गोण्डा: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 जैसे-जैसे (assembly election 2022) पास आता जा रहा है, वैसे-वैसे इसको देखते हुए सभी राजनीतिक दल जातीय समीकरण और जीत की रणनीति बनाने में लग गए हैं. सभी राजनीतिक पार्टियां अपने नए-नए वादे और दावे के साथ जनता को रिझाने की कोशिश कर रही है. ऐसे में गोण्डा जिले में भी चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं.
गोण्डा जनपद में 7 विधानसभा सीटें हैं. यहां भी चुनाव में हमेशा जातीय समीकरण हावी रहा है. राजनीतिक पार्टियां कोशिश करती हैं, जो भी प्रत्याशी बनाया जाएं, उस प्रत्याशी की सभी जातियों में पकड़ हो. हालांकि, विकास के लिहाज से देखा जाए, तो जिले में खासा विकास नहीं हुआ है. मसलन, मूलभूत सुविधाओं से भी अभी तक जनता महरूम है. जिले में सड़क, जल निकासी, पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार समेत तमाम मुद्दों पर जिला पिछड़ेपन का शिकार है.
2017 में जिले की सातों विधानसभा सीटों पर कमल खिला था. बड़े-बड़े दिग्गजों को मात देकर सभी सीटों पर जीत दर्ज की थी. अगर, बात करें गोण्डा की सदर विधानसभा सीट-296 से भाजपा सांसद कैसरगंज के पुत्र प्रतीक भूषण शरण सिंह अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के जलील अहमद खां को 9889 मतों से पराजित किया. इस तरह भाजपा के प्रतीक भूषण सिंह को 55273 मत तथा जलील को महज 45384 मतों से सन्तोष करना पड़ा. वहीं कृषिमंत्री विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह के भतीजे सूरज सिंह तीसरे स्थान पर इन्हें महज 39084 मत ही मिले.
करनैलगंज-298 विधानसभा सीट से भाजपा के अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया को 82199 मत मिले. इन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के पूर्व बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री को 28507 मतों से पराजित किया. बसपा यहां तीसरे स्थान पर रही.
तरबगंज-299 विधानसभा सीट (Tarabganj 299 assembly seat) से भाजपा प्रत्यासी प्रेम नरायण पाण्डेय को 97226 मत मिले. इन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वन्दी सपा के कृषि मंत्री विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह को 39159 मतों से पराजित किया. यहां पर बसपा तीसरे स्थान पर रही. इन्हें मात्र 28015 मतों से सन्तोष करना पड़ा.
कटरा बाजार-297 विधानसभा (Katra Bazar 297 Assembly) से भाजपा के बावन सिंह को 91510 मत मिले. इन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वन्दी सपा के बैजनाथ दूबे को 30547 मतों से पराजित किया. बसपा को 55677 मतों पर ही सन्तोष करना पड़ा.
मेहनौन-295 विधानसभा सीट (Mehnoun 295 assembly seat) से भाजपा के विनय कुमार द्विवेदी को 84150 मत मिले. इन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वन्दी बसपा के अरसद अली को 36342 मतों से पराजित किया. यहां पर सपा से तीन बार विधानसभा विधायका रह चुकी नन्दिता शुक्ला के पुत्र इस बार सपा से चुनाव लड़ रहे थे. इन्हें मात्र 42248 मतों पर ही सन्तोष करना पड़ा.
मनकापुर-300 विधानसभा सीट (Mankapur 300 Assembly Seats) से भाजपा के पूर्व मंत्री रमापति शास्त्री को एक लाख दो हजार पांच सौ पचपन मत मिले. इन्होंने अपने प्रतिद्वन्दी बसपा के रमेश गौतम को 60042 मतों से पराजित किया. यहां पर सपा के विधायक रहे राम विशुन आजाद को महज 24 490 मतों पर ही सन्तोष करना पड़ा.
गौरा 301 विधानसभा सीट (Gaura 301 Assembly Constituency) से भाजपा के प्रभात वर्मा को 76670 मत मिले. इन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वन्दी सपा के राम प्रताप सिंह को 41425 मतों से पराजित किया. बसपा यहां पर तीसरे स्थान पर रही. यहां के बसपा प्रत्याशी अब्दुल कलाम को 37595 मत पाकर सन्तोष करना पड़ा.
गोण्डा में 7 विधानसभाओं में हैं कुल 23,76,614 मतदाता
विधानसभा | कुल मतदाता | पुरुष | महिला | ट्रांसजेंडर |
सदर विधानसभा | 340985 | 182973 | 157989 | 23 |
मेहनौन विधानसभा | 355574 | 193299 | 162264 | 11 |
कटरा विधानसभा | 374524 | 201709 | 172813 | 2 |
करनैलगंज | 319785 | 173224 | 146550 | 11 |
तरबगंज विधानसभा | 352432 | 190720 | 161700 | 12 |
मनकापुर विधानसभा | 319671 | 172503 | 147158 | 10 |
गौरा विधानसभा | 313643 | 171066 | 142567 | 10 |
2020-गोंडा की अनुमानित जनसंख्या
2020 में गोंडा की अनुमानित जनसंख्या | 3,978,539 |
2021 में पुरुषों की अनुमानित जनसंख्या | 2,070,587 |
2021 में महिलाओं की अनुमानित जनसंख्या | 1,907,952 |
2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या
2011 में गोंडा की कुल आबादी | 3,433,919 |
पुरुषों की जनसंख्या | 1,787,146 |
महिलाओं की जनसंख्या | 1,646,773 |
क्षेत्र (प्रति वर्ग कि.मी.) | 4,003 |
घनत्व (प्रति वर्ग कि.मी.) | 858 |
लिंग अनुपात | 921 |
बच्चों का लिंग अनुपात 0-6 वर्ष | 926 |
कुल साक्षर | 1,679,994 |
साक्षर पुरुष | 1,034,181 |
साक्षर महिलाएं | 645,813 |
साक्षरता | 58.71% |
धर्म के अनुसार आबादी
धर्म | 2011 जनसंख्या | प्रतिशत | 2021 की अनुमानित जनसंख्या |
---|---|---|---|
हिंदू | 2,739,076 | 79.77% | 3,173,493 |
मुसलमान | 678,615 | 19.76% | 786,243 |
ईसाई | 4,735 | 0.14% | 5,486 |
सिख | 1,893 | 0.06% | 2,193 |
बौद्ध | 649 | 0.02% | 752 |
जैन | 338 | 0.01% | 392 |
अघोषित | 8,556 | 0.25% | 9,913 |
अन्य | 57 | 0.00% | 66 |
कुल | 3,433,919 | 100% | 3,978,539 |
हालांकि जिले के कैबिनेट मंत्री रमापति शास्त्री, भाजपा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह, कैसरगंज भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह व विधायकों के प्रयास से जनपद को मेडिकल कॉलेज की सौगात जरूर मिली, जिसका निर्माण कार्य अभी शुरू हुआ है, लेकिन अन्य कई बुनियादी व महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए लखनऊ या अन्य शहरों की तरफ देखना पड़ता है.
वहीं शहर की बात करें यहां पर सबसे बड़ी समस्या जल निलसी की है. अब तक जिले में सीवर लाइन न बनने से जगह-जगह जलभराव व नालियां सड़कों पर बहती हैं. ग्रामीणों क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, रोजगार और छुट्टा जानवर सबसे बड़ा मुद्दा होगा.
2017 चुनाव के बाद प्रदेश की सत्ता पर काबिज हुई योगी सरकार ने छुट्टा जानवरों से किसानों को निजात दिलाने के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाकर गौशालाएं और वृहद गोसंरक्षण केंद्र तो बनवाएं, लेकिन खराब प्रबंधन के चलते छुट्टा जानवर किसानों के लिए मुसीबत का सबब हैं. आज भी आवारा घूमते जानवर किसानों की फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा रहे हैं.
वहीं सरकार का गड्ढा मुक्त अभियान भी यहां फेल साबित हुआ है. सरकार ने सड़कों के गड्ढे भरने का काम तो किया, लेकिन कुछ दिनों बाद यहां की सड़कें फिर टूटकर जर्जर हो गईं. उम्मीद थी योगी सरकार में शहर में शुद्ध पानी की समस्या दूर होगी.
शहर में सबसे बड़ी समस्या जाम (ट्रैफिक) की है. वादों के विपरीत न तो शहर का रिंग रोड बना और न ही बाईपास की हालत ही सुधरी. अब एक बार फिर चुनाव सिर पर हैं, तो वादों की झड़ी लगना स्वाभाविक है. ऐसा माना जा रहा है कि इस बार के चुनाव में भी यही बुनियादी मुद्दे हावी रहेंगे.
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