गोरखपुर : प्रदेश सरकार के खजाने को भरने में गोरखपुर वाले भी बड़ा योगदान दे रहे हैं. अंग्रेजी शराब, देसी शराब और बीयर की बिक्री में बढ़ोतरी से आबकारी विभाग के आला अफसर काफी खुश दिखाई दे रहे हैं. वित्तीय वर्ष 2022-23 में लक्ष्य से ज्यादा की कमाई करने वाला आबकारी विभाग अब वर्ष 2023-24 में बड़ा लक्ष्य हासिल करने में जुट गया है. जिला आबकारी विभाग के आंकड़ों के अनुसार लक्ष्य से डेढ़ से दो गुना बिक्री हुई है.
जिला आबकारी अधिकारी महेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2022-23 में जिले में देसी शराब की बिक्री का लक्ष्य 2 करोड़ आठ लाख लीटर था. इसके सापेक्ष दो करोड़ 55 लाख लीटर की बिक्री हुई. वहीं विदेशी मदिरा की 62 लाख लीटर की जगह 65 लाख लीटर की बिक्री हुई. सबसे जबरदस्त बिक्री बीयर में दर्ज की गई. इसकी बिक्री एक लाख 50 हजार लीटर होनी थी, इसके सापेक्ष आबकारी विभाग ने 2 करोड़ 90 लाख बीयर की केन बेच डाली. वर्ष 2022-23 में 1250 करोड़ बिक्री का लक्ष्य था. इसके सापेक्ष 1280 करोड़ की बिक्री हुई. यही वजह है कि वर्ष 2023-24 में शासन ने यहां का लक्ष्य बढ़ाकर 1300 सौ करोड़ कर दिया है. आबकारी अधिकारी ने कहा कि लक्ष्य को हासिल करने में शासन का दिशा-निर्देश ही काम आता है.
स्थानीय नागरिक संजय कुमार का कहना है कि जब बिकेगी तो पीने वाले पीएंगे ही. सरकार की इससे काफी कमाई होती है, इसलिए शराब की बिक्री पर रोक नहीं लगाई जाती है. फल और सब्जी पर महंगाई इतनी है कि लोग इसे आसानी से खरीद नहीं पा रहे हैं. लोगों का कहना है कि यूपी में भी गुजरात और बिहार की तर्ज पर शराब बंद होना चाहिए. पीने वाले तो किसी भी कीमत पर शराब पीते रहेंगे. नशे का कारोबार बढ़ना सरकार के लिए तो सही है लेकिन इससे पीने वालों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.
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