गोंडा: कोविड-19 कोरोना वायरस ने पूरे विश्व को चपेट में ले रखा है, इस वैश्विक महामारी के चलते पूरे भारतवर्ष में लॉकडाउन चल रहा है. इस लॉकडाउन के चलते दिल्ली से बिहार जाने वाले मजदूर गोंडा मे फंसे हैं. इन मजदूरों को 1 अप्रैल को 14 दिन के लिए यहां क्वारंटीन किया गया था. अब क्वारंटीन अवधि पूरी हो चुकी है, लेकिन इन्हें अपने घर जाने का मौका नहीं मिल सका है. इन मजदूरों ने बिहार की नितीश सरकार से गुहार लगाई है कि उन्हे उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था की जाए.
'बिहारी मजदूरों ने नीतीश कुमार से लगाई गुहार'
शहर के शहीदे आजम सरदार भगत सिंह इंटर कॉलेज में 1 अप्रैल को दिल्ली से बिहार जा रहे 24 मजदूरों को क्वारंटाइन किया गया था. 14 दिन का समय पूरा होने के बाद इन मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाया जाना था, लेकिन इन मजदूरों को अब तक उनके घर नहीं भेजा जा सका है. ऐसे ही जिले के सभी शेल्टर होम्स में बिहार के रहने वाले लोग फंसे हुए हैं. इन लोगों ने अब बिहार सरकार से घर पहुंचाए जाने की गुहार लगाई है.
मजदूरों ने बिहार की नितीश सरकार से फरियाद करते हुए कहा है कि वहां हमारे बच्चे हम लोगों के बिना रो रहे हैं और हम अपने परिवार के बिना परेशान हैं. हम लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती है, फसल खेतों में खड़ी है. अगर हम लोग वहां चले जाएं तो हम लोगों के लिए भला होगा.
'क्वारंटाइन किए जाने का समय हुआ पूरा'
क्वारंटाइन किए जाने वाले लोगों को खाने-पीने के सारे सामानों की जिम्मेदारी रेडक्रास सोसाइटी को दी गई है. रेड-क्रॉस सोसाइटी के सदस्य केबी सिंह का कहना है कि यहां लगभग 24 लोग बिहार के रहने वाले हैं, जिनको वहां की सरकार नहीं बुला रही है. जिसके कारण वह नहीं जा पा रहे हैं. कुछ दिनों पहले 20 लोग यहां से गए थे, लेकिन अब जो लोग बचे हुए हैं वे अपने प्रांत जाना चाहते हैं उनका क्वारंटाइन का समय पूरा हो गया है.
'दो राज्यों का है विषय'
दूसरे प्रांतों से जिले में रुके लोगों को उनके राज्यों में भेजने की बात पर बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह का कहना है, इस बारे में जिला प्रशासन से बात करूंगा कि उनकी क्या व्यवस्था बनाई जाए. उनको वापस लेने का दायित्व उनकी सरकार का है, मान लीजिए कि हमारी सरकार उनको वहां भेजें और वहां की सरकार उनको बॉर्डर पार जाने न दे, यह विषय केवल हम लोगों का नहीं रह गया है. यह विषय दो राज्यों का है.