गोण्डा: थ्री नॉट थ्री राइफल को गणतंत्र दिवस के मौके पर पूरी तरह से अलविदा कह दिया गया है. यह रायफल पिछले 170 सालों से उपयोग की जा रही थी. पुलिस अब अत्याधुनिक तकनीक वाले हथियार इंसास से लैस हो चुकी है. पुरानी थ्री नॉट थ्री राइफल का निशाना अचूक होने के कारण अभी तक पुलिस प्रशिक्षण में इसका इस्तेमाल किया जाता था. अत्याधुनिक हथियारों के आगे अब थ्री नॉट थ्री राइफल बहुत पीछे छूट चुकी है.
पुलिस विभाग में प्रयोग की जाने वाली थ्री नॉट थ्री रायफल का सफर 170 साल पुराना है. अंग्रेजों के जमाने से इस रायफल का उपयोग हो रहा था. 1857 के समय अग्रेज, युद्ध में इसका उपयोग करते थे. इस समय थ्री नॉट थ्री रायफल का उपयोग सिर्फ नाममात्र के लिए ही बचा है. इसका उपयोग सिर्फ परेड या प्रैक्टिस के लिए किया जाता था, क्योंकि इस रायफल का निशाना अचूक होता है.
एक बार में करती थी एक फायर
यह राइफल काफी पुरानी होने की वजह से चलने में समस्या उत्पन्न कर रही थी और मरम्मत में भी काफी दिक्कतें आ रही थीं. यह रायफल एक बार में सिर्फ एक फायर करती थी और उसके बाद दूसरे फायर के लिए खोखा निकालकर दूसरा कारतूस लगाना पड़ता था. एसपी ने मुख्यालय के पुलिस परेड ग्राउंड में गणतंत्र दिवस के मौके पर इस राइफल पर फूल माला चढ़ाकर विदाई दी. इसकी जगह अब अत्याधुनिक तकनीक से लैस इंसास रायफल लेगी.
इसे भी पढ़ें- बलिया: गंगा पूजन के साथ शुरू होगी 'गंगा यात्रा', राज्यपाल और बिहार के डिप्टी सीएम रहेंगे मौजूद
पुलिस अधीक्षक ने अपने संबोधन में इंसास की खूबियां के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि शासन स्तर से पूरी पुलिस प्रणाली को हाईटेक करने का काम किया जा रहा है. तकनीक हाईटेक होने के कारण पुलिस अब काफी मजबूत हुई है और आसानी से अपराधियों तक पहुंच जाती है. यही कारण है कि अपराधी अब पुलिस की निगाह से बच नहीं पाते हैं.