गोरखपुर: जिला जेल में आग लगाने और उत्पात मचाने वाले आरोपी कैदी को गोरखपुर पुलिस ने सात साल बाद गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. 13 अक्टूबर 2016 को कैदी की मौत के बाद जेल में उत्पात मचाते हुए कैदियों ने पुलिस पर जानलेवा हमला बोला था. इसमें 121 कैदियों को विवेचना के दौरान अभियुक्त बनाया गया था. इसमें 119 कैदियों को पहले जेल भेजा जा चुका था. फरार चल रहे दो अभियुक्तों में से महेंद्र यादव को शाहपुर पुलिस ने एसओजी टीम के सहयोग से गुरुवार को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की. इसमें से एक अभियुक्त बिट्टू मिश्रा पर 15000 रुपए का नगद इनाम भी घोषित है. उसे भी गोरखपुर की पुलिस जल्द ही गिरफ्तार करने की बात कह रही है.
पुलिस लाइन के सभागार में पुलिस अधीक्षक नगर कृष्ण विश्नोई ने बताया कि 13 अक्टूबर 2016 को जेल खोलने के बाद कारागार में निरुद्ध बंदी, आफरीन, विवेक तिवारी, राकेश सिंह, नंदन सिंह, राकेश मणि, मनोज ओझा, चंदन यादव, शेरू, राज कुमार बाजपेई, आनंद तिवारी, दीपू उर्फ करुणेश, बुद्धीसागर शुक्ला और अन्य अज्ञात कैदियों द्वारा, कारागार में अभिलेखों को नष्ट कर सरकारी इमारत, पीसीओ यंत्र, जेल में लगे सीसीटीवी कैमरे सहित अन्य बिजली के सामान तोड़फोड़ कर नष्ट कर दिये थे. जिसमें 119 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका था. फरार चल रहे दो कैदियों में से एक मनोज यादव पुत्र श्यामा यादव को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया.
फरार एक अभियुक्त बिट्टू मिश्रा को बहुत ही जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि 13 अक्टूबर 2016 को जिला कारागार में एक कैदी की मौत के बाद अन्य कैदियों ने जमकर उत्पात मचाया था. पूरे जेल परिसर को अपने कब्जे में ले लिया था. इस भिड़ंत में तीन पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए थे. जेल के सिपाही जेल के अंदर जाने में कतरा रहे थे. तत्कालीन जिलाधिकारी संध्या तिवारी के साथ तत्कालिन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रामलाल वर्मा भारी संख्या में बल लेकर जेल के बाहर मुस्तैद थे. कैदियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए थे.
इसके बाद जेल प्रशासन ने जेल में छापा मारकर सघन जांच अभियान चलाया था. कई कैदियों के पास से आपत्तिजनक सामान बरामद किए गए थे. इसके बाद से ही जेल में सख्ती बरती जा रही थी. इस कार्रवाई से नाराज कुछ बंदियों ने नारेबाजी और पथराव किया था. उस कार्रवाई में 25 अभियुक्तों को नामजद किया गया था. विवेचना के दौरान विवेचक ने 121 उपद्रवी को आगजनी, दस्तावेजों को फाड़ने के लिए दोषी पाया था जिसमें से 119 उपद्रवियों को पहले ही जेल भेजा जा चुका था. फरार चल रहे बिहार निवासी बिट्टू मिश्रा के ऊपर 15 हजार का इनाम घोषित किया गया है. उसे भी बहुत ही जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
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