गोंडाः जिले में पुलिस ने अंतर्राज्यीय एटीएम फ्रॉड गैंग का खुलासा किया है. नागालैंड पुलिस की सूचना पर एटीएम फ्रॉड गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. इनके कब्जे से कब्जे से 13 एटीएम, 25 हजार नकद और जाली दस्तावेज बरामद हुए. आरोपियों रैकेट यूपी के कई शहरों, असम, नागालैंड और पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ था.
पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि परसपुर इलाके का रहने वाला अजीत सिंह एटीएम की जालसाजी कर बड़े धोखाधड़ी के कारनामे को अंजाम देता था. इसी क्रम में नागालैंड पुलिस को एटीएम फ्राड गैंग की सूचना मिली थी. गोंडा पुलिस ने नागालैंड पुलिस की सूचना के आधार पर परसपुर इलाके से दिवाकर सिंह और अरविंद पाठक को गिरफ्तार कर लिया. इनके कब्जे से 13 एटीएम, 25 हजार नकद और जाली दस्तावेज बरामद हुए हैं. एसपी ने बताया कि आरोपियों का रैकेट यूपी के लखनऊ और तमाम शहरों, असम, नागालैंड और पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ था. इस रैकेट का एक सदस्य ज्ञानेंद्र सिंह नागालैंड पुलिस के हत्थे चढ़ा था, उसी की शिनाख्त पर नागालैंड पुलिस ने गोंडा में पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम के साथ रेड कर रैकेट के दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया है. अभी इस रैकेट के 5 सदस्यों की पुलिस को तलाश है.
पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि पकड़े गए शातिर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से विभिन्न बैकों में अपना और साथियों के खाते खुलवाकर एटीएम प्राप्त कर लेते थे. इसके बाद उस खाते में कुछ पैसा जमा करा देते थे. खाते से इसी पैसे को निकालने के दौरान एटीएम मशीन में निकासी वाले स्थान पर अंगुली लगाकर स्लाइड को होल्ड कर देते थे, जिससे पैसा तो तत्काल निकल आता है परन्तु संबंधित बैंक को रिवर्स ट्रांसिक्शन का मैसेज पहुंच जाता है. इसका फायदा उठाकर आरोपी संबंधित बैकों में शिकायत दर्ज कराकर पुनः पैसा प्राप्त कर लेते थे.
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एसपी ने बताया कि इस जालसाजी में इस्तेमाल किए जाने वाले एटीएम कार्ड पीएनबी बैंक मिनी शाखा दुरौनी में काम करने वाले सह-अभियुक्त प्रिंस यादव द्वारा उपलब्ध कराये जाते थे. पुलिस दोनों शातिर एटीएम जालसाजों को जेल भेज दिया है.