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गोरखपुर प्राणी उद्यान में एक के बाद एक 5 वन्यजीवों की मौत, चुपचाप कर दिया अंतिम संस्कार

यूपी के गोरखपुर स्थित शहीद अशफाक उल्ला खान प्राणी उद्यान में एक के बाद एक 5 वन्यजीवों की मौत हो गई. इस संबंध में चिड़ियाघर निदेशक का कहना है कि मृत वन्यजीवों के शवों का पोस्टमार्टम कर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट केंद्रीय चिड़ियाघर के साथ अन्य अधिकारियों को भेज दी गई है.

शहीद अशफाक उल्ला खान प्राणी उद्यान
शहीद अशफाक उल्ला खान प्राणी उद्यान
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Published : Jul 11, 2021, 4:31 PM IST

गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक शहीद अशफाक उल्ला खान प्राणी उद्यान लगातार अपनी कार्यशैली को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है. यहां मई माह के अंतिम सप्ताह में एक के बाद एक 5 वन्यजीवों की मौत के बाद हड़कंप मचा हुआ है. मरने वाले जीवों में दो मोर, एक बोनट बंदर और दो मगरमच्छ शामिल हैं. प्राणी उद्यान प्रबंधन ने चुपचाप उनका अंतिम संस्कार कर दिया है. चिड़ियाघर को जनता के लिए खुले अभी 3 माह भी नहीं हुए हैं, ऐसे में 5 वन्यजीवों की मौत से कई सवाल उठ रहे हैं.

जानकारी के अनुसार शहीद अशफाक उल्ला खान प्राणी उद्यान के अंदर बाड़े में ही दो मोर मृत पाए गए. प्राणी उद्यान प्रबंधन ने बताया कि एक मोर ने प्लास्टिक की रबड़ (पाइप बांधने वाली प्लास्टिक) खा ली थी, जबकि दूसरे ने कांच की गोली निगल ली थी. जबकि बोनट बंदर की मौत सांप के डसने से हुई है. अब सवाल यह है कि जब चिड़ियाघर के अंदर बाहर से सांप आकर बंदर को डस सकता है तो अंदर घूमने वाले लोग कितने सुरक्षित हो सकते हैं. सवाल यह भी है कि जानवरों की देखरेख करने वाले कर्मचारियों को इसकी भनक क्यों नहीं लगी. चिड़ियाघर प्रबंधन का कहना है कि बाड़े के अंदर पानी आने जाने की जगह होती है उसी जगह से सांप आ गया होगा.

गोरखपुर चिड़ियाघर में 5 वन्यजीवों की मौत

इस चिड़ियाघर में कानपुर जू से मगरमच्छ लाए गए थे, इन्हें पॉड में रखा गया था. एक पॉड में 5 मगरमच्छ रखे गए थे. मई के अंतिम सप्ताह में पांचों मगरमच्छ आपस में भिड़ गए. सूचना पाकर कर्मचारी पहुंचे, लेकिन मगरमच्छों के बीच में जाकर उन्हें अलग करने का प्राणी उद्यान प्रबंधन के पास कोई इंतजाम नहीं है. ऐसे में जब झगड़ा खत्म हुआ तो दो मगरमच्छ मर चुके थे.

इस संबंध में चिड़ियाघर निदेशक एच राजामोहन ने बताया कि मृत वन्यजीवों के शवों का पोस्टमार्टम कर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट केंद्रीय चिड़ियाघर के साथ अन्य अधिकारियों को भेज दी गई है. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में कुल 156 वन्य जीव मौजूद हैं. जिनकी सेहत और स्वास्थ्य बेहतर है. ऐसे में लगातार उनका ध्यान दिया जा रहा है. जो छोटी-मोटी खामियां हैं, उन्हें दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं.

इसे भी पढ़ें- 7D थियेटर से लैस होगा गोरखपुर का यह चिड़ियाघर, जानें खासयित

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद अशफाक उल्ला खान प्राणी उद्यान का 27 मार्च को लोकार्पण किया था और 28 मार्च को इसे आमजन के लिए खोल दिया गया था. पूर्वांचल समेत पड़ोसी राज्य बिहार और नेपाल के लोगों के लिए यह एक बड़ा तोहफा है. इस प्राणी उद्यान में 151 जानवरों को अलग-अलग स्थानों से लाया गया है. यहां गोल्फ कार्ट 14 सीटर बैटरी चालित गाड़ी, 7डी थिएटर, तितली घर लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने का कार्य कर रहे हैं. यह प्राणि उद्यान 121 एकड़ और 260 करोड़ की लागत से बना है.

बता दें कि यहां 7डी थिएटर भी निर्मित है. यहां 34.01 एकड़ वेटलैंड, 29.75 वन भूमि, 57.58 एकड़ एग्जिबिट एरिया और 57.58 एकड़ में हॉस्पिटल भी है. इस प्राणी उद्यान में चार क्वारेंटाइन सेंटर, चार रेस्क्यू सेंटर, इंजिनेटर हाउस, पोस्टमार्टम हाउस और किचन के साथ फीड स्टोर भी निर्मित है.

गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक शहीद अशफाक उल्ला खान प्राणी उद्यान लगातार अपनी कार्यशैली को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है. यहां मई माह के अंतिम सप्ताह में एक के बाद एक 5 वन्यजीवों की मौत के बाद हड़कंप मचा हुआ है. मरने वाले जीवों में दो मोर, एक बोनट बंदर और दो मगरमच्छ शामिल हैं. प्राणी उद्यान प्रबंधन ने चुपचाप उनका अंतिम संस्कार कर दिया है. चिड़ियाघर को जनता के लिए खुले अभी 3 माह भी नहीं हुए हैं, ऐसे में 5 वन्यजीवों की मौत से कई सवाल उठ रहे हैं.

जानकारी के अनुसार शहीद अशफाक उल्ला खान प्राणी उद्यान के अंदर बाड़े में ही दो मोर मृत पाए गए. प्राणी उद्यान प्रबंधन ने बताया कि एक मोर ने प्लास्टिक की रबड़ (पाइप बांधने वाली प्लास्टिक) खा ली थी, जबकि दूसरे ने कांच की गोली निगल ली थी. जबकि बोनट बंदर की मौत सांप के डसने से हुई है. अब सवाल यह है कि जब चिड़ियाघर के अंदर बाहर से सांप आकर बंदर को डस सकता है तो अंदर घूमने वाले लोग कितने सुरक्षित हो सकते हैं. सवाल यह भी है कि जानवरों की देखरेख करने वाले कर्मचारियों को इसकी भनक क्यों नहीं लगी. चिड़ियाघर प्रबंधन का कहना है कि बाड़े के अंदर पानी आने जाने की जगह होती है उसी जगह से सांप आ गया होगा.

गोरखपुर चिड़ियाघर में 5 वन्यजीवों की मौत

इस चिड़ियाघर में कानपुर जू से मगरमच्छ लाए गए थे, इन्हें पॉड में रखा गया था. एक पॉड में 5 मगरमच्छ रखे गए थे. मई के अंतिम सप्ताह में पांचों मगरमच्छ आपस में भिड़ गए. सूचना पाकर कर्मचारी पहुंचे, लेकिन मगरमच्छों के बीच में जाकर उन्हें अलग करने का प्राणी उद्यान प्रबंधन के पास कोई इंतजाम नहीं है. ऐसे में जब झगड़ा खत्म हुआ तो दो मगरमच्छ मर चुके थे.

इस संबंध में चिड़ियाघर निदेशक एच राजामोहन ने बताया कि मृत वन्यजीवों के शवों का पोस्टमार्टम कर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट केंद्रीय चिड़ियाघर के साथ अन्य अधिकारियों को भेज दी गई है. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में कुल 156 वन्य जीव मौजूद हैं. जिनकी सेहत और स्वास्थ्य बेहतर है. ऐसे में लगातार उनका ध्यान दिया जा रहा है. जो छोटी-मोटी खामियां हैं, उन्हें दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद अशफाक उल्ला खान प्राणी उद्यान का 27 मार्च को लोकार्पण किया था और 28 मार्च को इसे आमजन के लिए खोल दिया गया था. पूर्वांचल समेत पड़ोसी राज्य बिहार और नेपाल के लोगों के लिए यह एक बड़ा तोहफा है. इस प्राणी उद्यान में 151 जानवरों को अलग-अलग स्थानों से लाया गया है. यहां गोल्फ कार्ट 14 सीटर बैटरी चालित गाड़ी, 7डी थिएटर, तितली घर लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने का कार्य कर रहे हैं. यह प्राणि उद्यान 121 एकड़ और 260 करोड़ की लागत से बना है.

बता दें कि यहां 7डी थिएटर भी निर्मित है. यहां 34.01 एकड़ वेटलैंड, 29.75 वन भूमि, 57.58 एकड़ एग्जिबिट एरिया और 57.58 एकड़ में हॉस्पिटल भी है. इस प्राणी उद्यान में चार क्वारेंटाइन सेंटर, चार रेस्क्यू सेंटर, इंजिनेटर हाउस, पोस्टमार्टम हाउस और किचन के साथ फीड स्टोर भी निर्मित है.

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