हैरान रह गए न... छोटे-छोटे बच्चों की जनरल नॉलेज देखकर आप ही नहीं, हर कोई दातों तले उंगली दबा रहा है. उससे भी ज्यादा हैरान आप तब होंगे, जब आपको पता चलेगा कि ये किसी प्राइवेट नहीं बल्कि सरकारी स्कूल के बच्चे हैं. ये है गोंडा का भीखमपुर प्राथमिक विद्यालय, जहां बच्चों को दी जा रही बेहतरीन शिक्षा का असर उनपर साफ नजर आ रहा है.
जब इन बच्चों से बात की गई तो इन्होंने जनरल नॉलेज पर आधारित हर सवाल का सही जवाब दिया. तीसरी क्लास में पढ़ने वाली अनिष्का मिश्रा को आजादी से लेकर अब तक भारत के सभी प्रधानमंत्रियों और सभी राष्ट्रपति के नाम जुबानी याद हैं. वहीं पहली क्लास में पढ़ने वाले मनोज जब यूपी के जिलों का नाम लेने शुरू करते हैं, तो वो रुकते ही नहीं हैं.
बता दें कि इन बच्चों को देखने के बाद अच्छे-अच्छे लोग सरकारी स्कूलों को लेकर अपनी सोच बदलने को मजबूर हो रहे हैं. पाचवीं क्लास में पढ़ने वाले आनंद कुमार की जुबान पर कई देशों और उनकी राजधानियों के नाम तो तोते की तरह रटे हुए हैं.
गोंडा के इस भीखमपुर प्राथमिक विद्यालय की चारों ओर चर्चा हो रही है. आमतौर पर जब भी सरकारी स्कूल का नाम जुबान पर आता है तो हमेशा दिमाग में एक बात ही आता है और वो है शिक्षा की गुणवत्ता. मगर भीखमपुर प्राथमिक विद्यालय की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के चलते आसपास के गांव के बच्चे भी एडमिशन ले रहे हैं. इससे स्कूल के प्रिंसिपल भी काफी खुश हैं.
स्कूल के प्रिंसिपल मनोज मिश्रा का कहना है कि उनका हमेशा से मानना रहा है कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाए. उनकी कोशिश भी यही रही है कि बच्चों की पढ़ाई से कोई समझौता नहीं होना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों को हर विषय के बारे में पढ़ाया जाता है, अब चाहे वो सामाजिक विज्ञान हो या जनरल नॉलेज.
वहीं गोंडा जिले का नाम रोशन करने वाले इस स्कूल की बीएसए मनीराम सिंह भी तारीफ करते नहीं थकते हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिकारी ने उन्हें बताया कि स्कूल काफी सुंदर है. बच्चों को जो शिक्षा दी जा रही है, उसकी गुणवत्ता काफी अच्छी है. बता दें कि कई संसाधनों की कमी के बावजूद भीखमपुर प्राथमिक विद्यालय के बच्चे प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को टक्कर दे रहे हैं. इससे ये स्कूल यूपी के अन्य स्कूलों के लिए प्रेरणा बन रहा है.
जीत की खातिर बस जूनून चाहिए,
जिसमें उबाल हो ऐसा खून चाहिए,
यह आसमान भी आएगा जमीन पर,
बस इरादों में जीत की गूंज चाहिए...