गोरखपुरः जनपद में पशुपालन विभाग पशुपालकों से गो वंश के संरक्षण को लेकर अपील कर रहा है. विभाग का कहना है कि अगर वह गोवंश के बछड़ों को पालने में दिक्कत है तो उन्हें खुले में छोड़ने की बजाय संचालित हो रहे गो आश्रय स्थल पहुंचा दें. इससे गोवंश को आसरा के साथ पशु पालकों पर किसी भी तरह की कार्रवाई भी नहीं की जाएगी. विभाग ने पशुपालकों से कहा है कि यदि पशुओं को रखने के लिए शेड बनाने और उन्हें चारा आदि की व्यवस्था देने में भी दिक्कत आ रही हो तो, पशु पालक केसीसी योजना का लाभ उठाकर पशुपालन को बेहतर बनाने का कार्य कर सकते हैं. जिसके तहत प्रत्येक पशु पर पशुपालक को 40 हजार का कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जायेगा.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा पशुपालकों को चल रहे टीकाकरण अभियान में भी भाग लेना चाहिए. इससे पशु सुरक्षित होंगे और उनकी नस्लों में भी सुधार होगा. जिले के तीन प्रमुख ब्लाकों कम्पियरगंज, बांसगांव और ब्रह्मपुर जो आकांक्षी ब्लॉक की श्रेणी में है. वहां पर टीकाकरण अभियान को तेज करने की बात कही है. हालांकि जिले में अभी खुरपका और मुंहपका टीका उपलब्ध नहीं करा पा रही है. क्योंकि कोरोना का वैक्सीन बनाने वाली कंपनी ही इन टीकों को भी बनाती है. जो, इस समय इन टीकों को नहीं बना रही है. लेकिन पशुपालक बाजारों से ये टीके लेकर टीके लगवा रहे हैं.
यह भी पढ़ें-24 साल पुराने केस में कोर्ट ने सपा विधायक रामकांत यादव को भेजा जेल
प्रदेश में पशु पालन और सुरक्षा पर सीएम ने विशेष जोर दिया है. क्योंकि गौ सेवा उनकी दिनचर्या का हिस्सा है. सीएम अपने पहले कार्यकाल से ही गोवंश संरक्षण के लिए गंभीर हैं. उनके निर्देश पर सभी जनपदों में बड़े पैमाने पर निराश्रित गोवंश आश्रय स्थल बनाए गए हैं. गोरखपुर में ही कुल 50 गो आश्रय स्थल हैं. इन गो आश्रय स्थलों में लगभग 6 हजार निराश्रित गोवंश संरक्षित किए गए हैं. जहां उनके चारा का पूरा इंतजाम किया गया है. पिछले दिनों एक अभियान चलाकर गो आश्रय स्थलों में बारिश और बाढ़ को देखते हुए पशुओं के लिए जनसहयोग से 500 क्विंटल भूंसा जुटाया गया है. इस समय गो आश्रय स्थलों में कुल 45000 क्विंटल चारा का हो चुका है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप