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MLC Election: ढ़ाई लाख मतदाताओं को सहेजने में 10 लाख कार्यकर्ताओं को उतारेगी भाजपा, जीत की राह बनाएगी आसान - यूपी एसएलसी चुनाव में बीजेपी की रणनीति

यूपी में पांच सीटों पर विधान परिषद चुनाव होने है. जिसमें जीत हासिल करने के लिए बीजेपी ने कार्यकर्ताओं और पदधिकारियों द्वारा मतदाताओं पर निगाह रखने और संपर्क कर मतदान करवाने की रणनीति बनाई है.

यूपी में पांच सीटों पर विधान परिषद चुनाव
यूपी में पांच सीटों पर विधान परिषद चुनाव
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Published : Jan 21, 2023, 5:24 PM IST

यूपी में पांच सीटों पर विधान परिषद चुनाव

गोरखपुर: बीजेपी पार्टी अपने किसी भी चुनाव को हल्के में नहीं लेती है. वह चुनाव जीतने के लिए युद्ध जैसा अभियान चलाती और तैयारी करती है. मौजूदा समय में यूपी में पांच विधान परिषद के सीटों पर चुनाव होना है. जिसमें गोरखपुर, फैजाबाद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र का भी चुनाव 30 जनवरी को होना है. इस क्षेत्र में कुल ढाई लाख मतदाता हैं. भाजपा ने चुनाव को जीतने के लिए जो रणनीति बनाई है उसके तहत, प्रत्येक मतदाता पर अपने 4 कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को निगाह रखने, संपर्क करने और उन्हें पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने के लिए लगा दिया है. इतनी बड़ी रणनीति बनाने के साथ जहां वह अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है. बीजेपी लोकसभा चुनाव 2024 में भी अपनी मजबूत नीव को खड़ी करने में जुटी हुई है.

बीजेपी के क्षेत्रीय सह मीडिया प्रभारी डॉ. विनय सिंह इस चुनाव के संबंध में पार्टी प्रत्याशी के मीडिया मैनेजमेंट और संयोजक की भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इन 17 जिलों में करीब ढाई लाख मतदाता हैं. जिनसे संपर्क स्थापित करने के लिए पार्टी ने कार्यकर्ताओं से लेकर पदाधिकारियों तक को मैदान में उतार दिया है. जिनकी संख्या 10 लाख के करीब है. एक मतदाता पर 4-4 भाजपा कार्यकर्ताओं की नजर रहेगी. हालांकि, पार्टी प्रत्याशी देवेंद्र प्रताप सिंह की तरफ से मतदाता बनाने से लेकर विभिन्न मुद्दों पर स्नातकों, शिक्षकों के साथ हर वक्त खड़े रहने, संघर्ष करने की जो पहल निरंतर होती रही है. वह इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में मजबूत समीकरण बनकर उभरी है.फिर भी पार्टी कोई चूक नहीं करना चाहती और क्षेत्रवार, कार्यकर्ताओं को क्षेत्रवार मतदाताओं की सूची उपलब्ध करा कर उनसे निरंतर संपर्क स्थापित करने की कोशिश की जा रही है. जिससे 30 जनवरी को पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में अधिकतम मतदान कराकर सफलता हासिल की जाए.

प्रत्याशी देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि उनकी जीत से लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी और मोदी के लिए बड़ी जीत का रास्ता तय होगा. जबकि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी करुणाकांत मौर्य का कहना है कि बीजेपी सरकार की नीतियों, बेरोजगारी से स्नातक युवा बेहद खफा हैं. वह युवाओं को साथ जोड़कर इस चुनाव में सफलता हासिल करने में जुटे हुए हैं. यह पढ़े-लिखे मतदाताओं का चुनाव है न कि 5 किलो राशन मुफ्त पाने वालों का.

विधान परिषद के इस चुनाव में गोरखपुर-फैजाबाद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से जहां इस बार कांग्रेस और बसपा को प्रत्याशी ही नहीं मिले. वहीं, नामांकन दाखिल और नाम वापसी के बाद चुनावी मैदान में कुल 24 प्रत्याशी डटे हुए हैं. लेकिन इसमें बीजेपी, सपा को छोड़ किसी अन्य राजनीतिक दल का प्रत्याशी नहीं है. अब मुख्य मुकाबला सपा और भाजपा के बीच ही है. इसमें भी सपा प्रत्याशी करुणा कांत मौर्य बीजेपी के प्रत्याशी देवेन्द्र प्रताप सिंह के सामने बेहद कमजोर हैं. देवेंद्र मौजूदा समय में एमएलसी हैं और 3 बार इस क्षेत्र से चुनाव जीत चुके हैं.

यही वजह है कि उठापटक के बाद भी यह भाजपा के फिर प्रत्याशी बनाए गए हैं. वह इस बार अधिकार मतों से जीतने का दावा कर रहे हैं. वजह भी साफ है, प्रदेश के दोनों शिक्षक संगठन जो एक दूसरे के विरोधी रहते हैं, इनको खुला समर्थन दे रहे हैं. गोरखपुर फैजाबाद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में सम्मिलित 17 जिलों के कुल 2,49382 मतदाता मतदान करेंगे. इसके लिए 340 बूथों पर मतदान होगा. यह चुनाव आम चुनाव से भिन्न होगा. इसमें न तो ईवीएम का प्रयोग किया जाएगा और न ही मतपत्र पर मुहर लगानी होगी. मतदाताओं को पीठासीन अधिकारी की ओर से एक कलम यानी की पेन उपलब्ध कराई जाएगी. उसी से प्रत्याशियों के नाम के आगे वरीयता के क्रम में एक, दो और तीन लिखना होगा.

यह भी पढ़ें:SP strategy against BJP : विपक्षी मोर्चा बनाकर भाजपा के खिलाफ माहौल बनाएगी सपा, अखिलेश निभाएंगे बड़ी भूमिका

यूपी में पांच सीटों पर विधान परिषद चुनाव

गोरखपुर: बीजेपी पार्टी अपने किसी भी चुनाव को हल्के में नहीं लेती है. वह चुनाव जीतने के लिए युद्ध जैसा अभियान चलाती और तैयारी करती है. मौजूदा समय में यूपी में पांच विधान परिषद के सीटों पर चुनाव होना है. जिसमें गोरखपुर, फैजाबाद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र का भी चुनाव 30 जनवरी को होना है. इस क्षेत्र में कुल ढाई लाख मतदाता हैं. भाजपा ने चुनाव को जीतने के लिए जो रणनीति बनाई है उसके तहत, प्रत्येक मतदाता पर अपने 4 कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को निगाह रखने, संपर्क करने और उन्हें पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने के लिए लगा दिया है. इतनी बड़ी रणनीति बनाने के साथ जहां वह अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है. बीजेपी लोकसभा चुनाव 2024 में भी अपनी मजबूत नीव को खड़ी करने में जुटी हुई है.

बीजेपी के क्षेत्रीय सह मीडिया प्रभारी डॉ. विनय सिंह इस चुनाव के संबंध में पार्टी प्रत्याशी के मीडिया मैनेजमेंट और संयोजक की भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इन 17 जिलों में करीब ढाई लाख मतदाता हैं. जिनसे संपर्क स्थापित करने के लिए पार्टी ने कार्यकर्ताओं से लेकर पदाधिकारियों तक को मैदान में उतार दिया है. जिनकी संख्या 10 लाख के करीब है. एक मतदाता पर 4-4 भाजपा कार्यकर्ताओं की नजर रहेगी. हालांकि, पार्टी प्रत्याशी देवेंद्र प्रताप सिंह की तरफ से मतदाता बनाने से लेकर विभिन्न मुद्दों पर स्नातकों, शिक्षकों के साथ हर वक्त खड़े रहने, संघर्ष करने की जो पहल निरंतर होती रही है. वह इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में मजबूत समीकरण बनकर उभरी है.फिर भी पार्टी कोई चूक नहीं करना चाहती और क्षेत्रवार, कार्यकर्ताओं को क्षेत्रवार मतदाताओं की सूची उपलब्ध करा कर उनसे निरंतर संपर्क स्थापित करने की कोशिश की जा रही है. जिससे 30 जनवरी को पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में अधिकतम मतदान कराकर सफलता हासिल की जाए.

प्रत्याशी देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि उनकी जीत से लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी और मोदी के लिए बड़ी जीत का रास्ता तय होगा. जबकि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी करुणाकांत मौर्य का कहना है कि बीजेपी सरकार की नीतियों, बेरोजगारी से स्नातक युवा बेहद खफा हैं. वह युवाओं को साथ जोड़कर इस चुनाव में सफलता हासिल करने में जुटे हुए हैं. यह पढ़े-लिखे मतदाताओं का चुनाव है न कि 5 किलो राशन मुफ्त पाने वालों का.

विधान परिषद के इस चुनाव में गोरखपुर-फैजाबाद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से जहां इस बार कांग्रेस और बसपा को प्रत्याशी ही नहीं मिले. वहीं, नामांकन दाखिल और नाम वापसी के बाद चुनावी मैदान में कुल 24 प्रत्याशी डटे हुए हैं. लेकिन इसमें बीजेपी, सपा को छोड़ किसी अन्य राजनीतिक दल का प्रत्याशी नहीं है. अब मुख्य मुकाबला सपा और भाजपा के बीच ही है. इसमें भी सपा प्रत्याशी करुणा कांत मौर्य बीजेपी के प्रत्याशी देवेन्द्र प्रताप सिंह के सामने बेहद कमजोर हैं. देवेंद्र मौजूदा समय में एमएलसी हैं और 3 बार इस क्षेत्र से चुनाव जीत चुके हैं.

यही वजह है कि उठापटक के बाद भी यह भाजपा के फिर प्रत्याशी बनाए गए हैं. वह इस बार अधिकार मतों से जीतने का दावा कर रहे हैं. वजह भी साफ है, प्रदेश के दोनों शिक्षक संगठन जो एक दूसरे के विरोधी रहते हैं, इनको खुला समर्थन दे रहे हैं. गोरखपुर फैजाबाद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में सम्मिलित 17 जिलों के कुल 2,49382 मतदाता मतदान करेंगे. इसके लिए 340 बूथों पर मतदान होगा. यह चुनाव आम चुनाव से भिन्न होगा. इसमें न तो ईवीएम का प्रयोग किया जाएगा और न ही मतपत्र पर मुहर लगानी होगी. मतदाताओं को पीठासीन अधिकारी की ओर से एक कलम यानी की पेन उपलब्ध कराई जाएगी. उसी से प्रत्याशियों के नाम के आगे वरीयता के क्रम में एक, दो और तीन लिखना होगा.

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