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वन मंत्री को गोरखपुर नगर निगम चुनाव में कमल खिलाने की जिम्मेदारी

गोरखपुर नगर निगम चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है. गोरखपुर में चुनाव जिताने की जिम्मेदारी बीजेपी ने यूपी के वन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना को दी है.

गोरखपुर नगर निगम
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Published : Oct 15, 2022, 6:44 PM IST

गोरखपुर: गोरखपुर नगर निगम चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहा है, बीजेपी उसे जिताने के लिए रणनीति बनाने में तेजी के साथ बढ़ती दिखाई दे रही है. जहां दूसरे दल अभी कहीं से भी कोई कवायद करते नजर नहीं आ रहे हैं. वहीं, पर विभिन्न नगर निगमों में इसके प्रभारी की तैनाती करने के साथ बीजेपी के बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया है. गोरखपुर नगर निगम चुनाव को जिताने की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार के वन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना के कंधों पर है. वन मंत्री इसमें प्रभारी की भूमिका निभाएंगे.

वहीं, सह प्रभारी राज्य सभा सांसद बाबूराम निषाद को मिली है. गोरखपुर निगम के डिप्टी मेयर रहे और पार्टी में पिछड़ा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष चिरंजीवी चौरसिया को चुनाव का संयोजक बनाया गया है. जिम्मेदारी मिलते ही सभी नेता एक साथ गोरखपुर में पार्टी के जिम्मेदार पदाधिकारियों के साथ मैराथन बैठक कर अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं. इससे निगम चुनाव में न सिर्फ मेयर को जिताने में सफलता हासिल की जा सके, बल्कि बोर्ड में पार्षदों का भी बहुमत हो.

जानकारी देत वन मंत्री.

शनिवार को वन मंत्री ने अपने सहयोगी साथियों के साथ पार्टी के बेनीगंज कार्यालय पर बैठक कर रणनीति पर चर्चा की. इस दौरान जब मीडिया के सवालों का दौर आया तो उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से निगम चुनाव में मेयर को जिताना सिर्फ बड़ी कामयाबी नहीं है. इसके साथ पार्षद भी अधिक संख्या में जीते इसकी कोशिश होगी. इसके लिए सभी नेता क्षेत्र की जनता के बीच जाकर सीएम योगी के विकास कार्यों को बताएंगे.

यूपी के वन मंत्री अरुण सक्सेना ने कहा कि चाहे वह रामगढ़ ताल का पर्यटन स्वरूप हो, शुरू हुआ नया खाद कारखाना हो, एम्स हो या सड़कों, सीवर का जाल. इसके साथ ही मीडिया के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा की इस चुनाव में जाति की राजनीति का कोई मायने नहीं होगा. जिन कार्यकर्ताओं ने काम किया है, वही चुनाव में होगा. वन मंत्री कायस्थ जाति से आते हैं और गोरखपुर में इस जाति की बहुलता है. वहीं, पिछड़ी और अति पिछड़ी जाति के नेता को भी चुनावी गणित ठीक करने की जिम्मेदारी देकर पार्टी ने पहले ही समीकरण सेट कर दिया है. जो पनपने वाली समस्या को रोकने में कामयाबी दिला सकते हैं.


बाबूराम निषाद, राज्य सभा सांसद गोरखपुर नगर निगम में इस बार 80 सीटों पर पार्षद चुने जाएंगे. जो इससे पहले 70 सीटों के लिए होता था. 32 नए गावों को निगम सीमा में जोड़कर दस नए वार्ड बनाए गए हैं, करीब 940356 मतदाता हैं जो अभी बढ़ेंगे. मतदान स्थल की संख्या 802 है, यह भी बढ़ेगा. मतदान केंद्रों की संख्या 201 है. करीब दो दर्जन से ज्यादा वार्डों के नाम बदले हैं, इसपर पर राजनीति गरमाएगी. ऐसे सभी बिंदुओं पर बीजेपी नजर बनाकर चर्चा के साथ सफलता के लिए रणनीति बना रही है. फिलहाल यहां चुनाव सीएम योगी का तिलस्म दो चुनावों से विशेष रूप से चलता आ रहा है. अब इस बार के चुनाव में क्या परिणाम आता है समय ही बताएगा.

यह भी पढ़ें:पंचायत चुनाव की तरह नगर निकाय चुनाव में बाजी मारने के लिए समाजवादी पार्टी ने बनाई रणनीति

गोरखपुर: गोरखपुर नगर निगम चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहा है, बीजेपी उसे जिताने के लिए रणनीति बनाने में तेजी के साथ बढ़ती दिखाई दे रही है. जहां दूसरे दल अभी कहीं से भी कोई कवायद करते नजर नहीं आ रहे हैं. वहीं, पर विभिन्न नगर निगमों में इसके प्रभारी की तैनाती करने के साथ बीजेपी के बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया है. गोरखपुर नगर निगम चुनाव को जिताने की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार के वन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना के कंधों पर है. वन मंत्री इसमें प्रभारी की भूमिका निभाएंगे.

वहीं, सह प्रभारी राज्य सभा सांसद बाबूराम निषाद को मिली है. गोरखपुर निगम के डिप्टी मेयर रहे और पार्टी में पिछड़ा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष चिरंजीवी चौरसिया को चुनाव का संयोजक बनाया गया है. जिम्मेदारी मिलते ही सभी नेता एक साथ गोरखपुर में पार्टी के जिम्मेदार पदाधिकारियों के साथ मैराथन बैठक कर अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं. इससे निगम चुनाव में न सिर्फ मेयर को जिताने में सफलता हासिल की जा सके, बल्कि बोर्ड में पार्षदों का भी बहुमत हो.

जानकारी देत वन मंत्री.

शनिवार को वन मंत्री ने अपने सहयोगी साथियों के साथ पार्टी के बेनीगंज कार्यालय पर बैठक कर रणनीति पर चर्चा की. इस दौरान जब मीडिया के सवालों का दौर आया तो उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से निगम चुनाव में मेयर को जिताना सिर्फ बड़ी कामयाबी नहीं है. इसके साथ पार्षद भी अधिक संख्या में जीते इसकी कोशिश होगी. इसके लिए सभी नेता क्षेत्र की जनता के बीच जाकर सीएम योगी के विकास कार्यों को बताएंगे.

यूपी के वन मंत्री अरुण सक्सेना ने कहा कि चाहे वह रामगढ़ ताल का पर्यटन स्वरूप हो, शुरू हुआ नया खाद कारखाना हो, एम्स हो या सड़कों, सीवर का जाल. इसके साथ ही मीडिया के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा की इस चुनाव में जाति की राजनीति का कोई मायने नहीं होगा. जिन कार्यकर्ताओं ने काम किया है, वही चुनाव में होगा. वन मंत्री कायस्थ जाति से आते हैं और गोरखपुर में इस जाति की बहुलता है. वहीं, पिछड़ी और अति पिछड़ी जाति के नेता को भी चुनावी गणित ठीक करने की जिम्मेदारी देकर पार्टी ने पहले ही समीकरण सेट कर दिया है. जो पनपने वाली समस्या को रोकने में कामयाबी दिला सकते हैं.


बाबूराम निषाद, राज्य सभा सांसद गोरखपुर नगर निगम में इस बार 80 सीटों पर पार्षद चुने जाएंगे. जो इससे पहले 70 सीटों के लिए होता था. 32 नए गावों को निगम सीमा में जोड़कर दस नए वार्ड बनाए गए हैं, करीब 940356 मतदाता हैं जो अभी बढ़ेंगे. मतदान स्थल की संख्या 802 है, यह भी बढ़ेगा. मतदान केंद्रों की संख्या 201 है. करीब दो दर्जन से ज्यादा वार्डों के नाम बदले हैं, इसपर पर राजनीति गरमाएगी. ऐसे सभी बिंदुओं पर बीजेपी नजर बनाकर चर्चा के साथ सफलता के लिए रणनीति बना रही है. फिलहाल यहां चुनाव सीएम योगी का तिलस्म दो चुनावों से विशेष रूप से चलता आ रहा है. अब इस बार के चुनाव में क्या परिणाम आता है समय ही बताएगा.

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