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गोण्डा: स्वास्थ्य विभाग ने टीबी से मुक्ति दिलाने के लिए शुरू किया यह प्लान

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Published : Nov 2, 2019, 9:00 AM IST

स्वास्थ्य विभाग ने टीबी जैसे वृहद रोग को जड़ से समाप्त करने के लिये 'कट द चेन' नाम का परियोजना चलाया है. गोण्डा जिला क्षयरोग अनुभाग की ओर से 5 से 16 वर्ष की आयु के कुल 900 बच्चों को चिन्हित किया गया है, जिनका इलाज अभियान के तहत घर पर ही किया जाएगा.

'कट द चेन' परियोजना के अंतर्गत होगा टीबी मरीजों का इलाज

गोण्डा: स्वास्थ्य विभाग ने क्षयरोग को जड़ से समाप्त करने के लिए 'कट द चेन' नाम की वृहद कार्ययोजना तैयार की है. इस प्लान के तहत विभाग की ओर से जिले भर में 900 ऐसे बच्चों को चिन्हित किया गया है, जिनमें कुपोषण और टीवी के लक्षण पाए गए हैं. स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से बच्चों को कुपोषण और क्षयरोग से मुक्ति दिलाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है.

'कट द चेन' परियोजना के अंतर्गत होगा टीबी मरीजों का इलाज.

टीबी से मक्ति दिलाने के लिए चलाया गया अभियान
जिला क्षयरोग अनुभाग की ओर से चलाए गए पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षयरोग नियंत्रण कार्यक्रम में करीब 5 लाख मरीजों को चिह्नित किया गया है और क्षयरोग खोज अभियान के तहत 5 वर्ष से 16 वर्ष से कम आयु तक के 900 नए मरीजों को चिह्नित किया गया है. साथ ही अगर टीबी के कुल मरीजों की बात करें तो इस वर्ष 4725 मरीज मिले हैं. वहीं टीबी की बीमारी से 118 मरीजों की मौत भी हो चुकी है.

कुपोषित बच्चों का घर पर ही होगा इलाज
बच्चों में कुपोषण और क्षयरोग से मुक्ति दिलाने के लिए उनका घर पर ही इलाज किया जाएगा. इस अभियान को सफल बनाने के लिए बाल विकास पुष्टाहार विभाग, आपूर्ति विभाग के अलावा स्वयंसेवी संस्थाओं को भी सम्मिलित किया गया है. स्वास्थ्य विभाग इलाज कराने के साथ-साथ कुपोषित और क्षयरोग की बीमारी से ग्रसित बच्चों को पौष्टिक आहार, खाना खाने के लिए राशन भी उपलब्ध करायेगा.

जिस परिवार का बच्चा या परिवार के अन्य कोई सदस्य टीबी रोग से ग्रसित हैं, उन्हें मास्क भी दिया जाएगा. इस रोग से तपेदिक एक जीवाणु है, जिससे इसके जीवाणु हवा में फैलते हैं. एक टीबी रोगी से 15 आसपास के नए लोगों को प्रभावित होने की आशंका होती है. परिवार में टीवी से ग्रसित लोगों को हाइजेनिक किट के साथ-साथ इसकी रोकथाम के लिए अन्य सुझाव भी दिए जाएंगे.

इसे भी पढ़ें:- रबी गोष्ठी में पहुंचे प्रमुख सचिव कृषि, कहा- किसानों की समस्याओं का होगा निदान

टीबी रोग की रोकथाम के लिए 'कट द चेन' प्लान तैयार किया गया है, इसे जड़ से समाप्त करने के लिए जिस परिवार में तपेदिक के रोगी मिले हैं, रोग के श्रृंखला रूप न लेने के लिए उस रोगी को तपेदिक से मुक्ति दिलाई जाएगी.
-मधु गैरोला, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

गोण्डा: स्वास्थ्य विभाग ने क्षयरोग को जड़ से समाप्त करने के लिए 'कट द चेन' नाम की वृहद कार्ययोजना तैयार की है. इस प्लान के तहत विभाग की ओर से जिले भर में 900 ऐसे बच्चों को चिन्हित किया गया है, जिनमें कुपोषण और टीवी के लक्षण पाए गए हैं. स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से बच्चों को कुपोषण और क्षयरोग से मुक्ति दिलाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है.

'कट द चेन' परियोजना के अंतर्गत होगा टीबी मरीजों का इलाज.

टीबी से मक्ति दिलाने के लिए चलाया गया अभियान
जिला क्षयरोग अनुभाग की ओर से चलाए गए पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षयरोग नियंत्रण कार्यक्रम में करीब 5 लाख मरीजों को चिह्नित किया गया है और क्षयरोग खोज अभियान के तहत 5 वर्ष से 16 वर्ष से कम आयु तक के 900 नए मरीजों को चिह्नित किया गया है. साथ ही अगर टीबी के कुल मरीजों की बात करें तो इस वर्ष 4725 मरीज मिले हैं. वहीं टीबी की बीमारी से 118 मरीजों की मौत भी हो चुकी है.

कुपोषित बच्चों का घर पर ही होगा इलाज
बच्चों में कुपोषण और क्षयरोग से मुक्ति दिलाने के लिए उनका घर पर ही इलाज किया जाएगा. इस अभियान को सफल बनाने के लिए बाल विकास पुष्टाहार विभाग, आपूर्ति विभाग के अलावा स्वयंसेवी संस्थाओं को भी सम्मिलित किया गया है. स्वास्थ्य विभाग इलाज कराने के साथ-साथ कुपोषित और क्षयरोग की बीमारी से ग्रसित बच्चों को पौष्टिक आहार, खाना खाने के लिए राशन भी उपलब्ध करायेगा.

जिस परिवार का बच्चा या परिवार के अन्य कोई सदस्य टीबी रोग से ग्रसित हैं, उन्हें मास्क भी दिया जाएगा. इस रोग से तपेदिक एक जीवाणु है, जिससे इसके जीवाणु हवा में फैलते हैं. एक टीबी रोगी से 15 आसपास के नए लोगों को प्रभावित होने की आशंका होती है. परिवार में टीवी से ग्रसित लोगों को हाइजेनिक किट के साथ-साथ इसकी रोकथाम के लिए अन्य सुझाव भी दिए जाएंगे.

इसे भी पढ़ें:- रबी गोष्ठी में पहुंचे प्रमुख सचिव कृषि, कहा- किसानों की समस्याओं का होगा निदान

टीबी रोग की रोकथाम के लिए 'कट द चेन' प्लान तैयार किया गया है, इसे जड़ से समाप्त करने के लिए जिस परिवार में तपेदिक के रोगी मिले हैं, रोग के श्रृंखला रूप न लेने के लिए उस रोगी को तपेदिक से मुक्ति दिलाई जाएगी.
-मधु गैरोला, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

Intro:स्वास्थ्य विभाग ने क्षयरोग को जड़ से समाप्त करने के लिए कट द चेन नाम की वृहद कार्ययोजना तैयार की है। इस प्लान के तहत विभाग की ओर से जिले भर में 900 ऐसे बच्चों को चिन्हित किया गया है, जिनमें कुपोषण और टीवी के लक्षण पाए गए हैं। स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से बच्चों को कुपोषण व क्षयरोग रोग से मुक्ति दिलाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही अन्य टीबी के मरीजो से अन्य लोगो को यह रोग न लगे इसकी भी देखरेख की जा रही है। कट द चेन प्लान का उद्देश्य है कि टीबी का मरीज अपने आस पास के लोगों में यह बीमारी न फैलाये यह बीमारी उसी मरीज के तक सीमित रहे।




Body:जिला क्षयरोग अनुभाग की ओर से चलाए गए पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षयरोग नियंत्रण कार्यक्रम में करीब 5 लाख मरीजों को चिन्हित किया गया है। तथा क्षय रोग खोज अभियान के तहत 5 वर्ष से 16 वर्ष से कम आयु तक के 900 नए मरीजों को चिन्हित किया गया है। साथ ही अगर टीबी के कुल मरीजो की बात करें तो इस वर्ष 4725 मरीज मिले हैं वहीं टीबी की बीमारी से 118 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। बच्चों में कुपोषण व क्षयरोग से मुक्ति दिलाने के लिए उनके घर पर ही उनका इलाज किया जाएगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिए बाल विकास पुष्टाहार विभाग ,आपूर्ति विभाग के अलावा स्वयंसेवी संस्थाओं को भी सम्मिलित किया गया है । स्वास्थ्य विभाग इलाज कराने के साथ-साथ कुपोषित व क्षयरोग की बीमारी से ग्रसित बच्चों को पौष्टिक आहार, खाना खाने के लिए राशन भी उपलब्ध कराया जाएगा। जिस परिवार का बच्चा या परिवार के अन्य कोई सदस्य टीबी रोग से ग्रसित है, उन्हें मास्क भी दिया जाएगा। कारण तपेदिक एक जीवाणु रोग है जिससे इसके जीवाणु हवा में फैलते हैं। एक टीबी रोगी से 15 आसपास के नए लोगों को प्रभावित होने की आशंका होती है। इसके जीवाणु ऐसे लोगों पर हमला करते हैं, जो शारीरिक रूप से कुपोषित होते हैं। इसकी श्रृंखला न बनने पाए इसके लिए परिवार में टीवी से ग्रसित लोगों को हाइजेनिक किट के साथ-साथ अन्य सुझाव भी इसकी रोकथाम के लिए दिए जाएंगे।


Conclusion:इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मधु गैरोला ने बताया की टीवी ने बताया की इसके लिए कट द चेन प्लान तैयार किया गया है, इसे जड़ से समाप्त करने के लिए जिस परिवार में तपेदिक के रोगी मिले है यह रोग श्रृंखला का रुप न ले इसके लिए उस रोगी को तपेदिक से मुक्ति दिलाया जायेगा।

बाईट- मधु गैरोला(मुख्य चिकित्सा अधिकारी)
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