गोरखपुरः योगी सरकार (Yogi Government) आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं (Anganwadi Workers) को हाईटेक करने की जो योजना बनाई थी. उसी के तहत मंगलवार को गोरखपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सरकार की तरफ से स्मार्टफोन वितरित किया गया. जिसमें आंगनबाड़ी पोषण ट्रैकर एप डाउनलोड (Anganwadi Nutrition Tracker App) करके विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी इसमें अपलोड करेंगी. जिस सूचना को जिला मुख्यालय से लेकर राज्य मुख्यालय तक आसानी से देखा जा सकेगा. इस सुविधा से आंगनबाड़ी जहां हाईटेक हो जा रही हैं, वहीं अब उन्हें मोटे-मोटे रजिस्टर भी रखने की जरूरत आने वाले समय में नहीं पड़ेगी.
डेटा पैक भरवाने के लिए सरकार करेगी भुगतान
गोरखपुर में इस योजना से बाल विकास की शहर परियोजना की आंगनबाड़ी को सबसे पहले लाभान्वित किया गया है. इसके साथ जिले की 3978 में से 3650 आंगनबाड़ी को शीघ्रता के साथ स्मार्टफोन उपलब्ध करा दिया जाएगा. आंगनबाड़ी केंद्र को हर महीने डेटा पैक भरवाने के लिए सरकार 200 रुपये महीने का भुगतान करेगी. सीएम योगी ने इस योजना की शुरुआत लखनऊ से की और गोरखपुर में भी वर्चुअली जुड़कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.
इस दौरान उन्होंने स्मार्ट फोन को पूरी तरह सुरक्षित रखने और उसके अधिक से अधिक प्रयोग को अपनाने को कहा. विकास भवन सभागार में अयोजित इस कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम अधिकारी हेमंत सिंह ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन भेंट किया. उन्होंने कहा कि स्मार्ट फोन सरकारी संपत्ति है. इसके रखरखाव में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए. जिन्हें पोषण ट्रैकर एप पर काम करने में दिक्कत आएगी, उन्हें विभाग की सुपरवाइजर गाइड करेंगी.
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इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कहा कि पोषण ट्रैकर एप पर वह पहले से ही कार्य कर रही हैं. छोटे बच्चों, महिलाओं और अन्य लाभार्थियों की सूचना को वह अपलोड करने की कोशिश में सफल हो रही हैं. इससे उन्हें अब आने वाले समय में कई प्रकार के रजिस्ट्रर बनाने से छुट्टी मिल जाएगी. वहीं कुछ ऐसी भी कार्यकर्ता थीं जिन्होंने कहां की रजिस्टर बनाना, लिखना-पढ़ना उनके लिए आसान था. स्मार्ट फोन चलाना उनके लिए कठिन है. इसमें परिवार के लोगों की भी मदद लेनी पड़ेगी.
दरअसल बाल विकास विभाग में पोषण पर ही पूरा जोर दिया जाता है. पोषण सामग्री आदि का वितरण किया जाता है. वर्तमान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कोरोना टीकाकरण की भी जानकारी भरनी पड़ रही है. इन सब कार्य में उन्हें दर्जनभर रजिस्टर बनाने पड़ते हैं. यही वजह है कि अब यह स्मार्ट फोन उन्हें रजिस्टरों के बोझ से तो मुक्ति देगा, लेकिन इसके साथ ही कुछ परेशानी भी बढ़ाएगा यह भी तय हैं.