में यह एक कीर्तिमान स्थापित कर चुका है. समय-समय पर वैज्ञानिक गोष्ठियों का आयोजन कर रक्तकोष के उन्नयन और उत्तम सेवाओं के लिए सदैव समर्पित है. सूदुर प्रदेशों में होने वाली वैज्ञानिक संगोष्ठियों में भी सहभागिता करते हुए उनका अनुसरण करता है. यह ब्लड बैंक आधुनिकता के धरातल को प्रस्तुत करता है.
स्वरक्तदाताओं और समाजसेवी संगठनों की अहम भूमिका
उन्होंने कहा कि ब्लड बैंक में स्वरक्तदाताओं और समाजसेवी संगठनों की अहम भूमिका होती है. इन्हीं के दिए हुए रक्त द्वारा ब्लड बैंक थैलिसीमिया, प्लास्टिक एनिमिया, कैंसर, गुर्दा रोगी या किसी गंभीर मरीज की रक्षा होती है. कोरोना से बचाव के लिए रक्तदाताओं और उनके परिजनों को आवश्यक निर्देशों के अनुसार अनुपालन भी कराया गया. इसके साथ ही रक्तदान करने आए लोगों को सम्मानित भी किया गया.