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बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बनेगा बारकोड युक्त पंजीकरण कार्ड, लंबी लाइन से मिलेगी मुक्ति

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर (gorakhpur) जिले में मरीजों को बीआरडी मेडिकल कॉलेज (BRD Medical College) में लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. अब स्थाई पंजीकरण कार्ड से ही उनका पर्चा बन जाएगा.

गोरखपुर
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Published : Jun 19, 2021, 6:59 AM IST

गोरखपुरः वैश्विक महामारी कोरोना के बीच जनपद का बीआरडी मेडिकल कॉलेज (BRD Medical College) जनपद ही नहीं बल्कि आसपास के कई जिलों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करा रहा है. ऐसे में रोज मेडिकल कॉलेज में लंबी लाइन लग रही है. बढ़ती भीड़ को ध्यान में रखकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने अब मरीजों के लिए स्थाई पंजीकरण कार्ड बनाने की योजना तैयार की है. इससे जहां पर्ची काउंटर पर भीड़ की समस्या से निजात मिलेगी, वहीं मरीजों को भी इस कार्ड के माध्यम से काफी सहूलियत मिल सकेगी.

जनपद में बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में यह व्यवस्था एम्स की तर्ज पर की जा रही है. मरीजों का स्थाई पंजीकरण कार्ड बनाया जाएगा. उस पर बार कोड होगा. काउंटर पर उसे स्कैन कर तुरंत पर्चा बना दिया जाएगा. इससे मरीजों को लंबी लाइन लगाने से मुक्ति मिल जाएगी. साथ ही इलाज की पूरी व्यवस्था ऑनलाइन होगी.

बीआरडी मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में प्रतिदिन लगभग 30 हजार से अधिक मरीज सामान्य दिनों में पहुंचते हैं. ऐसे में गैर जनपद से आने वाले मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उन्हें काउंटर खुलने से कई घंटे पहले मेडिकल कॉलेज पहुंचना पड़ता है. काउंटर खुलने के बाद एक एक मरीज का नाम, पता, पिता का नाम, मोबाइल नंबर आदि पूछकर कंप्यूटर में फीड किया जाता है. इस प्रक्रिया में प्रति मरीज लगभग 3 से 4 मिनट का समय लेते हैं. ऐसे में लंबी कतार बनती जाती है. अब ऐसा नहीं करना होगा.

पंजीकरण कार्ड में बारकोड रहेगा, जिसमें मरीज के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध रहेगी, इसलिए उससे कुछ पूछना नहीं होगा. सिर्फ 1 रुपया शुल्क लेकर तुरंत पर्चा बना दिया जाएगा. पर्चा भी संबंधित डॉक्टर अपने कंप्यूटर पर खोलेंगे और दवा भी उसी में फीड कर देंगे. पर्चा प्रिंट कर मरीज को भी दे दिया जाएगा. इस तरह मरीज को कभी भी नया पर्चा बनवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. जब भी मरीज पूछेगा तो उसकी पूरी हिस्ट्री डॉक्टर के पास रहेगी. उसे क्या मर्ज है और कौन-कौन सी दवा चली है, सब कंप्यूटर में उपलब्ध रहेगा. केवल मरीज के पंजीकरण का नंबर डालना होगा. उससे मरीज की पूरी हिस्ट्री सामने आ जाएगी.

इसे भी पढ़ेंः Ram Mandir Land Scam: महंत धर्मदास बोले- राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट है भ्रष्ट, भंग की जाए

इस संबंध में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश ने पूरा खाका तैयार कर रखा है और इस संबंध में उन्होंने शासन को भी इस प्रक्रिया के संबंध में अवगत कराया है. उनका कहना है कि कॉलेज प्रशासन ने मरीजों का स्थाई पंजीकरण कार्ड बनाने का निर्णय लिया है. इससे मरीजों को भी लंबी लाइन नहीं लगानी पड़ेगी. पर्ची काउंटर पर भीड़ भी कम हो जाएगी.

इसे भी पढ़ेंः कोरोना के डर से घर से नहीं निकली, बच्चे भूखे मरते रहे

गोरखपुरः वैश्विक महामारी कोरोना के बीच जनपद का बीआरडी मेडिकल कॉलेज (BRD Medical College) जनपद ही नहीं बल्कि आसपास के कई जिलों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करा रहा है. ऐसे में रोज मेडिकल कॉलेज में लंबी लाइन लग रही है. बढ़ती भीड़ को ध्यान में रखकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने अब मरीजों के लिए स्थाई पंजीकरण कार्ड बनाने की योजना तैयार की है. इससे जहां पर्ची काउंटर पर भीड़ की समस्या से निजात मिलेगी, वहीं मरीजों को भी इस कार्ड के माध्यम से काफी सहूलियत मिल सकेगी.

जनपद में बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में यह व्यवस्था एम्स की तर्ज पर की जा रही है. मरीजों का स्थाई पंजीकरण कार्ड बनाया जाएगा. उस पर बार कोड होगा. काउंटर पर उसे स्कैन कर तुरंत पर्चा बना दिया जाएगा. इससे मरीजों को लंबी लाइन लगाने से मुक्ति मिल जाएगी. साथ ही इलाज की पूरी व्यवस्था ऑनलाइन होगी.

बीआरडी मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में प्रतिदिन लगभग 30 हजार से अधिक मरीज सामान्य दिनों में पहुंचते हैं. ऐसे में गैर जनपद से आने वाले मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उन्हें काउंटर खुलने से कई घंटे पहले मेडिकल कॉलेज पहुंचना पड़ता है. काउंटर खुलने के बाद एक एक मरीज का नाम, पता, पिता का नाम, मोबाइल नंबर आदि पूछकर कंप्यूटर में फीड किया जाता है. इस प्रक्रिया में प्रति मरीज लगभग 3 से 4 मिनट का समय लेते हैं. ऐसे में लंबी कतार बनती जाती है. अब ऐसा नहीं करना होगा.

पंजीकरण कार्ड में बारकोड रहेगा, जिसमें मरीज के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध रहेगी, इसलिए उससे कुछ पूछना नहीं होगा. सिर्फ 1 रुपया शुल्क लेकर तुरंत पर्चा बना दिया जाएगा. पर्चा भी संबंधित डॉक्टर अपने कंप्यूटर पर खोलेंगे और दवा भी उसी में फीड कर देंगे. पर्चा प्रिंट कर मरीज को भी दे दिया जाएगा. इस तरह मरीज को कभी भी नया पर्चा बनवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. जब भी मरीज पूछेगा तो उसकी पूरी हिस्ट्री डॉक्टर के पास रहेगी. उसे क्या मर्ज है और कौन-कौन सी दवा चली है, सब कंप्यूटर में उपलब्ध रहेगा. केवल मरीज के पंजीकरण का नंबर डालना होगा. उससे मरीज की पूरी हिस्ट्री सामने आ जाएगी.

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इस संबंध में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश ने पूरा खाका तैयार कर रखा है और इस संबंध में उन्होंने शासन को भी इस प्रक्रिया के संबंध में अवगत कराया है. उनका कहना है कि कॉलेज प्रशासन ने मरीजों का स्थाई पंजीकरण कार्ड बनाने का निर्णय लिया है. इससे मरीजों को भी लंबी लाइन नहीं लगानी पड़ेगी. पर्ची काउंटर पर भीड़ भी कम हो जाएगी.

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