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गोण्डा: मंहगे अस्पतालों में इलाज करवाने को मजबूर लोग, जाने क्यों

उत्तर प्रदेश के गोण्डा मे आयुष्मान योजना का लाभ लोगों तक नही पहुंच पा रहा है. विभागीय सुस्ती के कारण आम जनता महंगे अस्पतालों में इलाज कराने को मजबूर है.

नही मिल रहा योजना का लाभ
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Published : Sep 5, 2019, 10:57 AM IST

गोण्डा: दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत पर सरकार का विशेष ध्यान है. जहां सरकार का लक्ष्य इस योजना के तहत 10 करोड़ परिवारों को लाभ देने का है. वहीं उसकी गति देख कर सरकार के सपने पर पानी फिर सकता है. अधिकारियों की लापरवाही के चलते पात्र लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

नही मिल रहा योजना का लाभ

नहीं मिल रहा योजना का लाभ

  • वर्ष 2011 में सामाजिक एवं आर्थिक जातिगत, पिछड़ा वर्ग की जनगणना हुई थी.
  • उसी सूची के आधार पर आयुष्मान योजना के लाभार्थियों का चयन किया गया.
  • वर्तमान समय में जनपद में इस योजना के तहत 2 लाख 5 हजार 775 लाभार्थी सूची में अंकित हैं.
  • जिसमें से 40 हजार 15 लोगों को गोल्डन कार्ड भी दिया जा चुका है.
  • वहीं इस सूची से छूटे परिवारों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के तहत जोड़ा गया है इनकी संख्या 5 हजार 216 है.
  • अब तक इस योजना में मात्र 3183 लोगों ने जिले में इलाज कराया है.
  • विभागीय सुस्ती के कारण और लोगों में इसकी जागरूकता के कमी के कारण लोग बढ़ चढ़कर इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं.
  • इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत प्रत्येक गरीब लाभार्थी को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त में इलाज के जाने की प्रावधान है.

यह केंद्र सरकार की योजना है. इसके तहत सरकार देश के लगभग दस करोड़ से अधिक परिवारों को सालाना पांच लाख का रुपये तक का इलाज का खर्च उठायेगी. इस योजना को एक अप्रैल 2018 से लागू किया गया है. इसमें 2011 जनगणना के आधार पर गरीब ,वंचित ग्रामीण परिवारों और शहरी श्रमिक परिवारों को इस योजना से लाभ मिलेगा. इसमें हर जिले में अस्पतालों पर आरोग्य मित्र नियुक्त हुए है जहां लोग जा कर यह जान सकते हैं कि उनका नाम इस योजना के अंतर्गत है कि नहीं. इसमें 1300 पैकेज हैं जिसके तहत इलाज किया जाएगा.
-अंकित श्रीवास्तव जिला सूचना प्रबंधक, आयुष्मान भारत

गोण्डा: दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत पर सरकार का विशेष ध्यान है. जहां सरकार का लक्ष्य इस योजना के तहत 10 करोड़ परिवारों को लाभ देने का है. वहीं उसकी गति देख कर सरकार के सपने पर पानी फिर सकता है. अधिकारियों की लापरवाही के चलते पात्र लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

नही मिल रहा योजना का लाभ

नहीं मिल रहा योजना का लाभ

  • वर्ष 2011 में सामाजिक एवं आर्थिक जातिगत, पिछड़ा वर्ग की जनगणना हुई थी.
  • उसी सूची के आधार पर आयुष्मान योजना के लाभार्थियों का चयन किया गया.
  • वर्तमान समय में जनपद में इस योजना के तहत 2 लाख 5 हजार 775 लाभार्थी सूची में अंकित हैं.
  • जिसमें से 40 हजार 15 लोगों को गोल्डन कार्ड भी दिया जा चुका है.
  • वहीं इस सूची से छूटे परिवारों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के तहत जोड़ा गया है इनकी संख्या 5 हजार 216 है.
  • अब तक इस योजना में मात्र 3183 लोगों ने जिले में इलाज कराया है.
  • विभागीय सुस्ती के कारण और लोगों में इसकी जागरूकता के कमी के कारण लोग बढ़ चढ़कर इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं.
  • इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत प्रत्येक गरीब लाभार्थी को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त में इलाज के जाने की प्रावधान है.

यह केंद्र सरकार की योजना है. इसके तहत सरकार देश के लगभग दस करोड़ से अधिक परिवारों को सालाना पांच लाख का रुपये तक का इलाज का खर्च उठायेगी. इस योजना को एक अप्रैल 2018 से लागू किया गया है. इसमें 2011 जनगणना के आधार पर गरीब ,वंचित ग्रामीण परिवारों और शहरी श्रमिक परिवारों को इस योजना से लाभ मिलेगा. इसमें हर जिले में अस्पतालों पर आरोग्य मित्र नियुक्त हुए है जहां लोग जा कर यह जान सकते हैं कि उनका नाम इस योजना के अंतर्गत है कि नहीं. इसमें 1300 पैकेज हैं जिसके तहत इलाज किया जाएगा.
-अंकित श्रीवास्तव जिला सूचना प्रबंधक, आयुष्मान भारत

Intro:दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत योजना जिस पर सरकार का विशेष ध्यान है। जहाँ सरकार का लक्ष्य इस योजना के तहत 10 करोड़ परिवारों को लाभ देने का है। वहीं उसकी गति देख कर तो ऐसा ही लगता है जैसे कई सालों में भी बहुत लोगों को इस योजना का लाभ नही मिल पायेगा।




Body:बताते चलें कि वर्ष 2011 में सामाजिक एवं आर्थिक जातिगत, पिछड़े वर्ग जनगणना हुई थी। उसी सेक सूची के आधार पर आयुष्मान योजना के लाभार्थियों का चयन किया गया। आयुष्मान योजना गोण्डा के जिला सूचना प्रबंधक अंकित श्रीवास्तव के बताया कि वर्तमान समय में जनपद में इस योजना के तहत 2 लाख 5 हजार 775 लाभार्थी सूची में अंकित हैं। जिसमें से 40 हजार 15 लोगों को गोल्डन कार्ड भी दिया जा चुका है। वही इस सूची से छूटे परिवारों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के तहत जोड़ा गया है इनकी संख्या 5 हजार 216 है l अब तक इस योजना में मात्र 3183 लोगों ने जिले में इलाज कराया है। योजना को लागू हुए करीब डेढ़ साल होने को हैं लेकिन विभागीय सुस्ती के कारण लोगों में इसकी जागरूकता के कमी के कारण लोग बढ़ चढ़कर इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत प्रत्येक गरीब लाभार्थी को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त में इलाज के जाने की प्रावधान है।




Conclusion:क्या है आयुष्मान योजना

यह केंद्र सरकार की योजना है। इसके तहत देश के लगभग दस करोड़ से अधिक परिवारों को सालाना पांच लाख का रूपये तक का इलाज का खर्च उठायेगी। इस योजना को एक अप्रैल 2018 से लागू किया गया है। इसमें 2011 जनगणना के आधार पर गरीब ,वंचित ग्रामीण परिवारों और शहरी श्रमिक परिवारों को इस योजना से लाभ मिलेगा। इसमें हर जिले में अस्पतालों पर आरोग्य मित्र नियुक्त हुए है जहाँ लोग जा कर यह जान सकते है कि उनका नाम इस योजना के अंतर्गत है कि नहीं। इसमें 1300 पैकेज हैं जिसके तहत इलाज किया जाएगा।

बाईट- अंकित श्रीवास्तव( जिला सूचना प्रबंधक, आयुष्मान भारत)
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