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पीएम मोदी ने नेतन्याहू से की बातचीत, बोले- भारत शांति बहाली का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध - PM Modi Speaks to Netanyahu - PM MODI SPEAKS TO NETANYAHU

PM Modi speaks to Netanyahu: पश्चिम एशिया में तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से बातचीत की. पीएम मोदी ने मध्य-पूर्व में तनाव कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि आतंकवाद का विश्व में कोई स्थान नहीं है.

PM Modi speaks to Netanyahu on Middle East crisis
पीएम मोदी ने नेतन्याहू से की बातचीत (File Photo - AFP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 30, 2024, 9:02 PM IST

नई दिल्ली: पश्चिम एशिया में तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की और हाल के घटनाक्रमों पर चर्चा की. साथ ही मध्य-पूर्व में तनाव कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया.

पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, पश्चिम एशिया में हाल ही में हुए घटनाक्रमों के बारे में प्रधानमंत्री नेतन्याहू से बात की. आतंकवाद का हमारे विश्व में कोई स्थान नहीं है. क्षेत्रीय तनाव को रोकना और सभी बंधकों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है. भारत शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली के प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है.

पिछले हफ्ते में लेबनान के बेरूत में इजराइल के हमलों में हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत के बाद पश्चिम एशिया में संघर्ष और बढ़ने की आशंका है. आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह ने आधिकारिक तौर पर पुष्टि की है कि उसके नेता हसन नसरल्लाह शुक्रवार को बेरूत में समूह के मुख्यालय को निशाना बनाकर किए गए इजरायल के एक बड़े हवाई हमले में मारे गए.

इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने पहले ही 64 वर्षीय नसरल्लाह के ऑपरेशन में मारे जाने की घोषणा कर दी थी. आईडीएफ ने इसे ऑपरेशन न्यू ऑर्डर नाम दिया था. यह हवाई हमला इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच तनाव में भारी वृद्धि को दर्शाता है.

इजराइल-हिजबुल्लाह के बीच टकराव की जड़ें
इजराइल और लेबनानी सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह के बीच लंबे समय से टकराव चला आ रहा है. इस संघर्ष का संबंध राजनीतिक और क्षेत्रीय विवादों से जुड़ा है. विशेष रूप से लेबनानी गृहयुद्ध, दक्षिणी लेबनान पर इजराइली कब्जे और अरब-इजराइल संघर्ष से संबंधित हैं.

1982 में लेबनान पर इजराइली आक्रमण के जवाब में हिजबुल्लाह का गठन 1980 के दशक की शुरुआत में हुआ था. इस समूह का उद्देश्य लेबनान में इजराइली उपस्थिति का विरोध करना और शिया इस्लामी शासन को बढ़ावा देना है.

जुलाई 2006 में संघर्ष बहुत ज्यादा बढ़ गया था, जब हिजबुल्लाह ने सीमा पार से हमला किया औ दो इजराइली सैनिकों को पकड़ लिया. इजरायल ने हवाई हमलों और जमीनी आक्रमण के साथ जवाब दिया, जिससे लेबनान में व्यापक विनाश हुआ और बड़ी संख्या में लोग मारे गए.

यह भी पढ़ें- 'ईरान के लोग जल्द आजाद होंगे', PM नेतन्याहू का ईरानी लोगों से सीधा संबोधन, युद्ध के बीच बड़ी अपील

नई दिल्ली: पश्चिम एशिया में तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की और हाल के घटनाक्रमों पर चर्चा की. साथ ही मध्य-पूर्व में तनाव कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया.

पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, पश्चिम एशिया में हाल ही में हुए घटनाक्रमों के बारे में प्रधानमंत्री नेतन्याहू से बात की. आतंकवाद का हमारे विश्व में कोई स्थान नहीं है. क्षेत्रीय तनाव को रोकना और सभी बंधकों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है. भारत शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली के प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है.

पिछले हफ्ते में लेबनान के बेरूत में इजराइल के हमलों में हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत के बाद पश्चिम एशिया में संघर्ष और बढ़ने की आशंका है. आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह ने आधिकारिक तौर पर पुष्टि की है कि उसके नेता हसन नसरल्लाह शुक्रवार को बेरूत में समूह के मुख्यालय को निशाना बनाकर किए गए इजरायल के एक बड़े हवाई हमले में मारे गए.

इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने पहले ही 64 वर्षीय नसरल्लाह के ऑपरेशन में मारे जाने की घोषणा कर दी थी. आईडीएफ ने इसे ऑपरेशन न्यू ऑर्डर नाम दिया था. यह हवाई हमला इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच तनाव में भारी वृद्धि को दर्शाता है.

इजराइल-हिजबुल्लाह के बीच टकराव की जड़ें
इजराइल और लेबनानी सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह के बीच लंबे समय से टकराव चला आ रहा है. इस संघर्ष का संबंध राजनीतिक और क्षेत्रीय विवादों से जुड़ा है. विशेष रूप से लेबनानी गृहयुद्ध, दक्षिणी लेबनान पर इजराइली कब्जे और अरब-इजराइल संघर्ष से संबंधित हैं.

1982 में लेबनान पर इजराइली आक्रमण के जवाब में हिजबुल्लाह का गठन 1980 के दशक की शुरुआत में हुआ था. इस समूह का उद्देश्य लेबनान में इजराइली उपस्थिति का विरोध करना और शिया इस्लामी शासन को बढ़ावा देना है.

जुलाई 2006 में संघर्ष बहुत ज्यादा बढ़ गया था, जब हिजबुल्लाह ने सीमा पार से हमला किया औ दो इजराइली सैनिकों को पकड़ लिया. इजरायल ने हवाई हमलों और जमीनी आक्रमण के साथ जवाब दिया, जिससे लेबनान में व्यापक विनाश हुआ और बड़ी संख्या में लोग मारे गए.

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