गोरखपुरः प्रदूषण की चपेट में देश की राजधानी दिल्ली ही नहीं बल्कि गोरखपुर का भी वायु प्रदूषण काफी डेंजर जोन में पहुंच चुका है. जिले के शहरी आबादी क्षेत्र हो या फिर औद्योगिक क्षेत्र, इन सभी जगहों पर वायु प्रदूषण तय मानक से करीब 3 से 4 गुना ज्यादा बढ़ चुका है. यह आंकड़ा भारत सरकार द्वारा गठित टीम के सैंपल से निकलकर सामने आया है, जिसपर पर्यावरण विज्ञानियों ने काफी चिंता जाहिर की.
दिवाली के बाद के आंकड़ों में करीब तीन से चार गुना तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. डॉ. पाण्डेय ने इसे बेहद खतरनाक बताते हुए शहरों में बढ़ते वाहनों की संख्या को मुख्य वजह बताई है.
वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर से काफी ऊपर
आंकड़ों पर गौर करें तो वायु प्रदूषण का स्तर रिहायशी इलाकों में 200 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के पार पहुंच गया है, जबकि इसे 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक नहीं होना चाहिए. इसी प्रकार औद्योगिक क्षेत्र में यह आंकड़ा 402 के पार पहुंच गया है.
व्यवसायिक इलाके में 318 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के आंकड़े के साथ वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर से काफी ऊपर है और यह लोगों की सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचा रहा है. शहर में तमाम तरह के निर्माण ने भी वायु प्रदूषण को बढ़ा दिया है. यहीं वजह है कि लोग सड़कों पर मास्क लगाकर चल रहे हैं.
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