गोंडा: जिले में पलायन कर आए प्रवासी मजदूरों और स्थानीय कामगारों को उद्यम प्रोत्साहन केंद्र की ओर से आत्मनिर्भर बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. वहीं केंद्र की ओर से रोजगार शुरू करने में मदद भी की जा रही है. इसके तहत जिले में अब तक 17 इकाइयों को 106 करोड़ रुपए बैंक से लोन दिलाया गया है. वहीं 137 फाइल और बैंक के पास भेजी गई है.
रोजगार शुरू करने के लिए जो भी उद्योग विभाग में आवेदन कर रहा है. विभाग की ओर से प्रशिक्षण देने के साथ रोजगार शुरू करने में भी उसकी मदद की जा रही है. वहीं देवीपाटन मंडल के उद्योग विभाग के उपायुक्त बाबूराम यादव ने बताया की अनलाॅक के दूसरे चरण में जिले में पलायन कर आए प्रवासी मजदूरों के साथ स्थानीय कामगारों को भी अपना रोजगार शुरू करने का प्रशिक्षण लगातार दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा मजदूरों को रोजगार भी मुहैया कराया जा रहा है.
मनरेगा के तहत भी दिया जाएगा रोजगार
जिले में पलायन कर आए प्रवासी मजदूरों को महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत रोजगार देने की प्रशासन ने योजना बनाई है. कुशल और अकुशल कामगारों की पहचान की जा रही है. वहीं ग्राम पंचायतों को भी कार्य कराने के लिए कहा गया है. प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही रेलवे को भी पौधारोपण, समतलीकरण, संपर्क मार्ग निर्माण आदि कार्य भी मनरेगा से कराने को कहा गया है. इससे प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिलेगा और उन्हें रोजी-रोटी के लिए अपने गांव और शहर से बाहर नहीं जाना पड़ेगा.