गोरखपुर: अपर पुलिस महानिदेशक गोरखपुर जोन दावा शेरपा का हंटर ट्रैफिक पुलिस के सिस्टम पर चल गया है. कार्य में लापरवाही बरतने से नाराज एडीजी ने 77 पुलिसकर्मियों को यातायात के नियमों का कुशल प्रशिक्षण लेने के लिए बलरामपुर ट्रेनिंग पर जाने का आदेश जारी कर दिया है. वहीं एडीजी के आदेश के बाद यातायात पुलिस महकमे में हड़कंप है. यातायात के एसपी इस विषय पर अपनी चुप्पी साधे हुए हैं. ऐसा होना लाजिमी भी है क्योंकि महकमे का बड़ा अधिकारी ही ने पुलिसकर्मियों की कमियों को मौके पर पकड़ा है.
शहर के दौरे पर आए एडीजी को मिली खामियां
दरअसल अपर पुलिस महानिदेशक दावा शेरपा शहर में दौरे पर थे. इस दौरान वह जिन चौराहों से गुजरे उन्हें ट्रैफिक पुलिस के जवान चौराहों पर ड्यूटी बजाते ढंग से नजर नहीं आए. इसके बाद उन्होंने कई अन्य चौराहों को भी चेक किया. फिर क्या था जो गलती एक चौराहे पर थी. वही अधिकांश चौराहों पर दिखाई दी, जिसके बाद वह नाराज होकर अपने कार्यालय लौटे तो एक ऐसा फरमान सुना दिया, जिससे यातायात पुलिसकर्मियों और उस उसके इंस्पेक्टर से लेकर एसपी ट्रैफिक तक के होश उड़ गए.
यातायात कार्यक्रम प्रभावित
एडीजी ने आदेश किया कि 77 जवान बलरामपुर में एक माह का कुशल प्रशिक्षण लेकर लौटने के बाद इन चौराहों की ड्यूटी संभालेंगे. यातायात पुलिस कर्मियों के प्रशिक्षण पर चले जाने के बाद शहर के प्रमुख चौराहों की यातायात व्यवस्था की जिम्मेदारी अब सिविल पुलिस के जवान और होमगार्ड संभाल रहे हैं, लेकिन उन्हें भी इसमें महारत नहीं हासिल है. इस वजह से तमाम चौराहों पर जाम की समस्या और बेतरतीब तरीके से लोगों का अपने वाहनों के साथ जाम लगाना और निकल जाना भी देखा जा रहा है. फिलहाल एक माह के इस आदेश से पूरा यातायात कार्यक्रम प्रभावित होगा, लेकिन साहब का आदेश है तो उसको भला कौन टालेगा.
जब कुशलता की कमी हो तो कौशल विकास और दक्षता के लिए ऐसे निर्णय लेने पड़ते हैं.
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