गोरखपुरः सहजनवां से दोहरीघाट (Dohrighat to Sahjanwan) के बीच नई रेल लाइन बिछाने के सर्वेक्षण में पड़ने वाले भूमि के अर्जन से प्रभावित कास्तकारों को मुआवजा वितरण में की जा रही लापरवाही को लेकर बांसगांव से भाजपा सांसद कमलेश पासवान (BJP MP Kamlesh Paswan) ने रेलवे के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई है. उन्होंने बुधवार को विकास भवन में रेल प्रशासन एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए निर्देश दिया कि रेल लाइन बिछाने के सर्वेक्षण में पड़ने वाली भूमि के प्रभावित कास्तकारों को समय से उचित मुआवजा का वितरण किया जाये. उन्होंने कहा कि इस कार्य की समीक्षा उनके द्वारा नियमित रूप से किया जायेगा. इसमें कहीं भी लापरवाही न होने पाये. उन्होंने कहा कि इस कार्य को शीघ्र पूर्ण होने से आमजन को काफी लाभ मिलेगा.
गोरखपुर से दोहरीघाट के लिए नई रेल लाइन को लेकर पिछले 40 वर्षों से मांग चल रही थी. जिसे आगे बढ़ाने में केंद्र की मोदी सरकार ने वर्ष 2016 में स्वीकृति प्रदान कर कुछ बजट जारी किया था. यह रेल लाइन सहजनवा गोरखपुर क्षेत्र से दोहरीघाट और मऊ जिले के कुल 111 गांवों से होकर गुजरेगी. जिसमें गोरखपुर के 104 गांवों के भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. रेल लाइन बिछाने के लिए इन गांव की 359 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाना है. पूर्वोत्तर रेलवे ने जिला प्रशासन को चिन्हित भूमि का अभिलेख सौंप दिया है. जिसके अनुसार जिन भी काश्तकारों, किसानों की भूमि इस रेलवे लाइन के दायरे में आ रही है. उन्हें मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की गई है. इसी मुआवजा देने में गड़बड़ी होने का जानकारी भाजपा सांसद कमलेश पासवान के समक्ष आई थी. इसके बाद उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें डांट लगाई है. क्योंकि यह रेलवे लाइन अधिकांश उनके ही संसदीय क्षेत्र से होकर गुजर रही है.
पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ (CPRO of North Eastern Railway) पंकज कुमार सिंह की माने तो यह प्रोजेक्ट 3 चरणों में पूरा होगा. पहला फेज मार्च 2024 में पूरा होगा. जिसमें सहजनवा से बैदौली तक 27 किलोमीटर तक रेल लाइन बिछाई जाएगी. इसके बाद दूसरे फेज का कार्य मार्च 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा. इसमें बैदौली से गोला बाजार तक 29 किलोमीटर तक रेल लाइन बिछाई जाएगी. तीसरे और अंतिम फेज का काम मार्च 2026 में पूरा होगा. इसमें गोला बाजार से न्यू दोहरीघाट तक 252.5 किलोमीटर तक लाइन बिछाई जाएगी. इस प्रोजेक्ट को लेकर काम में काफी तेजी आ गई है.
इस महत्वपूर्ण काम को 17 दिसंबर 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति मिली थी. कैबिनेट ने 1320 करोड़ रुपये का बजट भी स्वीकृत कर दिया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी तेज हो गई है. माना जा रहा है कि 81 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ेंगी. सांसद ने पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य अभियंता निर्माण अखिलेश त्रिपाठी, डिप्टी चीफ इंजीनियर कृष्ण सिंह, मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीना, परियोजना निदेशक अनिल सिंह, मुख्य राजस्व अधिकारी व प्रभारी विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी सुशील कुमार गौड़ व वरिष्ठ सहायक आशीष पाण्डेय के साथ बैठक कर इस कार्य में सुचिता के साथ तेजी लाने का निर्देश दिया है.
यह भी पढ़ें- ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 से पहले पूर्वांचल में योगी ने बनाया निवेश का माहौल