ETV Bharat / state

गोण्डा: टीबी मरीजों को गोद लेकर जिले से होगा टीबी का सफाया, सामाजिक संगठनों ने लिया जिम्मा - गोण्डा ताजा समाचार

गोण्डा में टीबी व उससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने व इस बीमारी को जड़ से खतम करने के लिये जिले में 18 वर्ष से कम आयु के टीबी के मरीजों को गोद लिया जायेगा. इसमें रेडक्रॉस सहित कई अन्य संगठन भी अपना योगदान देकर टीबी मुक्त भारत का सपना पूरा करने में मदद करेंगे.

टीबी मरीजो को गोद लेकर जिले से होगा टीबी का सफाया
author img

By

Published : Sep 17, 2019, 8:03 AM IST

गोण्डा: सरकार टीबी के रोकथाम के लिए काफी समय से प्रयासरत है. इसके लिये प्रचार-प्रसार के माध्यम से टीबी व उससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए कोशिश कर रही है. इसी क्रम में अब जिले में 18 वर्ष से कम आयु के टीबी के मरीजों को गोद लिया जायेगा. इसमें रेडक्रास सहित कई अन्य संगठन भी अपना योगदान देकर टीबी मुक्त भारत का सपना पूरा करने में मदद करेंगे.

टीबी मरीजो को गोद लेकर जिले से होगा टीबी का सफाया
18 वर्ष से कम आयु के मरीजों को लिया जायेगा गोदजनपद में टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार प्रशासन व संगठन अब तत्परता दिखा रहे हैं. बता दें कि टीबी के मरीजों को नियमित दवाइयां लेना आवश्यक है. ऐसे में 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे जो स्वयं की देखभाल अच्छी तरह नहीं कर सकते या परिवार के लोग भी कई भ्रांतियों के चलते कई बार टीबी मरीजों से दूरी बनाए रखते हैं, उनका उचित ध्यान नहीं रख पाते. ऐसे में शासन प्रशासन के सहयोग से कई संगठन आगे आकर ऐसे ही 18 वर्ष से कम आयु के टीबी मरीजों को गोद लेंगे और उनका उचित मार्गदर्शन व पूरा ध्यान रखेंगे.

जिले भर में टीबी के हैं 3100 मरीज

जनपद में इस समय टीबी के 3100 मरीज हैं. जिनमें 500 से से अधिक की संख्या 18 वर्ष के कम आयु के बच्चों की है. इन्हें गोद लेने के लिए रेडक्रॉस सोसाइटी, लायंस क्लब, रोटरी क्लब आदि संगठन आगे आ आ रहे हैं.

18 वर्ष से कम आयु के टीबी के मरीजों को अलग-अलग एनजीओ द्वारा गोद लिया जा रहा है. इससे ये फायदा होगा कि उनका इलाज तो सही तरीके से होगा ही साथ में उनका खाना पीना, पुनर्वास, आगे के लिए पौष्टिक आहार इत्यादि मुहैया होगा.साथ ही उनकी दवा न छूटे और वह रेगुलर दवाइयां ले वह ये भी सुनिश्चित करेंगे.

- मधु गैरोला, सीएमओ, गोण्डा

गोण्डा: सरकार टीबी के रोकथाम के लिए काफी समय से प्रयासरत है. इसके लिये प्रचार-प्रसार के माध्यम से टीबी व उससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए कोशिश कर रही है. इसी क्रम में अब जिले में 18 वर्ष से कम आयु के टीबी के मरीजों को गोद लिया जायेगा. इसमें रेडक्रास सहित कई अन्य संगठन भी अपना योगदान देकर टीबी मुक्त भारत का सपना पूरा करने में मदद करेंगे.

टीबी मरीजो को गोद लेकर जिले से होगा टीबी का सफाया
18 वर्ष से कम आयु के मरीजों को लिया जायेगा गोदजनपद में टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार प्रशासन व संगठन अब तत्परता दिखा रहे हैं. बता दें कि टीबी के मरीजों को नियमित दवाइयां लेना आवश्यक है. ऐसे में 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे जो स्वयं की देखभाल अच्छी तरह नहीं कर सकते या परिवार के लोग भी कई भ्रांतियों के चलते कई बार टीबी मरीजों से दूरी बनाए रखते हैं, उनका उचित ध्यान नहीं रख पाते. ऐसे में शासन प्रशासन के सहयोग से कई संगठन आगे आकर ऐसे ही 18 वर्ष से कम आयु के टीबी मरीजों को गोद लेंगे और उनका उचित मार्गदर्शन व पूरा ध्यान रखेंगे.

जिले भर में टीबी के हैं 3100 मरीज

जनपद में इस समय टीबी के 3100 मरीज हैं. जिनमें 500 से से अधिक की संख्या 18 वर्ष के कम आयु के बच्चों की है. इन्हें गोद लेने के लिए रेडक्रॉस सोसाइटी, लायंस क्लब, रोटरी क्लब आदि संगठन आगे आ आ रहे हैं.

18 वर्ष से कम आयु के टीबी के मरीजों को अलग-अलग एनजीओ द्वारा गोद लिया जा रहा है. इससे ये फायदा होगा कि उनका इलाज तो सही तरीके से होगा ही साथ में उनका खाना पीना, पुनर्वास, आगे के लिए पौष्टिक आहार इत्यादि मुहैया होगा.साथ ही उनकी दवा न छूटे और वह रेगुलर दवाइयां ले वह ये भी सुनिश्चित करेंगे.

- मधु गैरोला, सीएमओ, गोण्डा

Intro:सरकार टीबी के रोकथाम के लिए काफी समय से प्रयासरत है। इसके साथ ही प्रचार प्रसार से भी टीबी व उससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए कोशिश कर रही है। इसी क्रम में अब जिले में 18 वर्ष से कम आयु के टीबी के मरीजों को गोद लेने की कवायद शुरू की गई है। इसमें रेडक्रास सहित कई अन्य संगठन भी अपना योगदान देकर टीबी मुक्त भारत का सपना पूरा करने में मदद करेंगे।




Body:जनपद में टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार प्रशासन व संगठन अब तत्परता दिखा रहे हैं। बता दें कि टीबी के मरीजों को नियमित दवाइयां लेना आवश्यक है। ऐसे में 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे जो स्वयं की देखभाल अच्छी तरह नहीं कर सकते या परिवार के लोग भी कई भ्रांतियों के चलते कई बार टीबी मरीजों से दूरी बनाए रखते हैं, उनका उचित ध्यान नहीं रख पाते। ऐसे में शासन प्रशासन के सहयोग से कई संगठन आगे आकर ऐसे ही 18 वर्ष से कम आयु के टीबी मरीजों को गोद लेंगे और उनका उचित मार्गदर्शन व पूरा ध्यान रखेंगे।
बता दें कि जनपद में इस समय टीबी के 3100 मरीज हैं जिनमें 500 से से अधिक की संख्या 18 वर्ष के कम आयु के बच्चों की है। इन्हें गोद लेने के लिए रेड क्रॉस सोसाइटी, लायंस क्लब, रोटरी क्लब आदि संगठन आगे आ आ रहे हैं।


Conclusion:इस बाबत मुख्य चिकित्सा अधिकारी अधिकारी मधु गैरोला ने बताया कि 18 वर्ष से कम टीबी के मरीजों को अलग-अलग एनजीओ द्वारा गोद लिया जा रहा है इसका उद्देश्य है कि उनका इलाज तो सही तरीके से हो ही लेकिन साथ में उनका खाना पीना, पुनर्वास, आगे के लिए पौष्टिक आहार इत्यादि मुहैया करवाना है। साथ ही उनकी दवा न छूटे उनकी दवा न छूटे और वह रेगुलर दवाइयां ले वह ये भी सुनिश्चित करेंगे।

बाईट- मधु गैरोला(सीएमओ गोण्डा)

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.