गोरखपुर : शहर में निकाय चुनाव को लेकर पुलिस गुरुवार को वाहनों की चेकिंग कर रही थी. इस दौरान कछुओं की तस्करी करने वाले चार तस्कर पुलिस के हत्थे चढ़ गए. तस्करों के पास से प्रतिबंधित प्रजाति के 34 कछुए बरामद किए गए. इसके अलावा आरोपियों के पास से स्कॉर्पियो गाड़ी भी बरामद की गई है.
गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि शक्ति बढ़ाने वाली दवाओं में इस्तेमाल के लिए इनकी तस्करी की जा रही थी. इन कछुओं को यहां से बांग्लादेश भेजा जाना था. वहां से इन्हें चाइना, सिंगापुर, नेपाल, पाकिस्तान जैसे देशों को निर्यात किया जाना था. इन देशों में इनकी भारी डिमांड है.
एसपी सिटी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मार्केट में मुंह मांगी कीमतों पर कछुओं को तस्कर बेचने का काम कर रहे थे. स्थानीय स्तर पर यह कार्य पिछले कई वर्षों से किया जा रहा था. दुर्लभ प्रजाति के इन कछुओं की तस्करी करके एक बंगाली डॉक्टर के पास ले जाया जा रहा था. गिरफ्तार किए गए चारों तस्करों ने पूछताछ में बताया कि बंगाली डॉक्टर द्वारा इन कछुओं को यहां से बांग्लादेश भेजा जाता है. फिर इन्हें चीन, पाकिस्तान, सिंगापुर, इंडोनेशिया और नेपाल जैसे देशों को निर्यात किया जाता है. वहां इनसे शक्ति बढ़ाने वाली दवाइयां बनाई जाती हैं. एक कछुए की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 30 से ₹40 हजार रुपए है. स्थानीय स्तर पर इन कछुओं को किलो के भाव में तस्करों को बेचा जाता है.
रामगढ़ ताल और आसपास की नदियों से इन कछुओं को पकड़ा जाता है. इन्हें पकड़ने के लिए एक स्पेशलिस्ट है. इसके बाद वह इन्हें तस्करों को सौंप देता है. एक कछुए का वजन 15 से 20 किलो के आसपास है. पकड़े गए तस्करों को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है. पुलिस गिरोह से जुड़े अन्य तस्करों और बंगाली डॉक्टर की तलाश में जुट गई है.
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