ETV Bharat / state

गोरखपुर: रसोई के कचरे से बनेगी बायोगैस, खत्म होगी घरेलू गैस की टेंशन - घर घर में लगेगा बायो गैस प्लांट

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक संस्था ने रसोई गैस खत्म होने और कचरे का समस्या को देखते हुए एक उपाय ढूंढ निकाला है. इस उपाय के अंतर्गत रसोई से निकलने वाले कचरे के माध्यम से बायोगैस तैयार की जाएगी, जिससे एलपीजी गैस खत्म होने की टेंशन के साथ-साथ पर्यावरण भी शुद्ध होगा.

रसोई के कचरे से बनेगी बायोगैस
author img

By

Published : Oct 22, 2019, 1:24 PM IST

गोरखपुर: अब आप रसोई गैस की किल्लत रसोई के कचरे से ही दूर कर सकते हैं. दरअसल इसका उपाय 'बायोगैस' पर काम करने वाली एक संस्था ने ढूंढ निकाला है, जिसके अंतर्गत घर की रसोई से निकलने वाले कचरे के माध्यम से बायोगैस तैयार की जाएगी, जिससे एलपीजी गैस खत्म होने की टेंशन के साथ-साथ पर्यावरण भी शुद्ध होगा.

रसोई के कचरे से बनेगी बायोगैस.

इस तरह से गैस होगी तैयार
प्लांट को तैयार करने के साथ इसमें सबसे पहले गोबर और पानी का मिश्रण बनाकर उसे एक माह तक छोड़ दिया जाएगा. फिर इसके अंदर घरों से निकलने वाले सभी प्रकार के गीले कचरे जैसे फल, सब्जी के छिलके, बचे हुए खाने का कचरा इसमें डाला जाएगा. कचरा डालने के बाद प्लांट को कुछ देर के लिए हिलाया जाएगा, जिससे रसोई गैस का उत्पादन होगा. इसके बाद यह गैस पाइप लाइन के रास्ते गैस चूल्हे तक पहुंचेगी. इसमें एक सामान्य परिवार का खाना प्रतिदिन बनकर तैयार हो जाएगा.

यह भी पढ़ें: 'वैष्णव जन' की खास प्रस्तुति पर पीएम ने रामोजी राव की इन शब्दों में की प्रशंसा

पर्यावरण को शुद्ध रखने में सहायक
पांच किलोग्राम कचरे से करीब आधा किलो गैस इस प्लांट से तैयार होती है. ऐसे में अनुमान लगाया गया है कि अगर इस तरह के प्लांट शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ गांव की तरफ भी लगने शुरू हो जाएं तो बहुत से लोगों को रसोई गैस की किल्लत से छुटकारा मिल जाएगा. वहीं सड़कों पर फेंके जाने वाले कचरे जो तरह-तरह की बीमारियों को जन्म देते हैं उनका भी उपयोग हो जाएगा. यह प्लांट पर्यावरण को शुद्ध रखने में भी सहायक होगा.

यह भी पढ़ें: Exit Poll : महाराष्ट्र-हरियाणा में BJP की वापसी

पूरे शहर में लगाने की तैयारी
सफल प्रयोग के बाद इसे सीएम योगी के गोरखनाथ मंदिर परिसर में लगा दिया गया है. वहीं अब इस प्लांट को पूरे शहर में लगाने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है. प्लांट को लगाने में अधिकतम साढे़ 26 हजार रुपये तक का खर्च आएगा.

गोरखपुर: अब आप रसोई गैस की किल्लत रसोई के कचरे से ही दूर कर सकते हैं. दरअसल इसका उपाय 'बायोगैस' पर काम करने वाली एक संस्था ने ढूंढ निकाला है, जिसके अंतर्गत घर की रसोई से निकलने वाले कचरे के माध्यम से बायोगैस तैयार की जाएगी, जिससे एलपीजी गैस खत्म होने की टेंशन के साथ-साथ पर्यावरण भी शुद्ध होगा.

रसोई के कचरे से बनेगी बायोगैस.

इस तरह से गैस होगी तैयार
प्लांट को तैयार करने के साथ इसमें सबसे पहले गोबर और पानी का मिश्रण बनाकर उसे एक माह तक छोड़ दिया जाएगा. फिर इसके अंदर घरों से निकलने वाले सभी प्रकार के गीले कचरे जैसे फल, सब्जी के छिलके, बचे हुए खाने का कचरा इसमें डाला जाएगा. कचरा डालने के बाद प्लांट को कुछ देर के लिए हिलाया जाएगा, जिससे रसोई गैस का उत्पादन होगा. इसके बाद यह गैस पाइप लाइन के रास्ते गैस चूल्हे तक पहुंचेगी. इसमें एक सामान्य परिवार का खाना प्रतिदिन बनकर तैयार हो जाएगा.

यह भी पढ़ें: 'वैष्णव जन' की खास प्रस्तुति पर पीएम ने रामोजी राव की इन शब्दों में की प्रशंसा

पर्यावरण को शुद्ध रखने में सहायक
पांच किलोग्राम कचरे से करीब आधा किलो गैस इस प्लांट से तैयार होती है. ऐसे में अनुमान लगाया गया है कि अगर इस तरह के प्लांट शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ गांव की तरफ भी लगने शुरू हो जाएं तो बहुत से लोगों को रसोई गैस की किल्लत से छुटकारा मिल जाएगा. वहीं सड़कों पर फेंके जाने वाले कचरे जो तरह-तरह की बीमारियों को जन्म देते हैं उनका भी उपयोग हो जाएगा. यह प्लांट पर्यावरण को शुद्ध रखने में भी सहायक होगा.

यह भी पढ़ें: Exit Poll : महाराष्ट्र-हरियाणा में BJP की वापसी

पूरे शहर में लगाने की तैयारी
सफल प्रयोग के बाद इसे सीएम योगी के गोरखनाथ मंदिर परिसर में लगा दिया गया है. वहीं अब इस प्लांट को पूरे शहर में लगाने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है. प्लांट को लगाने में अधिकतम साढे़ 26 हजार रुपये तक का खर्च आएगा.

Intro:गोरखपुर। रसोई गैस की किल्लत रसोई गैस के कचरे से ही दूर हो सकती है। इसका उपाय ढूंढ निकाला है गोरखपुर में 'बायोगैस' पर काम करने वाली एक संस्था ने। इसने अपने सफलतम प्रयोग के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखनाथ मंदिर परिसर स्थित गौशाला में इस प्लांट को लगाया है। अब यह संस्था पूरे शहर के 70 वार्डों में 200 घरों तक इस प्लांट को लगाने जा रही है। किचन से निकलने वाले सभी गीले कचरे, फल, सब्जियों के छिलके और बचे हुए खाने को मिलाकर बहुत ही आसान तरीके से घर में बायोगैस तैयार की जा सकेगी। जिससे खाना भी बनेगा और पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं होगा।

नोट--कम्प्लीट पैकेज, वॉइस ओवर अटैच है। स्पेशल खबर है।


Body:खास बात यह है कि इस प्लांट को लगाने में अधिकतम साढे़ 26 हजार रुपये का खर्च आएगा। प्लांट को तैयार करने के साथ इसमें सबसे पहले गोबर और पानी का मिश्रण बनाकर उसे एक माह तक छोड़ दिया जाएगा। फिर इसके अंदर घरों से निकलने वाले सभी प्रकार के गीले कचरे चाहे वह फल,सब्जी के छिलके हो या फिर बचे हुए खाने की सामग्री। सभी की इसमें डालने के बाद प्लांट को कुछ देर के लिए हिलाया जाएगा जिसके लिए प्लांट एक बेयरिंग पर काम करता है फिर तैयार होगी गैस। यह गैस पाइप लाइन के रास्ते गैस चूल्हे तक पहुंचेगी जिससे रसोई गैस का उत्पादन होगा और आसानी के साथ एक सामान्य परिवार का खाना प्रतिदिन बनकर तैयार हो जाएगा। इसकी सफलता के बाद गोरखपुर में यह प्रोजेक्ट पायलट प्रोजेक्ट के तहत हर वार्ड में स्थापित किया जाएगा।

बाइट--जीत बहादुर मौर्या, बॉयोगैस प्लांट इंजीनियर
बाइट--मान सिंह, गोरखनाथ मंदिर कर्मचारी


Conclusion:5 किलोग्राम कचरे से करीब आधा किलो गैस इस प्लांट से तैयार होती है। ऐसे में अनुमान लगाया गया है कि अगर इस तरह के प्लांट शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ गांव की तरफ भी लगने शुरू हो जाएं तो बहुत से लोगों को रसोई गैस की किल्लत से छुटकारा मिल जाएगा। वहीं सड़कों पर फेंके जाने वाले कचरे जो तरह-तरह की बीमारियों को जन्म देते हैं उनका भी उपयोग हो जाएगा और जब जागरूकता और आवश्यकता आ जाएगी तो कचरे सड़क पर भी नहीं फेंके जाएंगे। यह प्लांट पर्यावरण को शुद्ध रखने में भी काफी सहायक होगा क्योंकि कचरो का निष्पादन इसकी प्रक्रिया का हिस्सा और गैस उत्पादन की जरूरत है।

मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
9415875724
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.