ETV Bharat / state

दलित-मुस्लिम अधिकारों को लेकर पीस पार्टी और अंबेडकर जनमोर्चा भरेंगे हुंकार

पीस पार्टी और अंबेडकर जनमोर्चा ने गोरखपुर में गठबंधन किया. गठबंधन के बाद दलित- मुस्लिम अधिकार दोनो दल सम्मेलन करेंगे. यह सब लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए किया है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jul 18, 2023, 6:54 PM IST

अंबेडकर जनमोर्चा राष्ट्रीय संयोजक श्रवण कुमार निराला ने दी जानकारी

गोरखपुर: लोकसभा चुनाव की तैयारी में देश की बड़ी-बड़ी पार्टियां ही नहीं बल्कि क्षेत्रीय राजनीतिक दल भी अपनी सांठगांठ बिठाकर, अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हैं. ऐसे ही एक 5 अगस्त को गोरखपुर के चौरी चौरा में मुस्लिमों की नुमाइंदगी करने वाली पीस पार्टी और दलितों के हित की बात करने वाले अंबेडकर जनमोर्चा के बीच गठबंधन के बाद दलित- मुस्लिम अधिकार सम्मेलन होने जा रहा है.

अंबेडकर जनमोर्चा के मुख्य संयोजक श्रवण कुमार निराला ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि देश की आजादी के बाद दलितों को राजनीतिक और रोजगार के क्षेत्र में सीमित लाभ दिए गए. इससे मुस्लिम समाज से पूरी तरह वंचित रहा. उसमें भी मुसलमानों में जो दलित के रूप में कार्य करते हैं उनकी स्थिति और भी खराब हो गयी है. बड़े और छोटे का फर्क इतना है कि कब्रगाह में भी बंटवारा है. मुस्लिमों- दलितों के नाम पर राजनीति करने वाले नेताओं के चेहरों को बेनकाब करने और वास्तविक रूप से दलित मुस्लिम अधिकार की लड़ाई को तेज करने के लिए चौरी चौरा का 5 अगस्त 2023 का सम्मेलन निर्णायक होगा.

इसे भी पढे़-Lok Sabha Election 2024 : भाजपा हारी हुई 14 सीटों के लिए लाएगी 10 मजबूत छत्रप

श्रवण कुमार निराला ने कहा कि दलितों के हित के लिए बाबा भीमराव अंबेडकर से लेकर तमाम लोगों ने लेखनी चलाई और आवाज बुलंद की. लेकिन, मुस्लिम समाज में जो दबे कुचले लोग हैं, वह आज भी दबे कुचले ही हैं. जबकि, उनके उत्थान के लिए देश में सच्चर और रंगनाथ कमेटी का गठन हुआ. लेकिन, उनकी सिफारिशों को आज तक लागू नहीं किया गया. श्रवण निराला ने कहा कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट यह कहती है कि मुसलमानों के उत्थान के लिए क्या किया जाना जरूरी है. वहीं, रंगनाथ मिश्रा कमेटी इनके उत्थान का हल बताने की कोशिश करती है. लेकिन, इन दोनों सिफारिशों पर आज तक कोई सरकार काम नहीं कर सकी. जिसका नतीजा है कि यह वर्ग भी पूरी तरह संघर्षों में जी रहा है. यही वजह है कि इन दोनों वर्गों को एक साथ जोड़कर एक मंच पर पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व विधायक, वरिष्ठ सर्जन डॉक्टर अयूब और अंबेडकर जन मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में मैं खुद एक बड़े सम्मेलन से अधिकारों के मांग की आवाज बुलंद करेंगे.

श्रवण निराला ने कहा कि दलितों, मुसलमानों को आगे बढ़ाना है तो राज्य सभा, विधान परिषद में भी उन्हें राजनीतिक आरक्षण मिलना चाहिए. वहीं, दलितों को भूमि उपलब्ध कराकर उन्हें खेती किसानी से भी जोड़ने का प्रयास होना चाहिए. न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति में भागीदारी आरक्षण का अधिकार मिलना चाहिए. सभी प्रकार के ठेकेदारी में आरक्षण, निजी क्षेत्रों में आरक्षण, विश्वविद्यालय के कुलपति और कॉलेजों के प्रिंसिपल की नियुक्ति में भागीदारी मिलनी चाहिए. साथ ही यह भी कोशिश होनी चाहिए कि समान नागरिक संगीता और CAA (Citizen Amendment Act) की आड़ में, मुस्लिम अधिकारों को छीना न जाए. निराला ने कहा कि चौरी चौरा क्रांतिकारी धरती है. यहां से क्रांति की एक बार फिर मशाल 5 अगस्त से मुस्लिम- दलित अधिकार सम्मेलन से उठने वाली है.


बता दें कि श्रवण कुमार निराला बहुजन समाज पार्टी के पूर्वांचल के बड़े नेताओं में शुमार रहे हैं. संगठन में कोऑर्डिनेटर से लेकर तमाम भूमिकाओं को निभाते हुए, दलित समाज पर बड़ी पकड़ रखते हैं. वहीं, पीस पार्टी 2012 के चुनाव में 4 सीटें जीती थी. सूत्रों की मानें तो लोकसभा डुमरियागंज से आगामी लोकसभा चुनाव में डॉक्टर अयूब प्रत्याशी होंगे. तो वहीं, बांसगांव से श्रवण कुमार निराला चुनाव लड़ेंगे.

यह भी पढे़-अफसरों के फ्लीट से हटने पर भड़की केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, सीडीओ और एसडीएम को बुलाया

अंबेडकर जनमोर्चा राष्ट्रीय संयोजक श्रवण कुमार निराला ने दी जानकारी

गोरखपुर: लोकसभा चुनाव की तैयारी में देश की बड़ी-बड़ी पार्टियां ही नहीं बल्कि क्षेत्रीय राजनीतिक दल भी अपनी सांठगांठ बिठाकर, अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हैं. ऐसे ही एक 5 अगस्त को गोरखपुर के चौरी चौरा में मुस्लिमों की नुमाइंदगी करने वाली पीस पार्टी और दलितों के हित की बात करने वाले अंबेडकर जनमोर्चा के बीच गठबंधन के बाद दलित- मुस्लिम अधिकार सम्मेलन होने जा रहा है.

अंबेडकर जनमोर्चा के मुख्य संयोजक श्रवण कुमार निराला ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि देश की आजादी के बाद दलितों को राजनीतिक और रोजगार के क्षेत्र में सीमित लाभ दिए गए. इससे मुस्लिम समाज से पूरी तरह वंचित रहा. उसमें भी मुसलमानों में जो दलित के रूप में कार्य करते हैं उनकी स्थिति और भी खराब हो गयी है. बड़े और छोटे का फर्क इतना है कि कब्रगाह में भी बंटवारा है. मुस्लिमों- दलितों के नाम पर राजनीति करने वाले नेताओं के चेहरों को बेनकाब करने और वास्तविक रूप से दलित मुस्लिम अधिकार की लड़ाई को तेज करने के लिए चौरी चौरा का 5 अगस्त 2023 का सम्मेलन निर्णायक होगा.

इसे भी पढे़-Lok Sabha Election 2024 : भाजपा हारी हुई 14 सीटों के लिए लाएगी 10 मजबूत छत्रप

श्रवण कुमार निराला ने कहा कि दलितों के हित के लिए बाबा भीमराव अंबेडकर से लेकर तमाम लोगों ने लेखनी चलाई और आवाज बुलंद की. लेकिन, मुस्लिम समाज में जो दबे कुचले लोग हैं, वह आज भी दबे कुचले ही हैं. जबकि, उनके उत्थान के लिए देश में सच्चर और रंगनाथ कमेटी का गठन हुआ. लेकिन, उनकी सिफारिशों को आज तक लागू नहीं किया गया. श्रवण निराला ने कहा कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट यह कहती है कि मुसलमानों के उत्थान के लिए क्या किया जाना जरूरी है. वहीं, रंगनाथ मिश्रा कमेटी इनके उत्थान का हल बताने की कोशिश करती है. लेकिन, इन दोनों सिफारिशों पर आज तक कोई सरकार काम नहीं कर सकी. जिसका नतीजा है कि यह वर्ग भी पूरी तरह संघर्षों में जी रहा है. यही वजह है कि इन दोनों वर्गों को एक साथ जोड़कर एक मंच पर पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व विधायक, वरिष्ठ सर्जन डॉक्टर अयूब और अंबेडकर जन मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में मैं खुद एक बड़े सम्मेलन से अधिकारों के मांग की आवाज बुलंद करेंगे.

श्रवण निराला ने कहा कि दलितों, मुसलमानों को आगे बढ़ाना है तो राज्य सभा, विधान परिषद में भी उन्हें राजनीतिक आरक्षण मिलना चाहिए. वहीं, दलितों को भूमि उपलब्ध कराकर उन्हें खेती किसानी से भी जोड़ने का प्रयास होना चाहिए. न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति में भागीदारी आरक्षण का अधिकार मिलना चाहिए. सभी प्रकार के ठेकेदारी में आरक्षण, निजी क्षेत्रों में आरक्षण, विश्वविद्यालय के कुलपति और कॉलेजों के प्रिंसिपल की नियुक्ति में भागीदारी मिलनी चाहिए. साथ ही यह भी कोशिश होनी चाहिए कि समान नागरिक संगीता और CAA (Citizen Amendment Act) की आड़ में, मुस्लिम अधिकारों को छीना न जाए. निराला ने कहा कि चौरी चौरा क्रांतिकारी धरती है. यहां से क्रांति की एक बार फिर मशाल 5 अगस्त से मुस्लिम- दलित अधिकार सम्मेलन से उठने वाली है.


बता दें कि श्रवण कुमार निराला बहुजन समाज पार्टी के पूर्वांचल के बड़े नेताओं में शुमार रहे हैं. संगठन में कोऑर्डिनेटर से लेकर तमाम भूमिकाओं को निभाते हुए, दलित समाज पर बड़ी पकड़ रखते हैं. वहीं, पीस पार्टी 2012 के चुनाव में 4 सीटें जीती थी. सूत्रों की मानें तो लोकसभा डुमरियागंज से आगामी लोकसभा चुनाव में डॉक्टर अयूब प्रत्याशी होंगे. तो वहीं, बांसगांव से श्रवण कुमार निराला चुनाव लड़ेंगे.

यह भी पढे़-अफसरों के फ्लीट से हटने पर भड़की केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, सीडीओ और एसडीएम को बुलाया

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.