गोरखपुर: जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जयंती बड़े ही उल्लास पूर्वक मनाई गई. जैन धर्म के अनुयायिायों की ओर से मंगलवार को दिगंबर जैन मंदिर से भव्य शोभयात्रा निकाली. जिसमें बड़ी संख्या में जैन धर्म के लोग शामिल हुए.
गोरखपुर में निकाली गई शोभायात्रा का नेतृत्व दिगंबर जैन सोसायटी के अध्यक्ष पुष्पदंत जैन ने किया. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को "जियो और जीने दो" का संदेश देने वाले भगवान महावीर की जयंती दुनिया में आपसी सद्भाव, भाईचारे और एक दूसरे को जीने देने के संदेश के साथ मनाई जाती है. गोरखपुर में हर वर्ग के लोग इसमें भाग लेकर इस संदेश को मजबूती से आगे बढ़ाते हैं. पुष्प दंत जैन ने कहा कि समाज के सभी वर्गों का भला हो. सभी लोग आपसी मतभेद दूरकर सुख शांति से जीवन जिएं. किसी के जीवन के लिए खतरा न बने, यह भगवान महावीर का संदेश था. जिसे लेकर उनका समाज लोगों के बीच यह संदेश लेकर निकलता है. उन्होंने कहा कि महावीर ने 30 वर्ष की आयु में राज महलों के सुख को त्याग कर सत्य की खोज के लिए जंगल की ओर निकल पड़े थे. भगवान महावीर ने घने जंगलों में रहते हुए 12 वर्षों तक कठोर तपस्या कर ज्ञान प्राप्ति कर लोक कल्याण के लिए उपदेश दिया था.
पुष्प दंत जैन ने कहा कि महावीर जयंती के दिन लोग प्रभात फेरी, अनुष्ठान, शोभायात्रा निकालते हैं. यह जैन धर्म के लिए बेहद खास होता है. मोक्ष की प्राप्ति के लिए भगवान महावीर ने मनुष्यों के लिए 5 नियम स्थापित किए हैं. जिन्हें पंच सिद्धांत के नाम से जाना जाता है. अहिंसा, अस्तेय, सत्य, ब्रम्हचर्य और अपरिग्रह यह सिद्धांत है. इस शोभायात्रा में बड़ी संख्या में महिला, पुरुष और श्रद्धालु शामिल हुए. बता दें कि महावीर जयंती हर साल चैत्र मास की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है.महावीर का जन्म बिहार राज्य के कुंडा ग्राम में हुआ था.
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