गोरखपुर: अब आप रसोई गैस की किल्लत रसोई के कचरे से ही दूर कर सकते हैं. दरअसल इसका उपाय 'बायोगैस' पर काम करने वाली एक संस्था ने ढूंढ निकाला है, जिसके अंतर्गत घर की रसोई से निकलने वाले कचरे के माध्यम से बायोगैस तैयार की जाएगी, जिससे एलपीजी गैस खत्म होने की टेंशन के साथ-साथ पर्यावरण भी शुद्ध होगा.
इस तरह से गैस होगी तैयार
प्लांट को तैयार करने के साथ इसमें सबसे पहले गोबर और पानी का मिश्रण बनाकर उसे एक माह तक छोड़ दिया जाएगा. फिर इसके अंदर घरों से निकलने वाले सभी प्रकार के गीले कचरे जैसे फल, सब्जी के छिलके, बचे हुए खाने का कचरा इसमें डाला जाएगा. कचरा डालने के बाद प्लांट को कुछ देर के लिए हिलाया जाएगा, जिससे रसोई गैस का उत्पादन होगा. इसके बाद यह गैस पाइप लाइन के रास्ते गैस चूल्हे तक पहुंचेगी. इसमें एक सामान्य परिवार का खाना प्रतिदिन बनकर तैयार हो जाएगा.
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पर्यावरण को शुद्ध रखने में सहायक
पांच किलोग्राम कचरे से करीब आधा किलो गैस इस प्लांट से तैयार होती है. ऐसे में अनुमान लगाया गया है कि अगर इस तरह के प्लांट शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ गांव की तरफ भी लगने शुरू हो जाएं तो बहुत से लोगों को रसोई गैस की किल्लत से छुटकारा मिल जाएगा. वहीं सड़कों पर फेंके जाने वाले कचरे जो तरह-तरह की बीमारियों को जन्म देते हैं उनका भी उपयोग हो जाएगा. यह प्लांट पर्यावरण को शुद्ध रखने में भी सहायक होगा.
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पूरे शहर में लगाने की तैयारी
सफल प्रयोग के बाद इसे सीएम योगी के गोरखनाथ मंदिर परिसर में लगा दिया गया है. वहीं अब इस प्लांट को पूरे शहर में लगाने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है. प्लांट को लगाने में अधिकतम साढे़ 26 हजार रुपये तक का खर्च आएगा.